इसी महीने पेश होगा केंद्रीय बजट (Union Budget), वित्तमंत्री बनाएंगी नया रिकॉर्ड

इसी महीने पेश होगा केंद्रीय बजट (Union Budget), वित्तमंत्री बनाएंगी नया रिकॉर्ड

Authored By: रमेश यादव

Published On: Thursday, July 4, 2024

Updated On: Thursday, July 4, 2024

Nirmala Sitaraman will be presented union budgetb 2024
Nirmala Sitaraman will be presented union budgetb 2024

केंद्रीय बजट 2024 भारत के आर्थिक कैलेंडर की सबसे प्रमुख घटनाओं में से एक है। यह बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जायेगा जो आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की वित्तीय योजनाओं और नीतियों की रूपरेखा तय करेगा।

Authored By: रमेश यादव

Updated On: Thursday, July 4, 2024

18वीं लोकसभा का पहला सत्र और राज्यसभा का 264वां सत्र क्रमशः 24 और 27 जून को बुलाया गया था। 27 जून को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक हुई थी जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संबोधित किया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन के बाद धन्यवाद प्रस्ताव के साथ लोकसभा को 2 जुलाई जबकि राज्यसभा को 3 जुलाई से अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है। इसी के साथ अब सबकी निगाहें मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट पर टिक गई है।

बजट केंद्र के रेवेन्यू और खर्च का अनुमान है। यह केंद्र सरकार के वित्त का सबसे व्यापक लेखा-जोखा है। बजट में सभी स्रोतों से राजस्व के साथ-साथ सरकार द्वारा किए गए खर्च का डिटेल्स होता है। केंद्रीय बजट 2024 भारत के आर्थिक कैलेंडर की सबसे प्रमुख घटनाओं में से एक है। यह बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) द्वारा पेश किया जायेगा जो आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की वित्तीय योजनाओं और नीतियों की रूपरेखा तय करेगा।

मानसून सत्र (Monsoon Session) में पेश होगा केंद्रीय बजट

2024-25 का पूर्ण बजट इस बार संसद के मानसून सत्र के दौरान पेश किया जायेगा। साथ ही बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जा सकता है। वैसे बजट की सही तारीख क्या होगी इसका ऐलान जल्द ही किया जायेगा। सूत्रों की मानें तो संसद के दो सत्रों के बीच कम से कम 15 दिन का अंतर होता है जिस कारण इसके 23 जुलाई या 24 जुलाई को पेश किये जाने की संभावना है। आगामी केंद्रीय बजट 2024-25 में सरकार को बुनियादी ढांचे के विकास पर अपना ध्यान केंद्रित रखने की उम्मीद है।

बजट फरवरी के बजाय जुलाई में क्यों

केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से हर साल केंद्रीय बजट को 1 फरवरी को पेश किया जाता रहा है। इस साल भी 1 फरवरी को बजट पेश तो किया गया था लेकिन चुनावी साल होने की वजह से वह अंतरिम बजट था। 18वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने तीसरी बार जीत दर्ज कर केंद्र में सरकार बनाई है। तीसरी बार सरकार का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पुराने मंत्रिमंडल सहयोगियों को बरकरार रखा है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पिछली सरकार में भी वित्तमंत्रालय का ही काम देख रही थीं। देश के वित्त मंत्री के रुप में एक बार फिर से निर्मला सीतारमण इस महीने पूर्ण केंद्रीय बजट पेश करेंगी।

बजट पेश होने की तारीख और समय

वित्त वर्ष 2024-2025 के लिए केंद्रीय बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 23 जुलाई या 24 जुलाई को सुबह 11:00 बजे संसद में पेश किये जाने की उम्मीद है। वित्त मंत्री आम तौर पर सालाना केंद्रीय बजट पेश करती हैं। लेकिन इस साल दो बार बजट पेश हो रहा है। एक फरवरी, 2024 को एक अंतरिम बजट पेश किया गया था। अब जब सरकार का गठन हो गया है तब पूर्ण केंद्रीय बजट पेश किया जायेगा। यह बजट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार गठित केंद्र सरकार की प्राथमिकता व विकसित भारत की दिशा तय करेगा।

बजट के साथ बनेगा एक नया रिकॉर्ड

इस बार का बजट पेश करने के बाद एक रिकॉर्ड भी बनेगा। बजट पेश करने के साथ ही केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई को पीछे छोड़ देंगी। वित्त मंत्री के रूप में मोरारजी देसाई ने लगातार छह बजट पेश किया था जबकि निर्मला सीतारमण सातवीं बार बजट पेश करेंगी। जाहिर है निर्मला सीतारमण के सिर देश की पहली मंत्री होने का सेहरा बंधेगा जिन्होंने सात बजट को लगातार पेश किया। इस बार केन्द्रीय बजट से आम जनता, मध्यम वर्ग के साथ औद्योगिक घरानों को काफी उम्मीदें हैं।

About the Author: रमेश यादव
रमेश यादव ने राष्ट्रीय और राजनीतिक समाचारों के क्षेत्र में व्यापक लेखन और विश्लेषण किया है। उनके लेख राजनीति के जटिल पहलुओं को सरलता और गहराई से समझाते हैं, जो पाठकों को वर्तमान राजनीतिक घटनाओं और नीतियों की बेहतर समझ प्रदान करते हैं। उनकी विशेषज्ञता सिर्फ सूचनाओं तक सीमित नहीं है; वे अपने अनुभव के आधार पर मार्गदर्शन और प्रासंगिक दृष्टिकोण भी प्रस्तुत करते हैं। रमेश यादव की लेखनी तथ्यों पर आधारित और निष्पक्ष होती है, जिससे उन्होंने पत्रकारिता और विश्लेषण के क्षेत्र में अपनी एक मजबूत पहचान बनाई है।

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