लोकसभा में अमित शाह ने पेश किए तीन अहम बिल, विपक्ष ने किया जोरदार हंगामा

Authored By: Ranjan Gupta

Published On: Wednesday, August 20, 2025

Last Updated On: Wednesday, August 20, 2025

Amit Shah Lok Sabha Bills 2025 लोकसभा में पेश करते हुए दृश्य.
Amit Shah Lok Sabha Bills 2025 लोकसभा में पेश करते हुए दृश्य.

अमित शाह ने लोकसभा में संविधान संशोधन सहित तीन बड़े बिल पेश किए. इनके तहत यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री किसी गंभीर अपराध में लगातार 30 दिन तक जेल में रहते हैं, तो 31वें दिन उन्हें पद छोड़ना अनिवार्य होगा. विपक्ष ने इस पर जोरदार हंगामा किया और बिल की प्रतियां फाड़ दीं.

Authored By: Ranjan Gupta

Last Updated On: Wednesday, August 20, 2025

Amit Shah Lok Sabha Bills 2025: गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में संविधान संशोधन विधेयक सहित तीन अहम बिल पेश किए. इन विधेयकों का मुख्य प्रावधान यह है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री किसी गंभीर अपराध में फंसता है और लगातार 30 दिन तक जेल में रहता है, तो 31वें दिन उसे पद छोड़ना होगा. जैसे ही ये बिल पेश हुए, सदन में विपक्ष ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया. विरोधी सांसदों ने नारेबाजी की, वेल में पहुंचकर प्रदर्शन किया और बिल की प्रतियां फाड़कर अमित शाह की ओर उछाल दीं.

इन तीनों बिलों को अलग-अलग इसलिए लाया गया है क्योंकि केंद्र सरकार, राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों के नेताओं के लिए अलग-अलग नियम तय किए गए हैं.

जेपीसी को भेजे जाएंगे बिल

अमित शाह ने बिल को 21 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजने का प्रस्ताव दिया, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने इस मौके पर कहा कि राजनीति में शुचिता और नैतिकता जरूरी है और कई बार ऐसे कानून इन्हें मजबूत करने के लिए बनाए जाते हैं. अब यह बिल आगे की चर्चा के लिए जेपीसी को भेज दिया गया है.

ये तीन बिल हैं:-

  1. केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक 2025
  2. संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025
  3. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 

इनका मकसद स्पष्ट हैम, अगर कोई प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री गंभीर अपराध में गिरफ्तार होकर लगातार तीस दिन जेल में रहता है, तो उसे स्वतः पद से हटना होगा. पृष्ठभूमि में यह भी ध्यान देने योग्य है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी ने गिरफ्तारी के बाद भी पद नहीं छोड़ा था.

संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025

इसमें प्रावधान है कि अगर प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री किसी ऐसे अपराध में 30 दिन तक जेल में रहते हैं, जिसकी सजा पांच साल या उससे ज्यादा हो सकती है, तो उन्हें 31वें दिन पद छोड़ना अनिवार्य होगा. सरकार का कहना है कि इसका उद्देश्य संवैधानिक नैतिकता और सुशासन को मजबूत करना है.

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025

इसमें जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 54 में बदलाव किया गया है. नई धारा (5A) के अनुसार, कोई मंत्री अगर गंभीर अपराध में 30 दिन तक जेल में रहता है, तो उपराज्यपाल उसे 31वें दिन हटा देंगे. अगर मुख्यमंत्री ऐसा करते हैं, तो उन्हें भी त्यागपत्र देना होगा, अन्यथा वे स्वतः पद से बाहर माने जाएंगे. खास बात यह है कि जेल से रिहा होने पर उपराज्यपाल चाहें तो मुख्यमंत्री या मंत्री को दोबारा नियुक्त कर सकते हैं.

केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025

यह विधेयक केंद्र शासित प्रदेशों में भी वही प्रावधान लागू करता है, ताकि वहां की सरकारों में भी पारदर्शिता और जनता का विश्वास कायम रह सके.

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रंजन कुमार गुप्ता डिजिटल कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें डिजिटल न्यूज चैनल में तीन वर्ष से अधिक का अनुभव प्राप्त है. वे कंटेंट राइटिंग, गहन रिसर्च और SEO ऑप्टिमाइजेशन में माहिर हैं. शब्दों से असर डालना उनकी कला है और कंटेंट को गूगल पर रैंक कराना उनका जुनून! वो न केवल पाठकों के लिए उपयोगी और रोचक लेख तैयार करते हैं, बल्कि गूगल के एल्गोरिदम को भी ध्यान में रखते हुए SEO-बेस्ड कंटेंट तैयार करते हैं. रंजन का मानना है कि "हर जानकारी अगर सही रूप में दी जाए, तो वह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है." यही सोच उन्हें हर लेख में निखरने का अवसर देती है.


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