Jivitputrika Paran 2025: क्यों खाई जाती हैं जीवित्पुत्रिका व्रत के पारण पर ये 5 सामग्रियां
Authored By: स्मिता
Published On: Friday, September 12, 2025
Last Updated On: Friday, September 12, 2025
जीवित्पुत्रिका व्रत के पारण के अवसर पर 5 सामग्री जरूर खाई जाती है. जानते हैं क्यों खाई जाती हैं ये सामग्रियां.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Friday, September 12, 2025
Jivitputrika Paran 2025: जितिया को जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है. मांओं द्वारा रखा जाने वाला यह व्रत आध्यात्मिक रूप से सबसे पवित्र व्रतों में से एक है. निर्जला व्रत रखने के कारण व्रती को कुछ कठिनाई भी हो सकती है. यह व्रत विशेष रूप से संतान की दीर्घायु और सुरक्षा के लिए समर्पित है. व्रत के साथ-साथ नहाय खाय और पारण का भी बहुत अधिक महत्व है. यह व्रत भगवान कृष्ण के समय से मनाया जाता रहा है. नहाय खाय और पारण के दिन 5 सामग्री विशेष रूप से खाई जाती है.
कब है जीवित्पुत्रिका का पारण (Jivitputrika Paran 2025)
वर्ष 2025 में जीवित्पुत्रिका (जितिया) व्रत रविवार, 14 सितंबर, 2025 को मनाया जा रहा है. इसका पारण (व्रत तोड़ना) सोमवार, 15 सितंबर 2025 को होगा. अष्टमी तिथि लगभग सुबह 6:15 बजे समाप्त होगी और नवमी तिथि प्रारंभ होगी. नवमी तिथि में ही पारण करना चाहिए. 15 सितंबर को सूर्योदय के बाद स्नान कर तुलसी के पौधे को जल अर्पित करके पारण किया जा सकता है.
क्यों खाई जाती है पारण और नहाय खाय पर यह 5 सामग्री
पारण और नहाय खाय के अवसर पर मडुआ, देसी मटर, नोनी का साग, अरवी और लोबिया खाई जाती है. दरअसल, ये सारी चीज़ें बहुत आसानी से उग आती हैं. इनके पौधों को बहुत अधिक देखभाल और खाद-पानी की जरूरत नहीं पड़ती है. माएं इन्हें भोजन में लेने के माध्यम से ईश्वर से यह प्रार्थना करती हैं कि उनकी संतानें भी इन पौधों की तरह हर परिस्थिति में जीयें. लंबी आयु पाएं और हमेशा स्वस्थ रहें.
पारण और नहाय खाय पर ली जाने वाली 5 सामग्री ( Jivitputrika Paran 2025)
1 मडुआ (Millet) – रागी कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है. यह हड्डियों को मजबूत बनाता है. वजन प्रबंधन में सहायक होता है. ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है. पाचन में सुधार करता है और त्वचा व बालों के स्वास्थ्य को बढ़िया बनाता है.
2 देसी मटर (Indigenous Pea) – देशी मटर की किस्में विविध लाभ प्रदान करती हैं, जैसे हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, पाचन में सहायता करना और प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करना. इनमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और पोटेशियम व ज़िंक जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं. इनमें सूजनरोधी, एंटीऑक्सीडेंट और मधुमेहरोधी प्रभावों वाले जैवसक्रिय यौगिक होते हैं. जो इन्हें पोषण और खाद्य सुरक्षा दोनों के लिए मूल्यवान बनाते हैं.
3 नोनी साग (Noni saag) – नोनी साग पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो अपने एंटीऑक्सीडेंट के लिए जानी जाती है. यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं. सूजनरोधी प्रभाव प्रदान करते हैं और उम्र बढ़ने से रोकते हैं. यह इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करके ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है. लिवर और किडनी के स्वास्थ्य को मजबूत करता है. स्किन हेल्थ में सुधार, कोलेस्ट्रॉल कम करके वज़न प्रबंधन और हृदय स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है. इसके फाइबर और सूजनरोधी गुणों के कारण इसका पारंपरिक रूप से कब्ज और गठिया के इलाज में भी उपयोग किया जाता है.
4 अरबी (Arbi or Taro Root) – अरबी कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है. इनमें हाई फाइबर सामग्री के कारण बेहतर पाचन, पोटेशियम और फाइबर से बेहतर हृदय स्वास्थ्य और फाइबर व प्रतिरोधी स्टार्च से ब्लड शुगर नियंत्रण शामिल है. यह विटामिन सी के साथ प्रतिरक्षा को भी बढ़ाता है. एंटीऑक्सीडेंट सुरक्षा प्रदान करता है, जो रोग के जोखिम को कम कर सकता है. यह समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है.
5 लोबिया (Lobia or black-eyed peas) – लोबिया कई तरह के फायदे प्रदान करता है, जैसे कोलेस्ट्रॉल कम करके हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स और हाई फाइबर के कारण ब्लड शुगर नियंत्रण में सुधार होता है. यह पाचन और आंत के स्वास्थ्य में सुधार करता है. हाई प्रोटीन और फाइबर सामग्री के माध्यम से यह वजन प्रबंधन में सहायक होता है. यह प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करता है. हड्डियों को मजबूत करता है, फोलेट और आयरन जैसे आवश्यक विटामिन और मिनरल प्रदान करता है. यह स्वस्थ त्वचा और बालों में योगदान देता है.
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