Chitragupta Puja 2025: शब्द और कलम की ताकत को दर्शाती है चित्रगुप्त पूजा

Authored By: स्मिता

Published On: Wednesday, September 24, 2025

Last Updated On: Wednesday, September 24, 2025

Chitragupta Puja 2025: शब्द और कलम की शक्ति का प्रतीक पूजा दृश्य.
Chitragupta Puja 2025: शब्द और कलम की शक्ति का प्रतीक पूजा दृश्य.

Chitragupta Puja 2025 : धरती के सभी मनुष्यों अच्छे और बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं चित्रगुप्त देव. चित्रगुप्त जी शब्दों के माध्यम से न्याय करते हैं. उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए देशभर में 23 अक्टूबर को चित्रगुप्त पूजा की जा रही है.

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Wednesday, September 24, 2025

Chitragupta Puja 2025: मान्यता है कि सबसे पहले लेखक ब्रह्मा हैं. जीव जगत के सभी प्राणियों के कर्म और भाग्य ब्रह्माजी के हाथों से निश्चित होते हैं. कथा है कि प्राणियों के लेखा-जोखा को लिखने के भार से स्वयं को हल्का करने के लिए उन्होंने भगवान चित्रगुप्त की रचना की. तब से भगवान चित्रगुप्त धरती पर पूजे जाने लगे. इस वर्ष चित्रगुप्त पूजा गुरुवार, 23 अक्टूबर, 2025 को भाई दूज के दिन मनाई जा रही है.

चित्रगुप्त पूजा तिथि और मुहूर्त (Chitragupt Puja Date & Muhurta)

ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार, 23 अक्टूबर गुरुवार को देशभर में चित्रगुप्त पूजा मनाई जाएगी. पूजा का समय दोपहर 1:13 बजे से 3:28 बजे तक है.

चित्रगुप्त पूजा के अनुष्ठान (Chitragupt Puja Rituals)

पूजा के दौरान भक्त आत्मचिंतन करते हैं. अपने कर्मों की समीक्षा करते हैं, और ईमानदारी के मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं. इस पूजा में कलम, कागज और दवात जैसी वस्तुओं की विशेष पूजा होती है. साथ ही रोली और घी से कोरे कागज पर स्वास्तिक बनाने जैसे अनुष्ठान भी किए जाते हैं.

क्या है चित्रगुप्त पूजा कथा (Chitragupt Puja Katha)

चित्रगुप्त पूजा कथा के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने अपने शरीर से चित्रगुप्त की रचना की, ताकि वे आत्माओं के लेखा-जोखा रखने वाले के रूप में कार्य करें. वे सभी अच्छे-बुरे कर्मों का लेखा-जोखा लेकर व्यक्ति के परलोक में भाग्य का निर्धारण करें. भगवान ब्रह्मा ने इसके लिए लंबे समय तक ध्यान किया. जब उन्होंने अपनी आंखें खोलीं, तो उन्होंने एक व्यक्ति को कलम और दवात लिए हुए देखा, जिसकी कमर में तलवार थी. ब्रह्माजी के अनुसार, यह व्यक्ति उनके शरीर (काया) से उत्पन्न हुआ, इसलिए उनके वंशज कायस्थ कहलाए.

चित्रगुप्त नाम क्यों पड़ा

भगवान ब्रह्मा ने उनका नाम “चित्रगुप्त” रखा, क्योंकि वे उनके मन (चित्रा) में और गुप्त रूप से (गुप्त) अवतरित हुए थे. इस कथा के अनुसार चित्रगुप्त न्याय के देवता भी हैं. वे नकारात्मक कर्मों का शमन कर सकते हैं.

न्याय के देवता चित्रगुप्त (Lord Chitragupt)

ब्रह्मा ने उन्हें न्याय करने और धर्म का उल्लंघन करने वालों को दंड देने का निर्देश दिया. साथ ही उन्हें सभी भाषाओं और शास्त्रों का ज्ञान भी प्रदान किया. चित्रगुप्त को प्रत्येक आत्मा के अच्छे और बुरे, दोनों प्रकार के कर्मों का लेखा-जोखा रखने का पवित्र कर्तव्य सौंपा गया था.

मृत्यु के देवता धर्मराज के सहायक (Mrityu Dev Dharmraaj Friend)

वे मृत्यु के देवता (धर्मराज) यम के सहायक और विश्वसनीय मित्र के रूप में कार्य करते हैं और उनके कर्तव्यों में उनकी सहायता करते हैं. मान्यता है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद चित्रगुप्त के अभिलेखों का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि आत्मा स्वर्ग जाएगी या नर्क या उसे कोई अन्य जीवन प्राप्त होगा.

चित्रगुप्त पूजा का महत्व (Chitragupt Puja Significance)

चित्रगुप्त कथा सुदास नामक एक क्रूर राजा के बारे में बताती है, जो चित्रगुप्त की पूजा करके नर्क के दंड से बच गया था. चित्रगुप्त की पूजा लोगों को ईमानदारी और आत्म-अनुशासन के साथ जीने के महत्व की याद दिलाती है. चित्रगुप्त पूजा करने से धार्मिक आचरण करने की प्रेरणा मिलती है और आंतरिक मुक्ति को बढ़ावा मिलता है. यह पूजा अक्सर यम द्वितीया (भाई दूज) पर की जाती है. यह यम और चित्रगुप्त के सम्मान के लिए समर्पित दिन है.

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स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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