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आधी भारतीय, पूरी जीनियस! एलन मस्क की पार्टनर शिवोन जिलिस कौन हैं?
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Monday, December 1, 2025
Last Updated On: Monday, December 1, 2025
एलन मस्क ने हाल ही में खुलासा किया कि उनकी पार्टनर शिवोन जिलिस ‘आधी भारतीय’ हैं जिसके बाद दुनिया भर की सुर्खियां उनकी ओर मुड़ गईं. AI, न्यूरोटेक्नोलॉजी और डीप टेक की दुनिया में शिवोन पहले से ही बड़ा नाम हैं, लेकिन मस्क के इस बयान ने उन्हें अचानक ग्लोबल फोकस में ला दिया है. आखिर कौन हैं शिवोन? कैसे बनीं मस्क की खास, और क्या है उनकी इंडियन कनेक्शन की कहानी? यहां पढ़ें पूरा सच.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Monday, December 1, 2025
दुनिया के सबसे चर्चित उद्यमियों में गिने जाने वाले एलन मस्क (Elon Musk) ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में अपनी पार्टनर शिवोन जिलिस का जिक्र करते हुए कहा- ‘वो आधी भारतीय हैं.’ यह एक लाइन इतनी तेजी से वायरल हुई कि कुछ ही घंटों में शिवोन सोशल मीडिया और न्यूज़ प्लेटफॉर्म्स पर ट्रेंड करने लगीं. AI, मशीन इंटेलिजेंस और न्यूरोटेक्नोलॉजी की दुनिया में पहले से ही अपनी पहचान बना चुकीं शिवोन जिलिस मस्क की कंपनियों न्यूरालिंक और ओपनएआई से गहराई से जुड़ी रही हैं. येल यूनिवर्सिटी की मेधावी छात्रा, AI में फ़ोर्ब्स की ‘30 अंडर 30’ लिस्ट में शामिल प्रतिभा और कई हाई-टेक स्टार्टअप्स की रणनीतिक दिमाग शिवोन का सफर उतना ही रोचक है जितना मस्क का बयान.
मस्क ने यहां तक बताया कि उनके एक बेटे के नाम में ‘शेखर’ शब्द भी शामिल है, जो भारत के महान वैज्ञानिक सुब्रह्मण्यन चंद्रशेखर से प्रेरित है. इस खुलासे के बाद शिवोन जिलिस के बैकग्राउंड, उनकी उपलब्धियों और उनके भारतीय कनेक्शन को लेकर दुनिया भर में नई जिज्ञासा पैदा हो गई है. तो आखिर कौन हैं शिवोन जिलिस? कैसे हुई मस्क से मुलाकात? और क्यों कहा जा रहा है कि वह AI की दुनिया में भविष्य बदलने वाली दिमाग़ों में से एक हैं? चलिए विस्तार से जानते हैं.
कौन हैं शिवोन जिलिस?
एलन मस्क और शिवोन जिलिस के अब चार बच्चे हैं. दोनों कई सालों से साथ हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक शादी नहीं की है. शिवोन जिलिस, मस्क की न्यूरोटेक्नोलॉजी कंपनी न्यूरालिंक में एग्जीक्यूटिव की अहम भूमिका निभाती हैं. मस्क के भरोसेमंद सर्कल में वह लंबे समय से शामिल हैं.
शिवोन जिलिस का जन्म 1986 में कनाडा के ओंटारियो में हुआ था. वह कनाडा और अमेरिका, दोनों की नागरिक हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई कनाडा में हुई और आगे की पढ़ाई के लिए वह अमेरिका गईं. उन्होंने येल यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र और दर्शनशास्त्र में डिग्री हासिल की. 2008 में ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद उन्होंने IBM से अपना करियर शुरू किया.
करियर की शुरुआत से ही शिवोन टेक, डेटा और इनोवेशन से जुड़ी भूमिकाओं में रहीं. IBM में कुछ समय काम करने के बाद वह ब्लूमबर्ग एलपी की वेंचर कैपिटल शाखा ब्लूमबर्ग बीटा में पहुंचीं. यहां उन्होंने कई स्टार्टअप्स को करीब से समझा और मशीन इंटेलिजेंस में निवेश से जुड़ा अनुभव हासिल किया. इसी दौरान वह ब्लूमबर्ग बीटा की संस्थापक टीम का हिस्सा बन गईं. यह उनके करियर का बड़ा मोड़ साबित हुआ.
फोर्ब्स की लिस्ट में भी शामिल
शिवोन, टोरंटो यूनिवर्सिटी की क्रिएटिव डिस्ट्रक्शन लैब में फेलो भी रह चुकी हैं. यहां उन्होंने डीप टेक और AI से जुड़े कई स्टार्टअप्स को बढ़ाने में मदद की. टेक इंडस्ट्री में उनकी बढ़ती पहचान को देखते हुए फोर्ब्स ने 2015 में उन्हें अपनी मशहूर ‘30 अंडर 30’ लिस्ट में शामिल किया. उस वक्त वह AI सेक्टर की उभरती हुई सबसे तेज दिमागों में गिनी जाती थीं.
2016 में मस्क से मुलाकात
2016 में शिवोन ओपनएआई का हिस्सा बनीं. यह वही कंपनी है जिसके को-फाउंडर्स में एलन मस्क भी शामिल थे. शिवोन बहुत जल्दी ओपनएआई के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में जगह बनाने में सफल रहीं और वह सबसे युवा सदस्य बनीं. इसी दौरान उनकी मुलाकात मस्क से हुई. दोनों ने कई प्रोजेक्ट्स पर साथ काम किया और उनके रिश्ते की शुरुआत भी यहीं से हुई.
ओपनएआई के बाद शिवोन धीरे-धीरे मस्क की बाकी कंपनियों से भी जुड़ती गईं. उन्होंने टेस्ला के कई प्रोजेक्ट्स पर भी सलाहकार के तौर पर काम किया.
2017 में न्यूरालिंक से जुड़ीं
2017 शिवोन के करियर का एक और अहम साल साबित हुआ. इसी साल वह न्यूरालिंक में शामिल हुईं. यह कंपनी ब्रेन-मशीन इंटरफेस तकनीक विकसित कर रही है, यानी ऐसा सिस्टम जो इंसानी दिमाग को कंप्यूटर से जोड़ सके. थोड़े ही समय में शिवोन न्यूरालिंक के खास प्रोजेक्ट्स की डायरेक्टर बन गईं. उनकी तकनीकी समझ और तेज फैसले लेने की क्षमता ने उन्हें मस्क की टीम में और मजबूत जगह दिलाई.
2023 में शिवोन शील्ड एआई के बोर्ड में शामिल हुईं. यह एक डिफेंस टेक कंपनी है, जो उन्नत एयरक्राफ्ट बनाती है और उनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करती है. इससे उनके करियर का दायरा और बढ़ गया और वह टेक-डिफेंस सेक्टर की भी महत्वपूर्ण आवाज बन गईं.
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