Posts By: विशेष खेल संवाददाता, गलगोटियाज टाइम्स
कुछ ही दिनों में पेरिस ओलंपिक शुरू होने जा रहा है। इस ओलंपिक के बीच बात हॉकी भारत के उस गुमनाम हीरो की, जिसके नेतृत्व में पहला गोल्ड भारत की झोली में आया।
मोटिवेशनल कहानियां हमारे इर्द-गिर्द बहुत हैं, इनसे हमें सीखना भी चाहिए, लेकिन सूर्या की कहानी सिखाती ही नहीं है, जीवन में कठिनाइयों को काटने की कला से भी परिचित कराती है।
रियल मैड्रिड...फुटबाल की दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित और ताकतवर टीम। शायद हर पेशेवर फुटबालर का सपना इस टीम का हिस्सा बनने का होता है, जाहिर है कि एमबापे का भी यही स्वप्न रहा होगा।
ओलंपिक यानी खेल की दुनिया का महामेला। सैकड़ों खिलाड़ी, दसियों देश और दांव पर हजारों मेडल। यूं तो हर खिलाड़ी की अभिलाषा मेडल जीतना ही होता है, लेकिन ओलंपिक में तो भाग लेना ही अपने आप में एचीवमेंट माना जाता है। कम से कम भारत के संदर्भ में बीते कुछ वर्षों तक तो यही कहा जाता रहा है, लेकिन अब तस्वीर तेजी से बदल रही है। सुनहरी भी हो रही है और सुखद भी।