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Teacher’s Day 2025: इस बार सिर्फ़ 45 टीचर्स को मिलेगा राष्ट्रीय सम्मान, देखें लिस्ट में कौन है, आपके राज्य के किन टीचर्स को मिलेगा पुरस्कार
Authored By: Nishant Singh
Published On: Sunday, August 31, 2025
Last Updated On: Monday, September 1, 2025
Teachers Day 2025: शिक्षक दिवस 2025 (Teacher’s Day 2025) पर इस बार पूरे देश से चुने गए 45 शिक्षकों को राष्ट्रपति सम्मानित करेंगी. शिक्षा मंत्रालय ने जिन नामों की घोषणा की है, उनमें बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल समेत 27 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षक शामिल हैं. यह सम्मान केवल एक अवॉर्ड नहीं बल्कि उस योगदान की पहचान है, जो हमारे गुरुजन बच्चों का भविष्य गढ़ने में करते हैं. देखिए, आपके राज्य से किसे मिला यह गौरवशाली सम्मान.
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Monday, September 1, 2025
Teachers Day 2025: भारत की संस्कृति में शिक्षक का स्थान भगवान से भी ऊंचा माना गया है. “गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वर” की परंपरा आज भी हमारे दिलों में बसी हुई है. हर साल 5 सितंबर को जब देशभर में शिक्षक दिवस मनाया जाता है, तो यह केवल एक औपचारिक दिन नहीं होता बल्कि उन गुरुओं को नमन करने का अवसर होता है जिन्होंने अपनी मेहनत और ज्ञान से लाखों छात्रों का भविष्य संवारा है. इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि इसे हमारे देश के महान दार्शनिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है.
इस बार शिक्षक दिवस 2025 खास है क्योंकि शिक्षा मंत्रालय ने उन शिक्षकों की सूची जारी कर दी है जिन्हें इस वर्ष राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. आइए जानते हैं कि कौन-कौन से राज्यों से किस-किस शिक्षक का नाम इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए चुना गया है.
शिक्षक दिवस 2025 पर 45 शिक्षकों का सम्मान (Honoring 45 Teachers on Teachers’ Day 2025)
शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि इस वर्ष कुल 45 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया जाएगा. इन शिक्षकों का चयन देशभर से हुआ है, जिसमें 27 राज्य, 7 केंद्र शासित प्रदेश और 6 स्कूल संगठन शामिल हैं.
चयनित शिक्षकों में 24 पुरुष और 21 महिला शिक्षक हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि शिक्षा की मशाल जलाने में स्त्री और पुरुष दोनों समान रूप से योगदान दे रहे हैं. इन शिक्षकों को 5 सितंबर 2025 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में भारत की राष्ट्रपति स्वयं सम्मानित करेंगी.
राज्यों और शिक्षकों की सूची (List of States and Teachers)
| शिक्षक का नाम | राज्य/संगठन |
|---|---|
| कंधन कुमारेसन | अंडमान और निकोबार |
| मदाबथुला थिरुमाला श्रीदेवी | आंध्र प्रदेश |
| नंग एकथानी मोंगलंग | अरुणाचल प्रदेश |
| देबजीत घोष | असम |
| सोनिया विकास कपूर | AEES मुंबई |
| कुमारी निघि | बिहार |
| दिलीप कुमार | बिहार |
| रेवती परमेश्वरन | CBSE चेन्नई |
| परवीन कुमारी | चंडीगढ़ |
| डॉ. प्रज्ञा सिंह | छत्तीसगढ़ |
| मधुरिमा आचार्य | पश्चिम बंगाल |
| भाविनीबेन दिनेशभाई देसाई | दादरा नगर हवेली |
| अवघेश कुमार झा | दिल्ली |
| विलास रामनाथ सातारकर | गोवा |
| डब्राहिम एस | लक्षद्वीप |
| भेरुलाल ओसारा | मध्य प्रदेश |
| शीला पटेल | मध्य प्रदेश |
| डॉ. शेख मोहम्मद | महाराष्ट्र |
| डॉ. संदीपन गुरुनाथ जगदाले | महाराष्ट्र |
| कोईजम मचासन | मणिपुर |
| डॉ. हेडपोर यूनी बंग | मेघालय |
| पेलेनो पेटेनिल्हु | नागालैंड |
| संतोष कुमार चौरसिया | छत्तीसगढ़ |
| बसंत कुमार राणा | ओडिशा |
| वी रेक्स उर्फ राधाकृष्णन | पुदुचेरी |
| नरिंदर सिंह | पंजाब |
| नीलम यादव | राजस्थान |
| डॉ. प्रमोद कुमार | बिहार |
| हितेश कुमार प्रवीणचंद्र भुंडिया | गुजरात |
| सुनीता | हरियाणा |
| रशि पॉल | हिमाचल प्रदेश |
| कुलदीप गुप्ता | जम्मू-कश्मीर |
| श्वेता शर्मा | झारखंड |
| मधुसूदन केएस | कर्नाटक |
| तरुण कुमार दास | ओडिशा |
| किशोर कुमार | केरल |
| कर्म टेम्पा एथनपा | सिक्किम |
| विजयलक्ष्मी वी | तमिलनाडु |
| मरम पवित्रा | तेलंगाना |
| बिदिशा मजूमदार | त्रिपुरा |
| मधुरिमा तिवारी | उत्तर प्रदेश |
| राम लाल सिंह यादव | उत्तर प्रदेश |
| मंजुबाला | उत्तराखंड |
| तनुश्री दास | पश्चिम बंगाल |
शिक्षक दिवस सम्मान का महत्व (Significance of Honoring Teachers Day)
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार केवल एक मेडल या प्रमाणपत्र नहीं है, बल्कि यह उस त्याग, धैर्य और सेवा का सम्मान है जो शिक्षक समाज के लिए करते हैं. आज के समय में जब शिक्षा केवल नौकरी पाने का साधन नहीं बल्कि एक मजबूत समाज और जिम्मेदार नागरिक गढ़ने का जरिया बन चुकी है, तब यह पुरस्कार शिक्षकों को और प्रेरित करता है.
इन शिक्षकों ने अपनी शिक्षा पद्धति, नवाचार, और बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाकर यह साबित कर दिया है कि असली राष्ट्रनिर्माता वही हैं. एक शिक्षक का योगदान किताबों तक सीमित नहीं होता बल्कि वह समाज की नींव तैयार करता है.
चयन प्रक्रिया: कैसे चुने जाते हैं शिक्षक? (Selection Process: How are Teachers Selected?)
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार पाने के लिए चयन प्रक्रिया काफी सख्त और पारदर्शी होती है.
- ऑनलाइन आवेदन: सबसे पहले शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर पात्र शिक्षकों से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं. इस बार आवेदन की अंतिम तारीख 20 जुलाई 2025 थी.
- तीन स्तर की प्रक्रिया:
- जिला स्तर – जिलों में शिक्षकों का चयन किया जाता है.
- राज्य स्तर – राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कमेटी नाम आगे भेजती है.
- राष्ट्रीय स्तर – अंत में विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा फाइनल लिस्ट तैयार की जाती है.
- इस प्रक्रिया के बाद ही उन 45 शिक्षकों की घोषणा की गई जिन्हें अब राष्ट्रपति सम्मानित करेंगी.
इस पूरी प्रणाली का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पुरस्कार केवल उन्हीं शिक्षकों को मिले जिन्होंने शिक्षा में असाधारण योगदान दिया है.
आपके राज्य के शिक्षक कौन? (Who are the teachers in your state?)
लोगों की सबसे बड़ी उत्सुकता यही होती है कि “हमारे राज्य से किसे सम्मान मिला?” यही वजह है कि शिक्षा मंत्रालय हर बार शिक्षकों की सूची राज्यवार जारी करता है.
- बिहार से इस बार तीन नाम चुने गए – कुमारी निघि, दिलीप कुमार और डॉ. प्रमोद कुमार.
- उत्तर प्रदेश से दो शिक्षक – मधुरिमा तिवारी और रामलाल सिंह यादव.
- महाराष्ट्र से दो नाम – डॉ. शेख मोहम्मद और डॉ. संदीपन गुरुनाथ जगदाले.
- पश्चिम बंगाल से भी दो शिक्षिकाएं – मधुरिमा आचार्य और तनुश्री दास.
इसी तरह हर राज्य से सर्वश्रेष्ठ शिक्षक चुने गए हैं ताकि हर हिस्से की मेहनत और योगदान को सम्मान मिल सके.
शिक्षक दिवस से जुड़ी कुछ खास बातें (Some special things related to Teacher’s Day)
- यह दिन केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है.
- शिक्षक दिवस हमें याद दिलाता है कि केवल किताबें ही ज्ञान नहीं देतीं, बल्कि एक अच्छा मार्गदर्शक ही असली जीवन की शिक्षा देता है.
- कई शिक्षक ऐसे होते हैं जो ग्रामीण इलाकों में संसाधनों की कमी के बावजूद शिक्षा की ज्योत जलाए रखते हैं, और इन्हीं की मेहनत समाज को बदलती है.
न केवल सम्मान, बल्कि जिम्मेदारी भी (Not only respect, but also responsibility)
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार पाना केवल गर्व का विषय ही नहीं है बल्कि यह आगे की जिम्मेदारी भी बढ़ा देता है. जिन शिक्षकों को सम्मान मिलता है, उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे अपनी शिक्षा पद्धति और अनुभवों को और शिक्षकों के साथ साझा करें ताकि शिक्षा का स्तर पूरे देश में समान रूप से ऊंचा उठ सके.
गुरु ही राष्ट्र निर्माता (Guru is the Nation Builder)
शिक्षक दिवस केवल एक दिन का उत्सव नहीं बल्कि हमारे समाज की आत्मा का प्रतीक है. जिन 45 शिक्षकों को 2025 में यह सम्मान मिलने जा रहा है, वे न केवल अपने विद्यालय या राज्य के लिए प्रेरणा हैं बल्कि पूरे भारत के लिए रोल मॉडल हैं.
एक अच्छे शिक्षक का प्रभाव कभी मिटता नहीं, उसकी सीख जीवनभर चलती है. शायद यही कारण है कि कहा गया है –
“अगर कोई राष्ट्र अपनी सोच बदलना चाहता है, तो उसे पहले अपने शिक्षकों को बदलना होगा.”















