BDS डॉक्टर से हेयर ट्रांसप्लांट करवाना बना जानलेवा: कानपुर में दो युवा इंजीनियरों की मौत!

BDS डॉक्टर से हेयर ट्रांसप्लांट करवाना बना जानलेवा: कानपुर में दो युवा इंजीनियरों की मौत!

Authored By: Sharim Ansari

Published On: Saturday, May 17, 2025

Last Updated On: Tuesday, May 20, 2025

Hair Transplant Deaths in Kanpur: हेयर ट्रांसप्लांट करते हुए एक महिला डॉक्टर, कानपुर में दो इंजीनियरों की मौत का मामला.
Hair Transplant Deaths in Kanpur: हेयर ट्रांसप्लांट करते हुए एक महिला डॉक्टर, कानपुर में दो इंजीनियरों की मौत का मामला.

कानपुर में दो होनहार इंजीनियरों की मौत ने एक खौफनाक सच्चाई उजागर कर दी. जब सौंदर्य की चाह पर सिस्टम की लापरवाही भारी पड़ जाए। हेयर ट्रांसप्लांट के नाम पर हुई ये त्रासदी सिर्फ एक डॉक्टर की भूल नहीं, पूरे स्वास्थ्य तंत्र की गहरी विफलता है। डॉ. अनुष्का तिवारी, जिनके पास केवल डेंटल सर्जरी की डिग्री थी, खुद को हेयर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ बताकर ऐसी प्रक्रिया करती रहीं, जो उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर थी, और नतीजा: दो ज़िंदगियाँ खत्म। एफआईआर दर्ज है, डॉक्टर फ़रार हैं, और प्रशासन अब भी मौन। क्या अब भी हम आंखें मूंदे रहें? यह वक़्त है सख्त जांच, जवाबदेही और एक नई मेडिकल चेतना की शुरुआत का.

Authored By: Sharim Ansari

Last Updated On: Tuesday, May 20, 2025

Hair Transplant Deaths in Kanpur: कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट के नाम पर हुई दो इंजीनियरों की मौतें अब महज़ हादसा नहीं, एक सुनियोजित और घातक लापरवाही की मिसाल बन चुकी हैं. जिन दो युवा पेशेवरों ने अपनी ख़ूबसूरती संवारने की कोशिश की, वे आज जीवित नहीं हैं. इन मौतों के केंद्र में हैं डॉ. अनुष्का तिवारी, जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है लेकिन वह अब तक फरार हैं.

 विनीत दुबे की दर्दनाक मौत

पहला मामला विनीत दुबे का है, जो पनकी पावर हाउस में सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत थे. मार्च 2025 में उन्होंने कानपुर स्थित एक निजी क्लिनिक में हेयर ट्रांसप्लांट कराया था. प्रक्रिया के कुछ ही घंटों के भीतर उनकी हालत गंभीर हो गई—तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत और इलाज के अभाव में मौत.

 मयंक कटियार की कहानी, जो अनसुनी रह गई

दूसरा मामला मयंक कटियार का है, जो फर्रुखाबाद के रहने वाले और पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे. उन्होंने नवंबर 2024 में इसी डॉक्टर के क्लिनिक में ट्रांसप्लांट कराया. प्रक्रिया के बाद उनके चेहरे पर सूजन, सिरदर्द और चक्कर की शिकायत हुई. परिवार ने डॉक्टर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें नज़रअंदाज किया गया. कुछ ही समय में उनकी भी मौत हो गई.

 BDS डॉक्टर द्वारा सर्जरी—क्या यह कानूनी है?

इन दोनों मौतों का सबसे खतरनाक पहलू यह है कि डॉ. अनुष्का तिवारी के पास केवल BDS (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) की डिग्री है. BDS की योग्यता केवल दंत चिकित्सा तक सीमित होती है — न इसमें त्वचा या सिर की सर्जरी की अनुमति होती है, न ही एनेस्थीसिया जैसी जटिल प्रक्रियाओं की विशेषज्ञता. फिर भी, उन्होंने खुद को हेयर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ बताकर ऐसी प्रक्रिया को अंजाम दिया जो उनके अधिकार क्षेत्र से बहुत बाहर थी.

 यह व्यक्तिगत नहीं, व्यवस्था की नाकामी है

यह महज़ व्यक्तिगत लापरवाही नहीं, बल्कि सिस्टम की गहरी विफलता को भी उजागर करता है. सवाल उठता है — एक BDS डॉक्टर कैसे खुलेआम सर्जरी कर सकती है? क्लिनिक कैसे रजिस्टर हुआ? और मौत के महीनो बाद भी प्रशासनिक तंत्र इतना सुस्त क्यों है?

 दूसरी तरफ, इन दोनों मामलों में मेडिकल काउंसिल और स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी भी शर्मनाक है. न तो डॉक्टर की सर्जिकल योग्यता की जांच हुई, न ही क्लिनिक की वैधता को लेकर कोई पारदर्शिता अपनाई गई. इससे यह स्पष्ट होता है कि सिर्फ “डॉ.” शब्द के पीछे छिपकर कितने लोग आम नागरिकों की जान से खेल रहे हैं.

 कॉस्मेटिक इंडस्ट्री: सौंदर्य से ज़्यादा मुनाफा

आज कॉस्मेटिक प्रक्रियाएं सिर्फ सौंदर्य का साधन नहीं रहीं, ये एक मुनाफे की मंडी बन चुकी हैं. हर गली-मोहल्ले में बिना लाइसेंस और अनुभव के क्लीनिक चलाए जा रहे हैं, जिनका लक्ष्य सिर्फ कमाई है — चाहे उसकी कीमत किसी की ज़िंदगी क्यों न हो.

 अब बदलाव की ज़रूरत है

अब यह जरूरी हो गया है कि:

  • हर डॉक्टर की विशेषज्ञता और सर्जरी की अनुमति सार्वजनिक की जाए.
  • मेडिकल काउंसिल ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करे और लाइसेंस तुरंत रद्द हो.
  • गैर-योग्य डॉक्टरों द्वारा किए गए सभी कॉस्मेटिक सर्जरी क्लीनिकों की तत्काल जांच हो.

 न्याय की मांग और चेतावनी

कानपुर की इन दो मौतों को हम यदि ‘चूक’ मानकर भूल जाएं, तो अगली चूक किसी अपने की ज़िंदगी छीन सकती है. यह सिर्फ कानून का सवाल नहीं, नैतिक जवाबदेही का भी समय है.

About the Author: Sharim Ansari
मो. शारिम अंसारी ने कंवर्जेंट जर्नलिज़्म में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है और प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम करते हुए डिजिटल लेखन, रिसर्च और न्यूज़ स्टोरीज़ का अनुभव प्राप्त किया है. इनकी लेखन शैली तथ्यपूर्ण, सरल और प्रभावशाली होती है, जो पाठकों से सीधे जुड़ती है. कंटेंट निर्माण में इनकी पकड़ और गहराई स्पष्ट रूप से झलकती है.
Leave A Comment

अन्य खबरें

अन्य लाइफस्टाइल खबरें