Trending Parenting Styles : सख्ती और नर्मी के साथ-साथ अनुभवों के आधार पर पैरेंटिंग का बढ़ा चलन

Authored By: अंशु सिंह

Published On: Monday, October 6, 2025

Updated On: Monday, October 6, 2025

Trending Parenting Styles: सख्ती और नर्मी के संतुलन के साथ अनुभवों पर आधारित आधुनिक पैरेंटिंग का चलन बढ़ा है.

पैरेंटिंग की प्रक्रिया निरंतर बदलती रही है. हर युग के सांस्कृतिक, तकनीकी र मनोवैज्ञानिक संदर्भों के अनुरूप इसमें बदलाव आता रहता है. आज जब हम दुनिया की गहरी चुनौतियों और प्रगति के बीच अपनी पीढ़ी की परवरिश कर रहे हैं, तो उसके लिए सबसे अधिक आवश्यक है प्यार. हालांकि, इन दिनों पैरेंटिंग के कई स्टाइल्स ट्रेंड कर रहे हैं. जैसे, साइकिल ब्रेकिंग (Cycle Breaking Parenting), फाफो पैरेंटिंग (FAFO Parenting) आदि.

Authored By: अंशु सिंह

Updated On: Monday, October 6, 2025

Trending Parenting Styles: भारत में पैरेंटिंग हमेशा से परंपराओं, सांस्कृतिक मूल्यों और पारिवारिक अपेक्षाओं में गहराई से निहित रहा है. लेकिन जैसे-जैसे जीवनशैली बदल रही है, शहरों का विस्तार हो रहा है. वैश्विक प्रभाव हर घर तक पहुंच रहा है और पैरेंटिंग की विविध शैलियां भी विकसित हो रही हैं. आज भारतीय माता-पिता आत्मविश्वासी, दयालु और लचीले बच्चों के पालन-पोषण की उम्मीद में सदियों पुराने ज्ञान और आधुनिक पैरेंटिंग के बीच संतुलन बनाना सीख रहे हैं. असल में उलझनों और जटिलताओं से भरी इस दुनिया में पैरेंटिंग के ट्रेंड भी बड़े बदलावों से गुजर रहे हैं. आज लड़कियों के लिए गुलाबी और लड़कों के लिए नीला जैसे विचार लगभग पुराने हो चुके हैं. आधुनिक पैरेंट्स इन्हें नकार रहे. ज़्यादातर शहरी माता-पिता लैंगिक भेदभाव वाली भाषा का इस्तेमाल करने से बचते हैं. इस तरह, वे कपड़ों, खिलौनों के लचीले चयन के जरिए लैंगिक विविधता को अपना रहे हैं और अपने बच्चों को बिना किसी पूर्वाग्रह के अपनी बात कहने की पूरी आजादी दे रहे हैं. सवाल है कि आपके परिवार के लिए कौन-सी पैरेंटिंग स्टाइल सही है? आइए डालते हैं उन तरीकों पर, जिससे आप अपने बच्चों की सही से परवरिश कर सकते हैं.

साइकिल ब्रेकिंग (cycle breaking style): यह एक ऐसी शैली है, जिसमें पैरेंट्स जानबूझकर अपने बचपन के निगेटिव पैटर्न को दोहराने से बचते हैं. कठोर अनुशासन, उपेक्षा या पुरानी मान्यताओं का इस्तेमाल करने के बजाय वे समझ, धैर्य और भावनात्मक समर्थन पर ध्यान केंद्रित करते हैं. युवा माता-पिता स्वस्थ पारिवारिक वातावरण बनाने और बच्चों को सुरक्षित, आत्मविश्वासी और प्यार महसूस कराने के लिए इस दृष्टिकोण को अपना रहे हैं. वे खुले संवाद, सहानुभूति और सकारात्मक उदाहरण स्थापित करने को प्राथमिकता देते हैं, जिससे गलतफहमी का चक्र टूटता है. बाल मनोवैज्ञानिक गीतिका कपूर कहती हैं कि यदि किसी माता-पिता का पालन-पोषण सख्त माहौल में हुआ है, तो अब वे यह सुनिश्चित करते हैं कि उनके अपने बच्चे के साथ वही सख्ती न दोहराई जाए. वे जानबूझकर अलग रास्ता चुन रहे हैं. ऐसा करने से उनके बच्चों का पालन-पोषण स्वस्थ होता है. मेंटल हेल्थ एवं इमोशनल संतुलन के प्रति बढ़ती जागरूकता के साथ माता-पिता मजबूत, खुशहाल परिवार बनाने के लिए इस शैली को अपना रहे हैं.

एफएएफओ पैरेंटिंग ( FAFO Parenting) : फाइंड आउट फॉर योरसेल्व्स पैरेंटिंग की यह शैली भले ही इन दिनों ट्रेंड कर रही हो, लेकिन इसके सिद्धांत नए नहीं हैं. फ्लोरिडा के गेन्सविले स्थित चाइल्ड्स अकादमी की शिक्षिका रेबेका पैट्रिक कहती हैं कि बिना किसी हस्तक्षेप के पालन-पोषण की यह शैली मूलतः बच्चों को प्राकृतिक परिणामों से सीखने देने के समान है. जेनरेशन एक्स को लगता है कि उनके बचपन में एफएएफओ (FAFO) एक सामान्य बात थी, बस इसका आकर्षक नाम गायब था. विशेषज्ञों का कहना है कि एफएएफओ पेरेंटिंग एक दृढ़, परिणाम-आधारित दृष्टिकोण है जहां बच्चे बार-बार दी जाने वाली चेतावनियों के बजाय वास्तविक दुनिया के परिणामों से सीखते हैं. इस दृष्टिकोण के अनुसार, प्राकृतिक परिणाम बच्चों को केवल अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने के बजाय निर्णय लेने में सशक्त महसूस कराकर आलोचनात्मक सोच कौशल के विकास में सहायक होते हैं.

लाइटहाउस पैरेंटिंग (Lighthouse Parenting) : प्रतिष्ठित बाल रोग विशेषज्ञ और लेखक डॉ. केनेथ गिन्सबर्ग द्वारा गढ़ी गई, ‘लाइटहाउस पैरेंटिंग’ एक ऐसा मॉडल है, जो अटूट प्यार और सहयोग के साथ-साथ बच्चों को स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता विकसित करने के लिए आवश्यक स्पेस प्रदान करता है. तट पर एक लाइटहाउस की कल्पना कीजिए. यह जहाजों को दिशा या तूफानों को शांत नहीं करता, बल्कि प्रकाश के एक स्थिर, विश्वसनीय स्रोत के रूप में खड़ा होता है, जो जहाजों को बंदरगाह तक सुरक्षित रूप से पहुंचाता है. लाइटहाउस पैरेंट भी यही करते हैं. वे निरंतर और प्रेमपूर्ण उपस्थिति प्रदान करते हैं, स्पष्ट मार्गदर्शन देते हैं और दृढ़ सीमाएं निर्धारित करते हैं. वे अपने बच्चे पर भरोसा करते हैं, जिससे कि वह जीवन की लहरों व ठोकरों, गलतियों आदि निपटना सीख जाते हैं.

टॉप पैरेंटिंग ट्रेंड्स

  • आज पैरेंट्स अपने बच्चों के लिए समग्र स्कूली शिक्षा और भविष्योन्मुखी संस्थानों को प्राथमिकता देते हैं. खासकर, महामारी के बाद से होमस्कूलिंग, हाइब्रिड और 100% ऑनलाइन स्कूलिंग को व्यापक रूप से स्वीकृति मिली है.
  • आधुनिक माता-पिता ऑनलाइन संसाधनों तक पहुंचने और अपने बच्चे की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करते हैं. इसके अलावा, वे बच्चों के पालन-पोषण के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने के लिए भी तकनीक का उपयोग करते हैं.
  • आजकल के पैरेंट्स हेल्दी ब्रेकफास्ट के विकल्पों के बारे में जागरूक हैं और बेहतर फूड च्वाइस के लिए इन पर अधिक पैसा लगाने को भी तैयार हैं. इसी तरह, खेलकूद, जिम और शारीरिक गतिविधियों में समय बिताना भी एक अच्छा चलन देखा जा रहा है. कई माता-पिता बच्चों को इसके लिए प्रेरित कर रहे.

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About the Author: अंशु सिंह
अंशु सिंह पिछले बीस वर्षों से हिंदी पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं। उनका कार्यकाल देश के प्रमुख समाचार पत्र दैनिक जागरण और अन्य राष्ट्रीय समाचार माध्यमों में प्रेरणादायक लेखन और संपादकीय योगदान के लिए उल्लेखनीय है। उन्होंने शिक्षा एवं करियर, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक मुद्दों, संस्कृति, प्रौद्योगिकी, यात्रा एवं पर्यटन, जीवनशैली और मनोरंजन जैसे विषयों पर कई प्रभावशाली लेख लिखे हैं। उनकी लेखनी में गहरी सामाजिक समझ और प्रगतिशील दृष्टिकोण की झलक मिलती है, जो पाठकों को न केवल जानकारी बल्कि प्रेरणा भी प्रदान करती है। उनके द्वारा लिखे गए सैकड़ों आलेख पाठकों के बीच गहरी छाप छोड़ चुके हैं।
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