Special Coverage
नेपाल की पहचान हिंदू राष्ट्र की थी: मनीषा कोइराला
नेपाल की पहचान हिंदू राष्ट्र की थी: मनीषा कोइराला
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Thursday, May 9, 2024
Updated On: Wednesday, May 15, 2024
संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज 'हीरामंडी' से मनीषा कोइराला फिर से चर्चा में आईं। लेकिन 'हीरामंडी' के अलावा नेपाल में वे इन दिनों राजनीतिक बयानबाजी के कारण भी चर्चा में हैं।
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Updated On: Wednesday, May 15, 2024
नब्बे के दशक में बॉलीवुड में एक नेपाली गर्ल का डंका बजता था। वह हमेशा चर्चा में रहती थीं। नाम है, मनीषा कोइराला। पिछले लंबे समय से वह बॉलीवुड से दूर थीं। एक मई को संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ से मनीषा कोइराला फिर से चर्चा में आईं। लेकिन इस वेब सीरीज के अलावा नेपाल में वे इन दिनों राजनीतिक बयानबाजी के कारण भी चर्चा में हैं।
मनीषा कोइराला पिछले दिनों नेपाल में एक चैनल को इंटरव्यू दीं। इस इंटरव्यू में उन्होंने धर्म से लेकर नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता से जुड़े सवालों का खुल कर जवाब दिया। एक सवाल के जवाब में वह कहती हैं, ‘नेपाल दुनिया का इकलौता हिंदू राष्ट्र था। दुनिया में हमारी पहचान ही हिंदू राष्ट्र की थी। यहां सभी लोग शांति और सद्भाव के साथ रहते थे। अपने देश में धर्म को लेकर कभी कोई झगड़ा नहीं, कोई लड़ाई नहीं और न ही कभी कोई युद्ध हुआ है।’
इसी सवाल के जवाब में वह आगे कहती हैं कि हमारे देश की इस पहचान को कुछ राजनीतिज्ञ लोग खत्म करना चाहते हैं। लेकिन क्यों? इसका जवाब वे नहीं देंगे। मनीषा नेपाल की सरकार पर कई तरह के आरोप भी लगती हैं। उनका मानना है कि नेपाल में इन दिनों अशांति का माहौल है। इसे एक साजिश के तहत फैलाया गया है।
राजनीतिक अस्थिरता पर उनका कहा कि देश में सरकार का कार्यकाल पांच साल का है। लेकिन कई वर्षों से कोई भी सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पा रही है। क्योंकि सब के अपने-अपने स्वार्थ है। राजनेता अपने स्वार्थ से ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं। जबकि इस देश में पहले कभी राजनीतिक अस्थिरता नहीं थी।
मनीषा कोइराला नेपाल में एक राजनीतिक रूप से प्रभावशाली परिवार से आती हैं। उनके दादा बिश्वेश्वर प्रसाद कोइराला नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री रहे हैं। उनके पिता प्रकाश कोइराला भी नेपाल सरकार में मंत्री रहे हैं। उनके परिवार के कई अन्य लोग आज भी राजनीति में हैं।
कुछ वर्ष पहले मनीषा कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त थीं। कैंसर जैसी बीमारी से वह लड़ाई लड़ी और जीती। इसे उन्होंने कभी छुपाया नहीं। बल्कि अपने अनुभव को सब से साझा किया। कैंसर पर अपने अनुभव को लेकर उन्होंने एक पुस्तक भी लिखी हैं। वह राजनीति में आएंगी या नहीं इसका उन्होंने जवाब नहीं दिया।