रंगभेद वाले बयान के बाद आखिर पित्रोदा को क्यों देना पड़ा इस्तीफा
रंगभेद वाले बयान के बाद आखिर पित्रोदा को क्यों देना पड़ा इस्तीफा
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Thursday, May 9, 2024
Updated On: Wednesday, May 15, 2024
रंगभेद पर बयान देकर सैम पित्रोदा बुरे फंसे हैं। उनकी और कांग्रेस की खूब आलोचना भी हो रही है। इस बयान के बाद आखिरकार सैम पित्रोदा को कांग्रेस पार्टी के अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Updated On: Wednesday, May 15, 2024
कांग्रेस में कई ऐसे नेता हैं, जो विवादित बयानों को लेकर ज्यादा चर्चा में रहते हैं। इनमें से ही एक नाम सैम पित्रोदा का है। पिछले दिनों वे विरासत टैक्स की वकालत कर देश में विवाद कर दिए थे। चुनावों की गहमागहमी के बीच भाजपा को उन्होंने बैठे-बिठाए एक मुद्दा दे दिया था। एक बार फिर से उन्होंने रंगभेद पर बयान देकर विपक्ष को मुद्दा दे दिया है। कई लोगों ने इसकी आलोचना की है। इस बयान के बाद आखिरकार सैम पित्रोदा को कांग्रेस पार्टी के अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।
एक अंग्रेजी दैनिक को ऑनलाइन दिए साक्षात्कार में सैम पित्रोदा भारत में विभिन्न राज्यों के लोगों की रंगभेद बताते हुए, उसकी तुलना अन्य देशों से करते हैं। उन्होंने पूर्वी भारत के लोगों की तुलना चीनी लोगों से की तो दक्षिण भारतीय लोगों की तुलना अफ्रीकी देश के नागरिकों से कर दी।
वे अपने साक्षात्कार में कहते हैं, भारत के पूर्वी राज्यों के लोग चीनी लोगों जैसे दिखते हैं। वहीं पश्चिमी राज्यों के लोग अरब देशों जैसे दिखते हैं। उत्तर भारतीय लोग अग्रेजों जैसे दिखते हैं तो दक्षिण भारतीय लोग अफ्रीकी के समान दिखते हैं।
उनके इस बयान की देश भर में आलोचना हो रही है। विपक्षी दल भी इसे चुनावी मुद्दा बनाने लगे। इस मसले पर कांग्रेस को घेरा जाने लगा। कांग्रेस खुद को घिरता देख, सैम पित्रोदा के इस बयान से खुद को अलग कर लिया है। लेकिन तब तक पार्टी इस मुद्दे पर घिर चुकी थी। डैमेज कंट्रोल के लिए सैम पित्रोदा ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफा देते ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उसे स्वीकार भी कर लिया। जिस तेज गति से इनके इस्तीफे को स्वीकार किया गया, उससे यही कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी ने ही उनसे इस्तीफा देने को कहा था। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि सैम पित्रोदा ने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है, उसे अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने पित्रोदा की आलोचना करते हुए कहा कि भारत की विविधता को दर्शाने के लिए जो तुलना की, वह दुर्भाग्यपूर्ण एवं स्वीकार करने योग्य नहीं है।
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