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कश्मीर में धारा 370 की वापसी पर PM मोदी की दो टूक – कोई ताकत नहीं कर सकती बहाल
कश्मीर में धारा 370 की वापसी पर PM मोदी की दो टूक – कोई ताकत नहीं कर सकती बहाल
Authored By: सतीश झा
Published On: Saturday, November 9, 2024
Updated On: Saturday, November 9, 2024
जम्मू-कश्मीर में धारा 370 की बहाली को लेकर चल रही सियासी खींचतान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक स्पष्ट संदेश दिया है। उन्होंने साफ कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत कश्मीर में आर्टिकल 370 की वापसी नहीं करा सकती। पीएम मोदी का यह बयान उन राजनीतिक दलों और नेताओं के लिए एक कड़ा संदेश माना जा रहा है जो इस मुद्दे पर विरोध जताते रहे हैं और धारा 370 की बहाली की मांग कर रहे हैं।
अनुच्छेद 370 (Article 370) की बहाली का प्रस्ताव पारित होने के अगले ही दिन, गुरुवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विधायकों के बीच जमकर मारपीट हो गई। नेशनल कॉन्फ्रेंस के सत्ता पक्ष और मुख्य विपक्षी भाजपा के विधायकों ने एक-दूसरे की कॉलर पकड़ी और धक्कामुक्की की। इस हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही पहले 20 मिनट तक और फिर शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
दरअसल, आतंकियों की मदद के आरोप में गिरफ्तार किए गए निर्दलीय सांसद इंजीनियर राशिद के भाई और लंगेट से विधायक खुर्शीद अहमद शेख ने सदन में अनुच्छेद 370 की वापसी की मांग का बैनर लहराया। बैनर पर लिखा था: “हम अनुच्छेद 370 और 35ए की बहाली और सभी राजनीतिक कैदियों की रिहाई चाहते हैं।” भाजपा के विधायक और विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने इसका विरोध किया, जिससे सदन में नारेबाजी शुरू हो गई।
भाजपा विधायकों का विरोध बढ़ते हुए सदन के वेल तक पहुंच गया, जहां वे खुर्शीद अहमद शेख के पास गए और उनके हाथ से बैनर छीन लिया। इस दौरान सज्जाद लोन, वहीद पारा और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अन्य विधायक शेख के समर्थन में भाजपा विधायकों से भिड़ गए। दोनों पक्षों में धक्कामुक्की हुई और मार्शलों ने आरएस पठानिया सहित कई भाजपा विधायकों को सदन से बाहर निकाल दिया। इस टकराव में तीन विधायक घायल हो गए। इसके बाद भी भाजपा विधायकों का विरोध जारी रहा।
इंजीनियर राशिद को 2016 में जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग के आरोप में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था और 2019 से वे दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस और अन्य क्षेत्रीय दल जहां अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग कर रहे हैं, वहीं भाजपा का कहना है कि इंडी गठबंधन का प्रस्ताव भारतीय संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है। भाजपा ने सवाल उठाते हुए कहा है कि क्या कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन दलितों, आदिवासियों, बच्चों और महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ है? भाजपा ने गांधी परिवार से जवाब मांगा है कि क्या वे आतंकवाद, जम्मू-कश्मीर के विकास और भारत के संविधान के खिलाफ खड़े हैं?
देश अब पीछे नहीं हटेगा : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति, विकास और सुशासन की स्थापना के लिए यह निर्णय लिया गया है और देश अब पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का यह निर्णय एक स्थायी फैसला है और इसमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में अब तेजी से विकास कार्य किए जा रहे हैं, जिससे वहां की जनता को लंबे समय से चली आ रही समस्याओं से निजात मिल सके।
प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) के इस बयान के बाद जम्मू-कश्मीर की सियासत में हलचल मच गई है। कई राजनीतिक दलों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जबकि कुछ ने सरकार के इस रुख का समर्थन भी किया है। धारा 370 की बहाली की मांग करने वाले दलों ने इसे एक संवैधानिक अधिकार के रूप में देखा है और उनका कहना है कि सरकार ने इसे हटाकर जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता को खत्म कर दिया है।
चार पीढ़ियां भी धारा 370 वापस नहीं ला पाएंगी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “अब कांग्रेस पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिलकर जम्मू- कश्मीर में धारा 370 वापस लाने का प्रस्ताव पारित करती है। राहुल बाबा, मैं महालक्ष्मी की धरती पर यह कहकर जाता हूं कि आप ही नहीं, आपकी चार पीढ़ियां भी धारा 370 वापस नहीं ला पाएंगी। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, इसे भारत से कोई अलग नहीं कर सकता