बांग्लादेशी सांसद मर्डर मिस्ट्री (Bangladeshi MP Murder Mystery): दोस्त, कसाई और एक हसीना

बांग्लादेशी सांसद मर्डर मिस्ट्री (Bangladeshi MP Murder Mystery): दोस्त, कसाई और एक हसीना

Authored By: रमेश यादव

Published On: Saturday, May 25, 2024

Updated On: Saturday, June 29, 2024

bangladeshi sansad murder mystery
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बांग्लादेशी सांसद अनवारुल अजीम अनार और अख्तरुज जमान मिलकर सोने की तस्करी का काम करते थे। पैसों को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ और अख्तरुज जमान ने इस नृशंस हत्या की साजिश रच डाली।  

Authored By: रमेश यादव

Updated On: Saturday, June 29, 2024

बांग्लादेशी सांसद अनवारुल अजीम अनार की निर्मम हत्या मामले में अब तक कई खुलासे हो चुके हैं। पुलिस ने भले आधिकारिक बयान नहीं दिया लेकिन मीडिया में खबरें आ रही हैं कि सांसद अनवारुल अजीम और उसका बिजनेस पार्टनर अख्तरुज जमान मिलकर सोने की तस्करी का काम करते थे। पैसों को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ। विवाद बढ़कर सांसद की हत्या तक पहुंच गया।

इस हत्याकांड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, हर दिन नये-नये खुलासे हो रहे हैं। बांग्लादेश के अखबार ‘द डेली स्टार’ की रिपोर्ट के अनुसार सांसद अनवारुल अजीम और हत्याकांड का मास्टरमाइंड अख्तरुज जमान दोनों बचपन के दोस्त हैं। राजनीति की आड़ में दोनों मिलकर सोने की तस्करी का काम करते थे। रिपोर्ट में बांग्लादेश की जासूसी शाखा के अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि शाहीन मियां के नाम से मशहूर अख्तरुज जमान दुबई से बांग्लादेश में सोने की तस्करी करता था। जबकि झेन इदाह-4 से सत्तारूढ़ अवामी लीग के सांसद अनवारुल यह सुनिश्चित करते थे कि खेप भारत में सही लोगों के हाथों में पहुंचे।

अजीम ने तस्करी से हासिल 100 करोड़ टका से अधिक अपने पास रख लिया था। इस बात को लेकर दोनों के बीच कई बार विवाद हुआ। जब सांसद पैसा देने को राजी नहीं हुए तो अख्तारुज जमान ने अजीम अनार को दुनिया से रुखसत कर देने की साजिश रच डाली।सांसद की हत्या का मास्टरमाइंड शाहीन मियां उर्फ अख्तरुज एक शिपिंग कंपनी में नौकरी कर चुका है। 90 के दशक में उसने डीवी लॉटरी जीती और बाद में अमेरिका चला गया लेकिन उसने बांग्लादेश और भारत की यात्रा करनी नहीं छोड़ी। उसने ढाका के गुलशन, बारी धारा, बशुंधरा के अलावा कोलकाता के न्यू टाउन में फ्लैट किराए पर ले रखा था। सांसद दोस्त की हत्या के लिए शाहीन ने कोलकाता को चुना और 5 करोड़ टका में एक हत्यारे को इसकी सुपारी दे दी।

सांसद को हनीट्रैप में फंसाकर 12 मई को कोलकाता के न्यू टाउन फ्लैट पर बुलाया गया। यहीं हत्यारों ने उनकी हत्या की और फिर उनके शव को टुकड़ों में काटकर फेंक दिया गया। इस हत्या को अंजाम देने का काम मुंबई के कसाई को मिला था। कसाई का नाम जिहाद हवलदार है। उसे भी कोलकाता पुलिस ने पकड़ लिया है। आरोप है कि उसने अन्य साथियों के साथ मिलकर सांसद की हत्या फ्लैट में की। इसके बाद उनकी पहचान मिटाने के लिए शव से खाल उतारी और शव से मांस निकालकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट उसे कीमा जैसा बनाया। फिर उसमें हल्दी और नमक मिलाई ताकि वो जल्दी गल जाए। इसके बाद उसे अलग-अलग पैकेट में कर पैकेट कोलकाता की अलग-अलग जगहों पर फेंक दिए गए।

जांच में कोलकाता की सीआईडी ने न्यू टाउन फ्लैट में खून के धब्बे पाए हैं। यहां से कई प्लास्टिक बैग भी बरामद हुए हैं। अभी तक खंगाले गए सीसीटीवी फुटेज में अजीम को दो लोगों के साथ फ्लैट में जाते देखा गया था। बाद में दोनों अलग-अलग समय पर पैकेट लेकर बाहर आ गए मगर सांसद अंदर ही रहे। इसके बाद अगले दिन वो दो लोग फिर फ्लैट में आए और अपने साथ बड़े ट्रॉली सूटकेस लेकर चले गए।

बांग्लादेशी सांसद की हत्या के मामले में एक महिला को ढाका में हिरासत में लिया गया है। महिला की पहचान शिलांती रहमान के तौर पर हुई है। आरोप है कि शिलांती ने ही बांग्लादेशी सांसद को अपने हनीट्रैप के जाल में फंसाया। असल में वो हत्या के मास्टरमाइंड कहे जा रहे अख्तरुज जमान की गर्लफ्रेंड है। शिलांती हत्या के वक्त कोलकाता में थी और हत्या के आरोपी के साथ 15 मई को बांग्लादेश लौट आई थी।

बॉक्सबिना पासपोर्ट आए थे हत्यारे

हत्याकांड के मास्टरमाइंड अख्तरुज जमान ने अमानुल्लाह नाम के शख्स को अजीम की सुपारी दी थी। उसे ढाका में गिरफ्तार किया गया है। अमानुल्लाह ने मुस्तफिजुर और फैसल को इस काम के लिए अपने साथ मिलाया। ये दोनों भी गिरफ्तार हो चुके हैं। ये लोग बिना पासपोर्ट के भारत आये थे। गिरफ्तारी के बाद इन लोगों ने बताया है कि ये बीते महीने ही कोलकाता आ गए थे और किराए पर फ्लैट लेकर रह रहे थे। अमानुल्लाह, मुस्तफिजुर और फैसल ने किराए के फ्लैट में ही सांसद की हत्या की। इसके बाद शव को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट दिया गया और दो सूटकेसों में भर कर निपटान के लिए एक भारतीय व्यक्ति को सौंप दिया गया।

About the Author: रमेश यादव
रमेश यादव ने राष्ट्रीय और राजनीतिक समाचारों के क्षेत्र में व्यापक लेखन और विश्लेषण किया है। उनके लेख राजनीति के जटिल पहलुओं को सरलता और गहराई से समझाते हैं, जो पाठकों को वर्तमान राजनीतिक घटनाओं और नीतियों की बेहतर समझ प्रदान करते हैं। उनकी विशेषज्ञता सिर्फ सूचनाओं तक सीमित नहीं है; वे अपने अनुभव के आधार पर मार्गदर्शन और प्रासंगिक दृष्टिकोण भी प्रस्तुत करते हैं। रमेश यादव की लेखनी तथ्यों पर आधारित और निष्पक्ष होती है, जिससे उन्होंने पत्रकारिता और विश्लेषण के क्षेत्र में अपनी एक मजबूत पहचान बनाई है।

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