Lifestyle News
Diwali Jewellery Trend : दिवाली में पारंपरिक भारतीय ज्वेलरी के साथ बढ़ी फ्यूजन आभूषणों की मांग
Authored By: अंशु सिंह
Published On: Thursday, October 16, 2025
Last Updated On: Thursday, October 16, 2025
साजो-श्रृंगार की परिभाषा बदल रही है. त्योहारों के अवसर पर भी नैचुरल लुक पर जोर दे रही हैं महिलाएं. फिर वह पहनावे में हो या गहनों में. हल्की-फुल्की ज्वेलरी का बढ़ता आकर्षण इस बात का गवाह है कि बदलते दौर की स्त्रियां अपने शौक को किस बखूबी से पूरा कर रही हैं. अब जब मौका दिवाली का है, तो इसमें भी मिनिमलिस्ट ज्वेलरी को प्राथमिकता मिल रही.
Authored By: अंशु सिंह
Last Updated On: Thursday, October 16, 2025
Diwali Jewellery Trend: दिवाली पर गहने हमेशा से समृद्धि, परंपरा और शान से जुड़े रहे हैं. भारतीय घरों में आभूषण उपहार में देना शुभ माना जाता है, जबकि नए आभूषण पहनना सौभाग्य और नई शुरुआत का प्रतीक होता है. इस साल दिवाली के आभूषणों के रुझान में ऐसे बहुमुखी आभूषणों पर जोर दिया गया है, जिन्हें पारंपरिक और इंडो-वेस्टर्न दोनों तरह के परिधानों के साथ पहना जा सकता है. हल्के रोजाना पहनने वाले आभूषणों से लेकर त्योहारों की रातों के लिए भारी स्टेटमेंट सेट तक, हर कोई अपनी पसंद अनुसार खरीदारी कर रहा है. वैसे, ज्यादातर महिलाएं आधुनिक, लेकिन पारंपरिक फ्यूजन आभूषणों को पसंद कर रही हैं.
हल्की-फुल्की ज्वेलरी का ट्रेंड (Minimalist Jewellery trend)
आभूषण वह कीमती तोहफा है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होता रहता है. कभी मां से बेटी को, कभी सास से बहू को. लेकिन गहनों के बदलते डिजाइन एवं रूप-रंग के कारण कई बार इन आभूषणों को पहनना दुविधा भरा होता है. कहीं लोग आउटडेटेड न समझ लें. मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत निहारिका का कहना है कि ज्वेलरी ऐसी होनी चाहिए, जो आफिस से लेकर रोमांटिक डेट, शादी या फिर दिवाली जैसे त्योहारों में पहनी जा सके. जो दादी के बक्से से लेकर उनकी पोती तक के ज्वेलरी बॉक्स की शोभा बन सके. शायद यही वजह है कि इन दिनों मिनिमलिस्ट अर्थात् हल्की-फुल्की ज्वेलरी का चलन है. विशेषकर कॉलेज स्टूडेंट्स एवं कामकाजी महिलाएं गोल्ड, डायमंड व प्लैटिनम से बनीं ऐसी ज्वेलरी को प्राथमिकता दे रही हैं.
मंदिर से प्रेरित आभूषण बने सबकी पसंद (Temple Jewellery in demand)
ज्वेलरी डिजाइनर्स की मानें, तो कुछ वर्षों के अंतराल में फैशन ट्रेंड दोबारा से लौटता है. फिर वह पोशाक में हो या ज्वेलरी में. दिवाली के लिए सोना हमेशा से पसंदीदा रहा है. 2025 भी इससे अलग नहीं है. हालांकि, अब भारत में केवल भारी-भरकम पारंपरिक आभूषणों के बजाय उत्सव के सोने के आभूषणों के डिजाइनों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जो आधुनिक शैली को सांस्कृतिक रूपांकनों के साथ जोड़ते हैं. मंदिर से प्रेरित पेंडेंट, नाजुक सोने के चोकर और कुंदन-पोल्की से सजे सोने के झुमके इस साल चलन में हैं. युवा खरीदार भी सोने की परत चढ़ी आर्टिफिशियल ज्वेलरी की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जो किफायती और स्टाइलिश दोनों हैं.
फ्यूजन ज्वेलरी की बढ़ी लोकप्रियता (Fusion Jewellery gaining popularity)
ज्वेलरी डिजाइनर दिशी सोमानी का कहना है कि 25 वर्ष की ऊपर की आयुवर्ग की महिलाएं हल्के-फुल्के गहने पसंद कर रही हैं. क्योंकि वे न सिर्फ हल्की, बल्कि पहनने में आरामदायक होती हैं. इन्हें किसी भी प्रकार के आउटफिट एवं अवसर पर पहना जा सकता है. वर्किंग प्रोफेशनल्स की बात करें, तो वे खासकर ऐसी ज्वेलरी पसंद कर रही हैं जो आफिस के अलावा दूसरे फंक्शंस, पार्टी आदि में पहनी जा सके. जिन्हें खरीदना महंगा सौदा न हो और उनके पास एक कलेक्शन भी तैयार हो सके. जैसे-जैसे फैशन वैश्विक होता जा रहा है, फ्यूजन ज्वेलरी इस साल के दिवाली ज्वेलरी ट्रेंड का मुख्य आकर्षण बन रही है. डिजाइनर्स भारतीय शिल्प कौशल को पश्चिमी शैलियों के साथ मिलाकर ऐसे आभूषण तैयार कर रहे हैं, जिन्हें त्योहारों के अलावा भी पहना जा सकता है.
मसलन, मिरर वर्क वाले इंडो-वेस्टर्न चोकर, कुंदन के लटकन वाले झुमके और पारंपरिक और आधुनिक दोनों तरह के डिजाइन वाले ब्रेसलेट लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें :- अयोध्या दीपोत्सव 2025 का प्लान: पहली बार यात्रा करने वालों के लिए पूरी गाइड, बजट, होटल और जरूरी टिप्स