National Youth Day 2025: जो सोचोगे वही बनोगे, युवाओं को प्रेरित करते हैं स्वामी विवेकानंद के कथन

Authored By: स्मिता

Published On: Wednesday, January 8, 2025

Last Updated On: Wednesday, January 8, 2025

National Youth Day 2025: Jo Sochoge Wahi Banoge, Swami Vivekananda Ke Prerak Vichar
National Youth Day 2025: Jo Sochoge Wahi Banoge, Swami Vivekananda Ke Prerak Vichar

स्वामी विवेकानंद ने हमेशा युवाओं को प्रेरित करने का काम करते थे। वे जानते थे कि युवा देश के खेवनहार हैं। इसलिए देश हर साल उनकी जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाती है। उनके कथन ‘जो सोचोगे वही बनोगे’ को इस वर्ष (National Youth Day 2025) की थीम बनाई गई है।

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Wednesday, January 8, 2025

हर साल 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती (Swami Vivekanand Jayanti) मनाई जाती है। भारत सरकार ने यह महसूस किया कि स्वामीजी का दर्शन और आदर्श, जिनके लिए उन्होंने जीवन जिया और काम किया, भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत हो सकते हैं। उनका संदेश सरल लेकिन शक्तिशाली है। स्वामी विवेकानंद ने अपने विचारों को सीधे लोगों तक पहुंचाया, खासकर युवाओं तक। भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है। युवा वास्तव में किसी भी देश की आबादी का सबसे गतिशील और जीवंत हिस्सा होते हैं। इसलिए हर साल युवाओं को स्वामी जी के प्रेरक विचारों से युवाओं को जगाने के लिए राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day 2025) मनाया जाने लगा।

सत्य की खोज करने की प्रेरणा (The search for truth)

स्वामी विवेकानंद के विचार आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे। उन्होंने एक बार कहा था, ‘अगर आप खुद को कमज़ोर समझते हैं, तो आप कमज़ोर बनेंगे। अगर आप खुद को मज़बूत समझते हैं, तो आप मज़बूत बनेंगे।’ उन्होंने यह भी कहा, ‘सबसे ऊंचे को देखो, उस ऊंचे को लक्ष्य बनाओ। तभी तुम ऊंचाइयों तक पहुंच पाओगे।’ उनके संदेश ने जाति और पंथ की बेड़ियां तोड़ कर सभी को एक नजर से देखने की बात कही। उन्होंने जो कहा, वह आज हमारे देश के युवाओं के बीच उनके विचारों और आदर्शों की महत्ता को दर्शाता है। उन्होंने युवाओं को शाश्वत ऊर्जा से भरपूर होकर सत्य की खोज (Truth) करने को कहा।

वैश्विक आध्यात्मिक आंदोलन (Global Spiritual Movement)

19वीं सदी में स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य थे। उन्होंने कोलकाता में अपने गुरु की शिक्षा पर आधारित रामकृष्ण मठ की स्थापना की। उन्होंने प्राचीन हिंदू दर्शन वेदांत पर आधारित एक वैश्विक आध्यात्मिक आंदोलन रामकृष्ण मिशन की भी स्थापना की। भारत में उनकी जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है, ताकि महान आध्यात्मिक और दार्शनिक नेताओं को सम्मान प्रदान किया जा सके। युवा उनके विचारों से प्रेरणा और अपने मूल्यों को बनाए रखकर आधुनिक दुनिया में भाग ले संकें।

राष्ट्रीय युवा दिवस 2025 थीम (Whatever you think, that you will be)

राष्ट्रीय युवा दिवस हर साल 12 जनवरी को मनाया जाता है। इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाने के साथ-साथ हर साल तय की गई थीम पर कार्य करना भी होता है। थीम स्वामी जी के विचारों को आधार बनाकर तैयार की जाती है। इस साल की थीम है – ‘आप जो भी सोचेंगे, आप वही बनेंगे। (Whatever you think, that you will be)’

राष्ट्रीय युवा दिवस का इतिहास (National Youth Day History)

1985 में भारत सरकार ने स्वामी विवेकानंद की जयंती को दुनिया के सामने राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। तब से युवा लोगों के बीच स्वामी विवेकानंद के विचारों, शिक्षाओं और उनकी जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए यह दिन प्रतिवर्ष मनाया जाने लगा। इस दिन, देश के विभिन्न हिस्सों में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के केंद्र भी शामिल हैं। स्कूलों, विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षिक संस्थानों में इस दिन प्रतियोगिताएं, वाद-विवाद और सेमिनार जैसे आयोजन किए जाते हैं।

समारोह का आयोजन (National Youth Day Programme)

इस वर्ष प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 12 जनवरी को महाराष्ट्र के नासिक में राष्ट्रीय युवा महोत्सव (National Youth Day Mahotsav) की शुरुआत करेंगे और देश के युवाओं को संबोधित करेंगे। राष्ट्रीय युवा दिवस का उत्सव पूरे देश में अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है। भाषणों और संगीत प्रदर्शनों से लेकर सेमिनार और यूथ शो तक आयोजित किए जाते हैं। युवाओं को जोड़ने और उन्हें अपने अधिकारों-कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने के लिए योगाभ्यास, परिचय और लेखन प्रतियोगिताओं सहित विषयपरक चर्चा-परिचर्चा और अन्य प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है।

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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