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परमहंस योगानंद ने बताया प्रभावी प्रार्थना के पीछे का योग विज्ञान
Authored By: स्मिता
Published On: Monday, September 22, 2025
Last Updated On: Monday, September 22, 2025
ईश्वर के साथ आध्यात्मिक संबंध स्थापित करने के लिए प्रार्थना की जाती है. आध्यात्मिक गुरु परमहंस योगानंद के अनुसार, प्रभावी प्रार्थना के पीछे योग विज्ञान है.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Monday, September 22, 2025
ईश्वर के साथ आध्यात्मिक संबंध स्थापित करने और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रार्थना की जाती है. तनाव से राहत प्रदान करने और ईश्वर के साथ संवाद के माध्यम से आंतरिक शांति को बढ़ावा देने की शक्ति प्रार्थना में निहित है. यह आध्यात्मिक अभिव्यक्ति के एक प्रमुख साधन के रूप में कार्य करती है. इससे व्यक्ति अपने विश्वास, इच्छाशक्ति और कृतज्ञता को व्यक्त कर पाता है. आध्यात्मिक गुरु परमहंस योगानंद (Paramahansa Yogananda) प्रार्थना के अर्थ के बारे में विस्तार से बताया है.
मानव मन की प्रभावशीलता
परमहंस योगानंद ने लिखा है, “मानव मन बेचैनी के विक्षोभों या अस्थिरता से मुक्त होकर, जटिल रेडियो तंत्रों के सभी कार्यों को करने में सक्षम हो सकता है. विचारों को भेजने और ग्रहण करने के साथ-साथ अवांछित विचारों को दूर करने में भी वह सक्षम हो सकता है. जिस प्रकार एक रेडियो प्रसारण केंद्र की शक्ति उसके द्वारा उपयोग की जा सकने वाली विद्युत धारा की मात्रा से नियंत्रित होती है, उसी प्रकार मानव मन की प्रभावशीलता प्रत्येक व्यक्ति की इच्छा शक्ति पर निर्भर करती है.”
मन पर नियंत्रण
ज्ञानी गुरुओं का मन, जिन्होंने अपनी इच्छा को ईश्वर की इच्छा के साथ पूर्णतः समन्वित कर लिया है. उनके शरीर, मन और आत्मा का तत्काल उपचार करने के लिए दिव्य शक्ति का संचार हो सकता है. क्योंकि वे अपने मन पर संपूर्ण नियन्त्रण प्राप्त कर लेते हैं. परमहंस योगानंद ने समझाया कि यद्यपि ये चमत्कारी प्रतीत हो सकते हैं, दिव्य उपचार सृष्टि के सार्वभौमिक नियमों को वैज्ञानिक रूप से पूरा करने का स्वाभाविक परिणाम हैं. ज्ञानी जन ईश्वर की पूर्णता के विचार स्वरूपों को दूसरों के मन और शरीर में प्रकट करने के लिए पर्याप्त इच्छा शक्ति और ऊर्जा के साथ संप्रेषित कर सकते हैं. ये प्रबुद्ध लोग उसी प्रक्रिया का पालन करते हैं जिससे ब्रह्मांड की हर चीज का निर्माण हुआ है.
प्रार्थना का प्रभाव
जो कोई भी इन सिद्धांतों के अनुसार प्रार्थना करता है, उसकी प्रार्थनाओं का मूर्त प्रभाव पड़ता है. प्रार्थनाओं का प्रभाव सघन योग के माध्यम से पाया जा सकता है. यद्यपि हमारी व्यक्तिगत शक्ति स्पष्ट रूप से एक गुरु द्वारा व्यक्त की जा सकने वाली शक्ति से कम है, फिर भी जब हजारों लोगों की प्रार्थना एक साथ मिलती हैं, तो इस प्रकार उत्पन्न शांति और दिव्य उपचार के शक्तिशाली स्पंदन वांछित परिणाम प्राप्त करने में अमूल्य होते हैं.
योग का प्रार्थना पर प्रभाव
योग मन को शांत कर एकाग्रता में सुधार करता है. यह आध्यात्मिक जुड़ाव को गहरा कर प्रार्थना को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाता है. योग का अनुशासन शरीर और मन दोनों को प्रार्थना के लिए अधिक ग्रहणशील और सचेत अवस्था में प्रवेश करने के लिए तैयार करता है.
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