Rama Ekadashi 2024 : जरूरतमंदों की मदद कर आत्मिक उत्थान की सीख देती है रमा एकादशी
Authored By: स्मिता
Published On: Saturday, October 19, 2024
Updated On: Saturday, October 19, 2024
रमा एकादशी भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करने के लिए समर्पित है। माना जाता है कि यदि इस व्रत का ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ पालन किया जाता है, तो घर में शांति और समृद्धि आती है। मन शांत होता है।
हर दिन पवित्र और विशेष है। हर दिन ईश्वर की पूजा-आराधना की जा सकती है, पर एकादशी श्रीविष्णु के लिए समर्पित माना जाता है। दीपावली से पहले मनाई जाती है रमा एकादशी। रमा एकादशी को रंभा एकादशी या कार्तिक कृष्ण या हरिहर एकादशी भी कहते हैं। यह कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है। विष्णु और लक्ष्मी को समर्पित यह पवित्र दिन दान, भक्ति और आध्यात्मिक शुद्धि के कार्यों के लिए सबसे अधिक उपयुक्त है। इस दिन का लक्ष्य उपवास, प्रार्थना और नि:स्वार्थ सेवा के माध्यम से आंतरिक शांति और आध्यात्मिक प्रगति प्राप्त (Rama Ekadashi 2024) करना है।
रमा एकादशी की तिथि और समय (Rama Ekadashi Date and Timing)
इस वर्ष रमा एकादशी सोमवार, 28 अक्टूबर को है। यह एकादशी 28 अक्टूबर को सुबह 2:36 बजे शुरू होगी और 29 अक्टूबर को समाप्त होगी। पारण उपवास के बाद भक्तों के लिए पारण का समय 29 अक्टूबर को सुबह 6:31 बजे से 8:44 बजे तक है, जबकि द्वादशी सुबह 10:31 बजे समाप्त होगी। द्वादशी (अगले दिन) तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे समाप्त होगी। यह पवित्र समय भक्तों को गहन प्रार्थना, अनुष्ठान और दान-पुण्य करने का अवसर प्रदान करता है। यह मन में शांति और घर में समृद्ध लाता है।
रमा एकादशी का आध्यात्मिक महत्व (Rama Ekadashi Significance)
रमा एकादशी का आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है। माना जाता है कि यदि इस व्रत का ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ पालन किया जाता है, तो घर में शांति और समृद्धि आती है। मन शांत होता है। यह दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करने के लिए समर्पित है, जो न केवल भौतिक समृद्धि प्रदान करते हैं, बल्कि आत्मा और मन को भी शुद्ध करने में मदद करते हैं। मान्यता है कि इस एकादशी को मनाने से भगवान विष्णु के स्वर्गीय निवास वैकुंठ का द्वार खुल सकता है। भक्त प्रार्थना, उपवास और भजन गाकर भगवान के साथ अपने रिश्ते को गहरा करते हैं।
दया और करुणा के मूल्य होते हैं मजबूत (Kindness &Compassion)
भक्तगण ईश्वर से बेहतर भविष्य के लिए आशीर्वाद मांगते हैं और अपने द्वारा किये गए बुरे कर्मों का प्रायश्चित करते हैं। रमा एकादशी पर दान जरूर करना चाहिए। रमा एकादशी पर दान देने की परंपरा आध्यात्मिक पुण्य प्रदान करती है, जो ईश्वरीय आशीर्वाद प्राप्त होने के समान है। यह दिन जरूरतमंदों की मदद करने के लिए प्रेरित करती है। माना जाता है कि इस दिन दान के कार्य नकारात्मक कर्मों को दूर करते हैं और व्यक्ति की आध्यात्मिक प्रगति में योगदान करते हैं। भोजन दान, वित्तीय सहायता या आवश्यक चीज़ों की आपूर्ति, वंचितों की सहायता करना हरिहर एकादशी के प्रति अपनी भावना व्यक्त करने का एक आध्यात्मिक तरीका है। दूसरों की मदद करके हम न केवल उनके जीवन में सहायता करते हैं बल्कि अपनी आत्मा को भी ऊपर उठाते हैं। दया और करुणा के मूल्यों को मजबूत करते हैं।
अच्छे कर्म करने की प्रेरणा (Prayer for God)
रमा एकादशी या हरिहर एकादशी दूसरों के प्रति चिंतन, प्रार्थना और सेवा का समय है। इस पवित्र दिन का सम्मान करने के लिए हमें उदारता, करुणा और एकता के सिद्धांतों को अपनाना चाहिए। इस शुभ दिन पर दयालुता और भक्ति के कार्य हमें आध्यात्मिक रूप से बढ़ने और हमारे आस-पास के लोगों की भलाई में योगदान करने में मदद करते हैं। निस्वार्थता की भावना को अपनाकर हम न केवल भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का सम्मान करते हैं, बल्कि दुनिया में प्रकाश और आशा भी लाते हैं। रमा एकादशी हम सभी को अच्छे कर्म करने, आत्मा का उत्थान करने और ईश्वर के साथ गहरा संबंध बनाने के लिए प्रेरित करता है।
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