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कौन हैं दिव्या देशमुख जिन्होंने शतरंज में लहराया भारत का तिरंगा, बनीं भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Tuesday, July 29, 2025
Last Updated On: Wednesday, July 30, 2025
Divya Deshmukh: भारत की 19 वर्षीय शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने जॉर्जिया में फिडे वीमेंस वर्ल्ड कप 2025 का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है. उन्होंने फाइनल में अनुभवी कोनेरू हंपी को हराकर भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर बनने का गौरव हासिल किया.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Wednesday, July 30, 2025
भारत की 19 वर्षीय शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख (Divya Deshmukh) ने इतिहास रचते हुए FIDE महिला विश्व कप (FIDE Women’s World Cup) का खिताब अपने नाम किया और साथ ही ग्रैंडमास्टर (GM) की प्रतिष्ठित उपाधि भी प्राप्त की. उन्होंने फाइनल में भारत की ही अनुभवी और विश्व रैपिड चैंपियन कोनेरू हम्पी को रैपिड टाईब्रेक मुकाबले में 1.5–0.5 से हराकर यह मुकाम हासिल किया.
बनीं भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर
दिव्या ने पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन खेल दिखाया, हर गेम में रणनीतिक गहराई और मानसिक संतुलन बनाए रखा. फाइनल के क्लासिकल दोनों मुकाबले ड्रॉ रहे, लेकिन रैपिड टाईब्रेक में दिव्या ने सटीक चालें चलकर निर्णायक जीत हासिल की.
इस जीत के साथ ही दिव्या देशमुख भारत की केवल चौथी महिला बनीं जिन्हें ग्रैंडमास्टर का दर्जा मिला है, और वह देश की 88वीं GM हैं. उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पूरे देश ने गर्व जताया है.
भारत को नई स्टार मिली
दिव्या की इस ऐतिहासिक जीत पर पीएम मोदी ने भी उनको बधाई दी है. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, “दो भारतीय शतरंज खिलाड़ियों के बीच शानदार फाइनल मुकाबला खेला गया. फिडे महिला शतरंज विश्व कप जीतने पर युवा दिव्या देशमुख पर गर्व है. यह सफलता कई युवाओं को प्रेरणा देगी. कोनेरू हंपी ने भी पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेल का प्रदर्शन किया है. दोनों खिलाड़ियों को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए ढेरों शुभकामनाएं.”
A historic final featuring two outstanding Indian chess players!
Proud of the young Divya Deshmukh on becoming FIDE Women’s World Chess Champion 2025. Congratulations to her for this remarkable feat, which will inspire several youngsters.
Koneru Humpy has also displayed… pic.twitter.com/l7fWeA3qLw
— Narendra Modi (@narendramodi) July 28, 2025
दिव्या देशमुख का प्रारंभिक जीवन और सफर
दिव्या का जन्म 9 दिसंबर 2005 को नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ. उनके माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नागपुर के भारवन्स भागवन्दास पुरोहित विद्या मंदिर से प्राप्त की. शतरंज के प्रति दिव्या का झुकाव बचपन से ही था और उन्होंने कम उम्र में ही अपनी प्रतिभा दिखानी शुरू कर दी थी.
7 साल की उम्र में अंडर-7 नेशनल चैंपियनशिप, फिर अंडर-10 (डरबन, 2014) और अंडर-12 (ब्राजील, 2017) में वर्ल्ड यूथ खिताब. इतनी कम उम्र में ये उपलब्धियाँ किसी परीकथा से कम नहीं लगतीं. 2023 में दिव्या ने इंटरनेशनल मास्टर का खिताब जीता और फिर 2024 में विश्व जूनियर अंडर-20 चैंपियनशिप में 11 में से 10 अंक लेकर पूरी दुनिया को चौंका दिया. और अब 2025, जब उन्होंने विश्व कप जीतकर न सिर्फ भारत को गर्व से भर दिया, बल्कि सीधे ग्रैंडमास्टर बन गईं.
निर्णायक पल और प्रेरणादायक खेल शैली
दिव्या की रणनीति और संकट के क्षणों में उनका आत्मविश्वास उनके खेल की खासियत है. लंदन में हुए वर्ल्ड रैपिड एंड ब्लिट्ज चैंपियनशिप में उन्होंने विश्व नंबर 1 हाउ ईफैन को 74 चालों में पराजित कर दुनियाभर का ध्यान खींचा. उनके कोच ने उनकी तुलना महेंद्र सिंह धोनी से की “वो बड़े मौकों की खिलाड़ी हैं.”
दिव्या की यह जीत उन्हें अगले वर्ष होने वाले महिला कैण्डिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई कराती है, जिसमें जीतने वाली खिलाड़ी महिला विश्व शतरंज चैंपियनशिप के लिए चुनौती पेश कर सकती है.
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