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लखनऊ विकास प्राधिकरण का बड़ा एक्शन: 3232 अवैध निर्माणों का खुलासा, 500 से अधिक पर चला बुलडोजर
Authored By: Nishant Singh
Published On: Thursday, October 16, 2025
Last Updated On: Thursday, October 16, 2025
लखनऊ में अवैध निर्माणों पर अब “बुलडोजर राज” चल पड़ा है. लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने ड्रोन सर्वे के जरिए 3232 अवैध निर्माणों का पता लगाया, जिनमें से 500 से ज्यादा को ध्वस्त किया जा चुका है. भ्रष्टाचार पर लगाम कसते हुए एलडीए ने नई नीति भी लागू की है, जिससे कुछ निर्माण शर्तों के साथ वैध हो सकेंगे. अब लखनऊ में अवैध निर्माणों का युग खत्म होने की ओर है.
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Thursday, October 16, 2025
Lucknow Illegal Construction Action: राजधानी लखनऊ में अवैध निर्माणों पर लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने अब तक का सबसे बड़ा अभियान चलाया है. जिन निर्माणों को वर्षों से अफसरों और बिल्डरों की मिलीभगत में छिपा रखा गया था, उन्हें अब एलडीए ने ड्रोन तकनीक की मदद से बेनकाब कर दिया है. एलडीए के उपाध्यक्ष (वीसी) प्रथमेश कुमार की पहल पर पिछले छह महीनों में पूरे लखनऊ के 352 गांवों में ड्रोन सर्वे कराया गया, जिसमें 3232 अवैध निर्माणों का पता चला. इनमें से 470 निर्माणों को ध्वस्त किया जा चुका है, जबकि 830 को सील कर दिया गया है.
ड्रोन से खुली भ्रष्टाचार की पोल
एलडीए की इस कार्रवाई ने कई अफसरों और बिल्डरों के बीच फैले भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है. पहले जहां कई इंजीनियर इन अवैध निर्माणों को छुपा लिया करते थे, वहीं ड्रोन सर्वे ने पूरे सच को उजागर कर दिया. सर्वे के दौरान सामने आए अवैध निर्माणों में प्लॉटिंग कर बनाई जा रहीं कालोनियां, बहुमंजिला इमारतें और काॅमर्शियल कॉम्प्लेक्स शामिल हैं. एलडीए वीसी ने बताया कि ड्रोन से ली गई तस्वीरों की तुलना क्षेत्रीय इंजीनियरों की रिपोर्ट से की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं उन्होंने जानबूझकर अवैध निर्माणों को छिपाया तो नहीं. दोषी पाए जाने पर उन पर भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है.
अवैध निर्माणों पर बुलडोजर और सीलिंग की कार्रवाई जारी
एलडीए ने जिन 3232 निर्माणों को अवैध पाया है, उनमें से अब तक 500 से अधिक पर बुलडोजर चलाया जा चुका है. वहीं 830 निर्माणों को सील कर दिया गया है, ताकि वहां आगे कोई गतिविधि न हो सके. प्राधिकरण ने इन सभी मामलों में कानूनी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. एलडीए अधिकारियों का कहना है कि अब कोई भी अवैध बिल्डिंग बिना अनुमति के नहीं टिक पाएगी. ड्रोन निगरानी के जरिए अब हर नई कॉलोनी या निर्माण पर नजर रखी जाएगी.
नई भवन निर्माण उपविधि से मिलेगी राहत, पर शर्तों के साथ
एलडीए ने अवैध निर्माणों को लेकर एक नई नीति भी लागू की है. इस नीति में कुछ निर्माणों को शमन मानचित्र के जरिए वैध करने का प्रावधान किया गया है. एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार के मुताबिक, जो लोग अपने निर्माण को वैध कराना चाहते हैं, उन्हें शमन मानचित्र पास कराना होगा और निर्धारित शुल्क जमा करना होगा. जो ऐसा नहीं करेंगे, उनके निर्माण को ध्वस्त कर दिया जाएगा. एलडीए की इस नीति से अब तक 42 करोड़ रुपये शुल्क के रूप में प्राप्त हुए हैं, जबकि मार्च तक 300 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य रखा गया है.
आवासीय जमीन पर पूरी तरह काॅमर्शियल निर्माण नहीं होगा वैध
एलडीए ने स्पष्ट किया है कि नई नीति के तहत आवासीय जमीन पर केवल सीमित सीमा तक ही व्यावसायिक निर्माण की अनुमति दी जाएगी. पूरी जमीन पर काॅमर्शियल निर्माण नहीं किया जा सकता. कई क्षेत्रों जैसे अलीगंज सेक्टर I और J, संगम चौराहा, केंद्रीय भवन के पास, चंद्रलोक कॉलोनी और मंदिर मार्ग महानगर में आवासीय प्लॉटों पर व्यावसायिक निर्माण की शिकायतें मिली हैं. एलडीए ने इन सभी इलाकों की जांच शुरू कर दी है, और जहां भी नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा, वहां जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई तय है.
ड्रोन तकनीक बनी एलडीए की नई आंखें
ड्रोन सर्वे ने एलडीए के कामकाज में पारदर्शिता का नया अध्याय खोला है. अब कोई भी इंजीनियर या बिल्डर अवैध निर्माण छिपा नहीं सकता. 352 गांवों में से अब तक 181 गांवों का सर्वे पूरा हो चुका है और बाकी पर काम तेजी से जारी है. यह पहली बार है जब किसी विकास प्राधिकरण ने इतने व्यापक पैमाने पर ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया है. इससे न सिर्फ अवैध निर्माणों का पता चल रहा है, बल्कि भविष्य में शहर के मास्टर प्लान को भी सटीक रूप से लागू किया जा सकेगा.
लखनऊ में अब अवैध निर्माणों का युग खत्म?
एलडीए की इस सख्त कार्रवाई से बिल्डरों में हड़कंप मच गया है. अब तक जो लोग नियमों को ताक पर रखकर इमारतें खड़ी कर रहे थे, वे भी अब सतर्क हो गए हैं. शहर में “बुलडोजर” अब कानून की सख्ती का प्रतीक बन चुका है. एलडीए का दावा है कि आने वाले महीनों में लखनऊ को पूरी तरह अवैध निर्माणों से मुक्त करने का अभियान जारी रहेगा. यह कदम न केवल शहर की खूबसूरती लौटाएगा बल्कि आम नागरिकों के भरोसे को भी मजबूत करेगा.
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