Skoda Superb diesel सिंगल टैंक में चली 2831 किलोमीटर, बना नया रिकॉर्ड

Authored By: संतोष आनंद

Published On: Friday, October 24, 2025

Last Updated On: Friday, October 24, 2025

Skoda Superb diesel
Skoda Superb diesel

स्कोडा सुपर्ब का यह कारनामा केवल एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि एक संदेश है कि जब डिजाइन, तकनीक और ड्राइविंग एक साथ तालमेल में हों, तो एक पारंपरिक डीजल इंजन भी इलेक्ट्रिक वाहनों की रेंज को चुनौती दे सकता है।

Authored By: संतोष आनंद

Last Updated On: Friday, October 24, 2025

ऑटोमोबाइल जगत में जहां आजकल इलेक्ट्रिक वाहनों की चर्चा सबसे ज्यादा है, वहीं स्कोडा ने अपने डीजल इंजन की ताकत से सबका ध्यान खींच लिया है। स्कोडा सुपर्ब 2.0 TDI ने एक ही टैंक डीजल पर 2,831 किलोमीटर की दूरी तय करके नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है। यह कार अब सबसे लंबी दूरी तय करने वाली डीजल सेडान के रूप में दर्ज हो गई है। यह उपलब्धि सिर्फ एक ड्राइवर के धैर्य की नहीं, बल्कि स्कोडा की तकनीकी महारत, एरोडायनामिक डिजाइन और इंजन की दक्षता का परिणाम है।

ड्राइव का सफर और तैयारी

रिकॉर्ड बनाने वाली यह यात्रा यूरोप के कई देशों से होकर गुजरी, जिसमें जर्मनी, फ्रांस और बेल्जियम शामिल थे। कार को खास परिस्थितियों में चलाया गया ताकि ईंधन की खपत को न्यूनतम रखा जा सके। ड्राइवर ने किसी भी तरह का ओवरस्पीडिंग नहीं किया, बल्कि पूरे रास्ते लगभग 80 किमी. प्रति घंटे की स्थिर गति बनाए रखी। कार को ‘इको मोड’ में चलाया गया, जिससे इंजन का परफॉर्मेंस संतुलित रहा और गियर शिफ्टिंग बेहद स्मूद रही।

कार की तकनीकी विशेषताएं

यह रिकॉर्ड स्टैंडर्ड स्कोडा सुपर्ब 2.0 TDI सेडान से बनाया गया, जिसमें कोई खास बदलाव नहीं किया गया था। 2.0-लीटर चार-सिलेंडर टर्बो डीजल इंजन 148 बीएचपी की पावर और 360 एनएम टॉर्क देता है। इसमें सात-स्पीड DSG ऑटोमैटिक गियरबॉक्स और फ्रंट-व्हील ड्राइव है। स्कोडा की यह सेडान लगभग 1.6 टन वजनी है और लंबाई में लगभग 4.9 मीटर की है। इसके बावजूद इसने 38.3 किलोमीटर प्रति लीटर का औसत देकर सभी को चौंका दिया।

रिकॉर्ड बनाने की रणनीति

रिकॉर्ड रन के दौरान 66-लीटर की फ्यूल टैंक को पूरी तरह भरा गया था। ड्राइविंग तकनीक पर विशेष ध्यान दिया गया है जैसे कि स्थिर गति बनाए रखना, आगे की कार से उचित दूरी रखना ताकि एयर रेसिस्टेंस कम हो और पहाड़ी इलाकों में बिना जरूरत एक्सेलेरेशन या ब्रेक लगाने से बचना। टायर प्रेशर को कंपनी के तय मानक पर रखा गया, जिससे रोलिंग रेसिस्टेंस कम हुआ। फ्रांस के कुछ हिस्सों में चलने वाली अनुकूल हवाओं ने माइलेज बढ़ाने में अहम योगदान दिया।

ठंडे मौसम की चुनौती

ड्राइव के दौरान जर्मनी में तापमान लगभग 1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। ठंडे मौसम में इंजन का तापमान बनाए रखना और स्थिर दक्षता हासिल करना मुश्किल होता है, लेकिन स्कोडा सुपर्ब ने इस चुनौती को बखूबी पार किया। इसकी एडवांस इंजन थर्मल मैनेजमेंट तकनीक ने लगातार बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित किया।

आधुनिक डीजल इंजनों का संदेश

यह रिकॉर्ड केवल माइलेज की बात नहीं करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि आधुनिक डीजल इंजन अब भी पर्यावरण और व्यावहारिकता दोनों दृष्टिकोण से प्रासंगिक हैं। कम ईंधन खपत का अर्थ है कम कार्बन उत्सर्जन और यह दिखाता है कि जब तक इलेक्ट्रिक चार्जिंग नेटवर्क हर जगह उपलब्ध नहीं होता है, डीजल जैसी कुशल तकनीक का भी अपना स्थान बना रहेगा।

भारत जैसे देशों के लिए संदेश

भारत जैसे विशाल देश में जहां लंबी दूरी की यात्रा आम बात है, स्कोडा सुपर्ब की यह दक्षता दिखाती है कि प्रीमियम सेगमेंट में भी ईंधन बचत संभव है। स्कोडा इंडिया पहले से ही अपने डीजल इंजनों की मजबूती और आरामदायक ड्राइविंग के लिए जानी जाती है और यह रिकॉर्ड उसके इंजीनियरिंग कौशल की नई पहचान है।

कुल मिलाकर, स्कोडा सुपर्ब का यह कारनामा केवल एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि एक संदेश है कि जब डिजाइन, तकनीक और ड्राइविंग एक साथ तालमेल में हों, तो एक पारंपरिक डीजल इंजन भी इलेक्ट्रिक वाहनों की रेंज को चुनौती दे सकता है।

तकनीकी क्षेत्र में 15 वर्षों के अनुभव के साथ, संतोष आनंद कंप्यूटर, नेटवर्किंग, और सॉफ्टवेयर जैसे विषयों में विशेषज्ञता रखते हैं। नवीनतम तकनीकी प्रगतियों से हमेशा अपडेट रहते हुए, उन्होंने अपनी लेखनी से हजारों पाठकों के लिए तकनीकी समस्याओं के प्रभावी समाधान प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने ऑटोमोबाइल, टेलीकॉम, मोबाइल फोन, और बॉलीवुड एवं एंटरटेनमेंट जैसे विविध विषयों पर भी लेख लिखे हैं। उनकी लेखनी तकनीकी विषयों को सरल और व्यावहारिक भाषा में प्रस्तुत करती है, जो पाठकों को आसानी से समझने और उनके उपयोग में मदद करती है।
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