EMI पर फोन खरीदा है? भुगतान से चूके तो RBI कर सकता है आपका फोन लॉक, जानें पूरी डिटेल
Authored By: संतोष आनंद
Published On: Monday, October 6, 2025
Updated On: Monday, October 6, 2025
RBI की यह पहल डिफॉल्ट्स को कम करने का प्रयास है। हालांकि इसका व्यावहारिक और नैतिक प्रभाव काफी व्यापक हो सकता है। एक ओर यह बैंकों को सुरक्षा प्रदान करेगा, वहीं दूसरी ओर लाखों उपभोक्ताओं के लिए असुविधा का कारण बन सकता है।
Authored By: संतोष आनंद
Updated On: Monday, October 6, 2025
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार है। चीन के बाद भारत करीब 15.5 प्रतिशत ग्लोबल शिपमेंट का हिस्सा रखता है। यहां लोग हर बजट सेगमेंट में स्मार्टफोन खरीद रहे हैं और कई यूजर EMI के जरिए नए गैजेट्स ले रहे हैं। हालांकि इससे जहां कंपनियों की बिक्री बढ़ी है, वहीं बकाया ऋण यानी खराब लोन की समस्या भी तेजी से बढ़ी है। अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक नया नियम लाने पर विचार कर रहा है, जिसके तहत अगर कोई ग्राहक EMI भुगतान से चूकता है, तो लेंडर (बैंक या फाइनेंस कंपनी) को उस फोन को दूर से यानी रिमोटली लॉक करने का अधिकार मिल सकता है।
RBI का नया प्रस्ताव क्या है
Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, RBI अपने Fair Practices Code में संशोधन करने की तैयारी कर रहा है। इस अपडेट के बाद लेंडर्स को यह अधिकार मिल सकता है कि वे क्रेडिट पर खरीदे गए मोबाइल फोन को दूर से लॉक कर सकें, यदि ग्राहक EMI भुगतान करने में असफल रहता है। यह फीचर केवल उन्हीं फोनों पर लागू होगा, जो EMI या लोन के माध्यम से खरीदे गए हों। RBI इस प्रस्ताव के कानूनी, तकनीकी और नैतिक प्रभावों का अध्ययन कर रहा है और यह तय कर रहा है कि इसे सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से कैसे लागू किया जाए।
इस नीति के पीछे क्या कारण है
इस नीति का मुख्य उद्देश्य बढ़ते नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स यानी खराब ऋणों को कम करना है। पिछले कुछ वर्षों में भारत का कंज्यूमर लोन मार्केट तेजी से बढ़ा है, लेकिन छोटे लोन (एक लाख रुपये से कम) पर डिफॉल्ट्स की संख्या भी बढ़ी है। 2024 की Home Credit Finance रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की EMI बिक्री में तेज बढ़ोतरी हुई है और अब देश में हर तीन में से एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस EMI पर खरीदा जाता है। ऐसे में RBI यह व्यवस्था लाना चाहता है ताकि लेंडर्स को भुगतान सुनिश्चित करने का एक नया माध्यम मिल सके और वे कम क्रेडिट हिस्ट्री वाले ग्राहकों को भी लोन देने में सक्षम हों।
RBI इसे कैसे लागू करेगा
RBI अपने Fair Practices Code में संशोधन के माध्यम से यह नियम लागू करेगा। नए दिशानिर्देशों में यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी फोन को लॉक करने से पहले ग्राहक की सहमति लेना अनिवार्य होगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि बैंक या वित्तीय कंपनियों को किसी भी ग्राहक के निजी डेटा या फाइलों तक पहुंचने की अनुमति नहीं होगी। फोन लॉक केवल भुगतान से संबंधित सुरक्षा उपाय के रूप में किया जाएगा, न कि निगरानी के तौर पर।
नए नियम कब लागू होंगे
RBI ने 2024 में पहले ही लेंडर्स को फोन-लॉकिंग ऐप्स का इस्तेमाल रोकने का निर्देश दिया था, क्योंकि कुछ मामलों में इनका दुरुपयोग देखा गया था। हालांकि अब RBI दोबारा इस फीचर को पेश करने की योजना बना रहा है, लेकिन इस बार सख्त सुरक्षा मानकों और स्पष्ट गाइडलाइंस के साथ। संभावना है कि आने वाले महीनों में नए दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे, हालांकि अभी RBI की ओर से आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
किस पर पड़ेगा असर
अगर यह नीति लागू होती है, तो इसका असर लाखों भारतीयों पर पड़ेगा जो EMI पर मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस खरीदते हैं। भारत में इस समय 1.16 अरब से अधिक मोबाइल कनेक्शन हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में उपयोगकर्ता काम, शिक्षा और वित्तीय लेनदेन के लिए स्मार्टफोन पर निर्भर हैं। यह नीति बैंकों और वित्तीय कंपनियों के लिए फायदेमंद मानी जा रही है, क्योंकि इससे लोन रिकवरी आसान होगी। लेकिन दूसरी ओर, कंज्यूमर अधिकार संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि भुगतान चूकने पर फोन को लॉक करना उन लोगों के लिए अनुचित होगा जो इन्हीं डिवाइस के माध्यम से रोजी-रोटी, पढ़ाई या डिजिटल सेवाओं पर निर्भर हैं। आलोचक यह भी चेतावनी दे रहे हैं कि यह कदम डिजिटल डिवाइड को और गहरा कर सकता है, खासकर निम्न-आय वर्ग के लोगों के लिए।
RBI की यह पहल डिफॉल्ट्स को कम करने का प्रयास है। हालांकि इसका व्यावहारिक और नैतिक प्रभाव काफी व्यापक हो सकता है। एक ओर यह बैंकों को सुरक्षा प्रदान करेगा, वहीं दूसरी ओर लाखों उपभोक्ताओं के लिए असुविधा का कारण बन सकता है। अगर यह नीति लागू होती है, तो यह भारत में डिजिटल लेंडिंग और उपभोक्ता संरक्षण के बीच एक नए संतुलन की शुरुआत होगी।
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