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भारत में तेजी से बढ़ रहा मेडिकल टूरिज्म, नए रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़ें आए सामने
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Friday, July 18, 2025
Last Updated On: Friday, July 18, 2025
Medical Tourism in India: भारत तेजी से ग्लोबल मेडिकल हब बनने की ओर अग्रसर है. फिलहाल भारत में मेडिकल टूरिज्म बाजार हर साल 12.3% की दर से बढ़ रहा है. एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत का मेडिकल टूरिज्म मार्केट 2025 में 18.2 अरब डॉलर से बढ़कर 2035 तक 58.2 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Friday, July 18, 2025
Medical Tourism in India: भारत अब न केवल दुनिया की फार्मेसी बन रहा है, बल्कि ग्लोबल मेडिकल और वेलनेस टूरिज्म हब बनने की दिशा में भी मजबूती से कदम बढ़ा रहा है. एफएचआरएआई और केपीएमजी की एक संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार, भारत का मेडिकल टूरिज्म उद्योग 2035 तक 58.2 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है. इस रिपोर्ट में आधुनिक चिकित्सा तकनीक और भारत की पारंपरिक स्वास्थ्य प्रणाली के अनोखे समन्वय को देश की वैश्विक चिकित्सा पहचान के रूप में प्रस्तुत किया गया है. योग, आयुर्वेद और किफायती सर्जिकल सेवाओं के साथ भारत दुनिया भर से लाखों मरीजों को आकर्षित कर रहा है.
FHRAI की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) द्वारा केपीएमजी के सहयोग से तैयार की गई इस रिपोर्ट में 2035 तक ग्लोबल मेडिकल कब बनने के देश के महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण को दर्शाया गया है, जो 12.3 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ रहा है.
यह रिपोर्ट एक परिवर्तनकारी राष्ट्रीय रणनीति की भी रूपरेखा प्रस्तुत करती है जो भारत की क्लिनिकल विशेषज्ञता को उसकी सदियों पुरानी स्वास्थ्य परंपराओं के साथ इंटीग्रेट करती है, जिसका लक्ष्य देश को मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (एमवीटी) के लिए दुनिया का सबसे विश्वसनीय गंतव्य बनाना है.
रिपोर्ट में दिखाया गया है कि भारत आधुनिक सर्जरी के साथ-साथ आयुर्वेद, योग और पंचकर्म जैसे प्राकृतिक उपचार विकल्पों की पेशकश करते हुए एक किफायती विकल्प के रूप में उभर रहा है.
मेडिकल टूरिज्म इंडेक्स में 10वें स्थान पर भारत
भारत मेडिकल टूरिज्म इंडेक्स में 10वें और वेलनेस टूरिज्म में सातवें स्थान पर है और 75 देशों से लगभग 20 लाख अंतरराष्ट्रीय मरीजों को आकर्षित करता है. रिपोर्ट से पता चला है कि 2024 में चिकित्सा वीजा जारी करने वालों की संख्या बढ़कर 4,63,725 हो गई, जिनमें से अधिकांश मरीज बांग्लादेश, खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) देशों और अफ्रीका से हैं.
आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा का वैश्विक महत्व
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के डॉ. मनोज नेसारी ने राष्ट्रीय राजधानी में एफएचआरएआई द्वारा आयोजित हील इन इंडिया 2025 मेडिकल एंड वेलनेस टूरिज्म समिट में रिपोर्ट को पेश करते हुए कहा कि आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा का वैश्विक महत्व बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा, “भारत पारंपरिक चिकित्सा में समृद्ध है और सरकार ने हाल के वर्षों में इस क्षेत्र को एक वैकल्पिक अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं.” उन्होंने आगे कहा कि दुनिया भर में चिकित्सा और स्वास्थ्य के विकल्प के रूप में योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की गई हैं.
पर्यटन मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव एवं महानिदेशक, आईएएस सुमन बिल्ला ने कहा कि आने वाले वर्षों में पर्यटन अर्थव्यवस्था 3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी और इसके लिए कई क्षेत्रों को सक्रिय करने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा, “चिकित्सा और स्वास्थ्य पर्यटन इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रणनीतिक स्तंभ हैं. उन्होंने दृढ़ता से सुझाव दिया कि आने वाले वर्षों में हमें न केवल अपनी क्षमता, बल्कि अपनी देखभाल, करुणा और सेवाभाव का भी प्रदर्शन करना होगा.”
(आईएएनएस इनपुट के साथ)