कानपुर में आज का मौसम 18 April 2025: 45 डिग्री तक जा सकता है तापमान, जानें कब मिलेगी झुलसाने वाली गर्मी से राहत

कानपुर में आज का मौसम 18 April 2025: 45 डिग्री तक जा सकता है तापमान, जानें कब मिलेगी झुलसाने वाली गर्मी से राहत

Authored By: Khursheed

Published On: Thursday, April 17, 2025

Categories: Weather

Updated On: Thursday, April 17, 2025

kanpur Mai Aaj Ka Mausam 18 April 2025
kanpur Mai Aaj Ka Mausam 18 April 2025

मौसम विभाग के मुताबिक, 18 अप्रैल को कानपुर में गर्मी अपना तीखा रूप दिखा सकती है. अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है, जो इस सीज़न का सबसे ऊंचा स्तर हो सकता है. वहीं, न्यूनतम तापमान भी 29 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है. भीषण गर्मी और लू के चलते लोगों को दिन के समय घर से बाहर निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

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Updated On: Thursday, April 17, 2025

18 अप्रैल को कानपुर में अधिकतम तापमान 45 डिग्री और न्यूनतम 29 डिग्री रहने का अनुमान है. ऐसे में कानपुरवासियों के लिए शुक्रवार का दिन गर्म हवा और उमस भरी गर्मी का रहेगा. गुरुवार के मुकाबले शुक्रवार को तापमान में छह डिग्री की बढ़ोतरी होने का अनुमान है. वहीं, न्यूनतम तापमान में पांच डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है. ऐसे में आपको गर्मी और धूप की मार से बचने और जरूरी सावधानियां बरतने की जरूरत है. 

महीने के आखिर मिल सकती है राहत

कानपुर में बढ़ते तापमान के चलते आने वाले दिनों में भीषण गर्मी के साथ लू चलेंगी, जिसके चलते लोगों का भीषण गर्मी से बुरा हाल होगा. मौसम विभाग के अनुसार महीने के अंत में गर्मी से राहत मिल सकती है क्योंकि 27 और 29 अप्रैल को बारिश की संभावना जताई है.

18 अप्रैल: बारिश होने का है अनुमान

18 अप्रैल को मौसम विभाग ने कानपुर में बारिश का अनुमान लगाया है. जिससे लोगो को थोड़ी राहत मिल सकती है. लेकिन अगले दिन तेज सतही हवाए चलेंगी.जो न सिर्फ बाहर निकलना मुश्किल बना देंगी, बल्कि लू जैसी स्थितियां भी पैदा कर सकती हैं. दोपहर की चिलचिलाती धूप में बाहर निकलना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है.

कानपुर 17 अप्रैल के बाद तापमान में गिरावट की संभावना है. लेकिन उसके बाद मौसम अपना ‘कहर’ बरपाएगा क्योंकि तापमान 39 डिग्री तक जा सकता है. तापमान बढ़ने के साथ ही गर्मी का ‘रौद्र रूप’ देखने को मिलेगा. आंधी, धूल भरी हवाएं और लू जैसे हालात -सभी कुछ इस ‘गर्मी के थ्रिलर’ का हिस्सा हैं. समझदारी इसी में है कि सावधानी बरती जाए और मौसम के इस ‘उग्र स्वभाव’ से बचकर रहा जाए!

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Kanpur
9:28 am, Apr 19, 2025
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कानपुर में प्रदूषण का स्तर

कानपुर की चिलचिलाती गर्मी के साथ प्रदूषण में उतार चढ़ाव हुआ है. हालांकि प्रदूषण में ज्यादा फर्क नहीं आया है. 18 अप्रैल को एक्यूआई मध्यम स्तर पर दर्ज किया गया. पिछले दिनों के मुकाबले वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहतर रहा है. ऐसे में प्रदूषण को लेकर विशेष चिंता करने की जरूर नहीं हैं. 

विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय अस्थमा और दिल के मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. बाहर निकलते समय मास्क पहनना, भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना और घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना समझदारी होगी.

पिछले 10 दिनों में कानपुर में मौसम का मिज़ाज

दिनांक Min Temp. Max Temp.
Apr 18, 2025 28 45
Apr 17, 2025 23 39
Apr 16, 2025 23 37
Apr 15, 2025 26 39
Apr 14, 2025 24 37
Apr 13, 2025 25 38
Apr 12, 2025 26 40
Apr 11, 2025 25 40
Apr 10, 2025 28 42
Apr 9, 2025 27 41

कानपुर में इतनी गर्मी का क्या है कारण?

राजस्थान और अन्य शुष्क क्षेत्रों से आने वाली पछुआ हवाएं कानपुर में गर्मी का मुख्य कारण बन रही हैं. ये हवाएं बेहद शुष्क और तपती हुई होती हैं, जो तापमान को तेजी से बढ़ा देती हैं.

शहरीकरण का दुष्प्रभाव

कानपुर में तेजी से बढ़ते शहरीकरण ने ‘अर्बन हीट आइलैंड’ प्रभाव को जन्म दिया है. कंक्रीट के जंगलों ने प्राकृतिक हरियाली को निगल लिया है, जबकि निर्माण गतिविधियों ने गर्मी सोखने वाली खुली जमीन को कम कर दिया है. एयर कंडीशनर और वाहनों से निकलने वाली गर्मी ने शहर के तापमान को और बढ़ा दिया है.

प्रदूषण की भूमिका

वायु प्रदूषण ने कानपुर की गर्मी की समस्या को और विकराल बना दिया है. वायुमंडल में जमा प्रदूषक कण सूरज की गर्मी को रोककर रखते हैं, जबकि धूल और स्मॉग की मोटी परत शहर को एक गर्म कंबल की तरह ढंक लेती है. यह प्रभाव रात के तापमान को भी असामान्य रूप से बढ़ा देता है.

मौसम पैटर्न में बदलाव

पिछले कुछ वर्षों में मौसम के पैटर्न में आए बदलाव ने भी गर्मी को बढ़ाया है. पश्चिमी विक्षोभ की कमी, मानसून पूर्व बारिश में कमी और लंबे समय तक चलने वाली शुष्क हवाओं ने गर्मी की अवधि को बढ़ा दिया है.

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

वैश्विक जलवायु परिवर्तन ने दिल्ली के तापमान को भी प्रभावित किया है. बढ़ता वैश्विक तापमान, अप्रत्याशित मौसम चक्र और गर्मी के मौसम की अवधि में वृद्धि ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है.

तत्काल प्रभाव और समाधान

इस भीषण गर्मी के कारण लू की घटनाएं बढ़ी हैं, बिजली की मांग आसमान छू रही है और जल संकट गहराता जा रहा है. इस स्थिति से निपटने के लिए शहर में हरियाली बढ़ाने, जल संरक्षण के उपाय अपनाने और सतत विकास की नीतियों को लागू करने की तत्काल आवश्यकता है.

क्या करें कानपुरवासी?

हाइड्रेटेड रहें 

  • दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं.
  • नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ, आम पना जैसे प्राकृतिक पेय लें.
  • कैफीन और अल्कोहल से बचें, ये शरीर को डिहाइड्रेट करते हैं.

ढीले और हल्के रंग के कपड़े पहनें

  • सूती या लिनन जैसे हल्के और सांस लेने वाले कपड़े पहनें.
  • गहरे रंगों से बचें क्योंकि वे गर्मी को ज्यादा सोखते हैं.

दोपहर में बाहर निकलने से बचें

  • विशेष रूप से दोपहर 12 से 4 बजे के बीच घर के अंदर रहें
  • अगर बाहर निकलना ही पड़े तो सिर को टोपी, स्कार्फ या छाते से ढकें

सनस्क्रीन का उपयोग करें

  • धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन जरूर लगाएं.

हल्का और ठंडा भोजन करें

  • ज्यादा मसालेदार, तली हुई और भारी चीजों से बचें.
  • फल और सलाद को अपनी डाइट में शामिल करें—खरबूजा, तरबूज, खीरा, संतरा आदि.

प्रदूषण से बचाव करें

  • सुबह 6-8 बजे तक बाहरी गतिविधियों से बचें क्योंकि इस समय वायु प्रदूषण का स्तर अधिक होता है.

घर में हरियाली बढ़ाएं

  • नीम, तुलसी, एलोवेरा जैसे एयर-प्यूरीफाइंग पौधे लगाएं जो हवा को साफ और ठंडा रखने में मदद करते हैं.

लक्षणों को नजरअंदाज न करें

  • अत्यधिक पसीना, चक्कर, सिरदर्द, थकावट जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
  • यह हीट स्ट्रोक का संकेत हो सकता है, जो गंभीर स्थिति बन सकती है.

FAQ

इसका मुख्य कारण पछुआ (पश्चिमी) गर्म हवाएं हैं, जो राजस्थान और अन्य शुष्क इलाकों से आती हैं। ये हवाएं बेहद शुष्क होती हैं और तापमान को तेज़ी से बढ़ा देती हैं।

जब शहरों में कंक्रीट की इमारतें, सड़कें और वाहनों की गर्मी प्राकृतिक हरियाली की जगह ले लेती हैं, तब तापमान बढ़ जाता है। इसे ‘Urban Heat Island Effect’ कहते हैं। कानपुर जैसे शहरी इलाकों में यह प्रभाव ज्यादा दिखता है, जिससे शहर का तापमान आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से अधिक होता है।

हां। वायु में मौजूद धूल और स्मॉग की मोटी परत सूरज की गर्मी को वातावरण में रोककर रखती है, जिससे तापमान और उमस बढ़ जाती है। यह परत शहर को एक गर्म कंबल की तरह ढक लेती है, जिससे रात में भी तापमान सामान्य से अधिक बना रहता है।

बिलकुल ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण गर्मी जल्दी शुरू हो जाती है, लंबे समय तक रहती है और अधिक तीव्र होती है। अप्रत्याशित मौसम चक्र भी इस बदलाव का हिस्सा हैं।

हां, मानसून पूर्व बारिश और पश्चिमी विक्षोभ की कमी ने मिट्टी की नमी को घटा दिया है, जिससे गर्म हवाएं ज़्यादा असर डालती हैं और ज़मीन तेज़ी से गर्म होती है।

  •  लू के मामले बढ़ रहे हैं  
  •  बिजली की मांग बहुत बढ़ गई है  
  •  जल संकट गहराता जा रहा है  
  •  स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव: चक्कर, थकावट, डिहाइड्रेशन जैसे लक्षण आम हो गए हैं
  • अधिक से अधिक पानी पिएं और खुद को हाइड्रेट रखें  
  • हल्के, ढीले और हल्के रंग के कपड़े पहनें  
  • सनस्क्रीन लगाएं और सिर ढककर निकलें  
  • हल्का भोजन करें और मौसमी फल खाएं  
  • घर में हरियाली बढ़ाएं और प्रदूषण से बचने के उपाय करें  
  • लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
About the Author: Khursheed
खुर्शीद ने हिंदी पत्रकारिता जगत में 2020 से अपने करियर की शुरुआत की थी, सबसे पहले उन्हें लोकमत में काम करने का मौका मिला, यहां पर वह राजनीतिक और अंतर्राष्ट्रीय खबरों के साथ-साथ करंट खबरों पर लिखा करते थे. इसके बाद न्यूज 24 और वार्ता 24 में काम करने का मौका मिला. अब गलगोटियाज टाइम्स में कार्यरत हैं.
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