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लखनऊ का मौसम 20 April 2025: गर्मी और उमस का बढ़ता प्रभाव, अभी राहत मिलने की संभावना नहीं, जानिए क्या करें उपाय
लखनऊ का मौसम 20 April 2025: गर्मी और उमस का बढ़ता प्रभाव, अभी राहत मिलने की संभावना नहीं, जानिए क्या करें उपाय
Authored By: Khursheed
Published On: Saturday, April 19, 2025
Updated On: Saturday, April 19, 2025
20 अप्रैल को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मौसम विभाग के अनुसार अधिकतम तापमान 37 डिग्री और न्यूनतम तापमान 24 डिग्री रहने का अनुमान है. हालांकि, इस दिन हवा में नमी का स्तर 70% तक पहुंच सकता है, जिससे गर्मी और उमस से राहत मिलना मुश्किल होगा. आगामी दिनों में भी लखनऊवासियों को गर्मी और उमस का सामना करना पड़ेगा. ऐसे में गर्मी और धूप से बचने के लिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी होगा.
Authored By: Khursheed
Updated On: Saturday, April 19, 2025
लखनऊ में अप्रैल के मध्य से ही गर्मी ने जोर पकड़ लिया है. मौसम विभाग के अनुसार, 20 अप्रैल 2025 को शहर का अधिकतम तापमान 37 डिग्री और न्यूनतम तापमान 24 डिग्री के आसपास रहेगा. हालांकि, गर्म हवाओं के साथ बढ़ती नमी और उमस की वजह से वातावरण में लू जैसी स्थिति बन सकती है.
लखनऊ में बढ़ेगी गर्मी की तपिश
लखनऊवासियों को आने वाले दिनों में भीषण गर्मी से राहत मिलने की संभावना बेहद कम है. मौसम विभाग के ताज़ा पूर्वानुमान के अनुसार, 21 से 25 अप्रैल के बीच अधिकतम तापमान 39°C से 40°C के बीच बना रहेगा. यह तापमान सामान्य से 4–5 डिग्री अधिक है, जिससे गर्मी और उमस की स्थिति लगातार बनी रहेगी. इसके साथ ही, हवा में नमी का स्तर भी उच्च रहेगा, जिससे ‘हीट इंडेक्स’ बढ़ने की संभावना है.
21–25 अप्रैल: लखनऊ में दिनभर तेज़ धूप
21 अप्रैल से 25 अप्रैल तक लखनऊ में मौसम बिल्कुल साफ रहेगा, और दिनभर तेज़ धूप रहेगी. इस दौरान अधिकतम तापमान 39°C से 40°C के बीच बना रहेगा, जबकि न्यूनतम तापमान भी 23 से 25 डिग्री के आसपास रहेगा। गर्म हवा और तेज़ धूप लू जैसी स्थिति पैदा करेगा. सुबह से शाम तक तापमान में बढ़ोतरी होती रहेगी, जिससे लखनऊवासी बेहद गर्मी का अनुभव करेंगे.
लखनऊ में प्रदूषण का स्तर
लखनऊ में इस समय प्रदूषण का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है. गर्मी और नमी के साथ, वायु प्रदूषण का असर और भी गंभीर हो सकता है. प्रदूषक कण सूरज की गर्मी को सोख लेते हैं, जिससे गर्मी का असर बढ़ता है. साथ ही, शहर में धूल और स्मॉग की परत भी प्रदूषण के स्तर को बढ़ा रही है. ऐसे में लखनऊवासियों को प्रदूषण से बचने के लिए सतर्क रहना जरूरी है।
गर्मी और लू से बचने के उपाय
- दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक बाहर निकलने से बचें:यह समय सबसे अधिक तापमान वाला होता है, जब लू चलने की संभावना सबसे ज्यादा होती है. यदि बहुत ज़रूरी न हो तो घर के अंदर ही रहें.
- हल्के और ढीले कपड़े पहनें:सूती और हल्के रंग के कपड़े शरीर को ठंडा रखने में मदद करते हैं.
- सिर और आंखों को ढककर रखे: बाहर निकलते समय टोपी, छाता, सनग्लास और दुपट्टे का इस्तेमाल करें ताकि तेज धूप से सिर और आंखों को सुरक्षा मिल सके.
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं: गर्मी से बचने के लिए दिनभर में कम से कम 8–10 गिलास पानी जरूर पिएं.
- घरेलू पेय का सेवन करें: नींबू पानी, आम पना, छाछ, नारियल पानी और बेल का शरबत जैसे पारंपरिक पेय शरीर को ठंडा और हाइड्रेटेड रखते हैं.
- भारी और मसालेदार भोजन से बचें: गर्मी में हल्का और ताज़ा भोजन करें. तली-भुनी चीज़ों और अधिक मिर्च-मसाले से पाचन गड़बड़ हो सकता है.
पिछले 10 दिनों में लखनऊ में मौसम का मिज़ाज
दिनांक | Min Temp. | Max Temp. |
---|---|---|
Apr 20, 2025 | 24 | 37 |
Apr 19, 2025 | 29 | 42 |
Apr 18, 2025 | 26 | 42 |
Apr 17, 2025 | 26 | 42 |
Apr 16, 2025 | 27 | 40 |
Apr 15, 2025 | 25 | 38 |
Apr 14, 2025 | 27 | 41 |
Apr 13, 2025 | 27 | 42 |
Apr 12, 2025 | 27 | 42 |
Apr 11, 2025 | 25 | 43 |
लखनऊ में इतनी गर्मी का क्या है कारण?
लखनऊ में गर्मी पड़ने का सबसे बड़ा कारण पछुआ हवाएं हैं. साथ ही तेजी से हो रहे शहरीकरण, पेड़ों की कटाई और कंक्रीट के बढ़ते निर्माण ‘Urban Heat Island Effect’ को बढ़ावा देते हैं, जिससे शहरों का तापमान आस-पास के ग्रामीण इलाकों से ज़्यादा होता है.समुद्र से काफी दूर होने के कारण यहां समुद्री मॉनसून का सुकून देने वाला प्रभाव भी कम ही पहुंच पाता है.
शहरीकरण का दुष्प्रभाव
लखनऊ में तेजी से बढ़ते शहरीकरण ने ‘अर्बन हीट आइलैंड’ प्रभाव को जन्म दिया है. कंक्रीट के जंगलों ने प्राकृतिक हरियाली को निगल लिया है, जबकि निर्माण गतिविधियों ने गर्मी सोखने वाली खुली जमीन को कम कर दिया है. एयर कंडीशनर और वाहनों से निकलने वाली गर्मी ने शहर के तापमान को और बढ़ा दिया है.
प्रदूषण की भूमिका
वायु प्रदूषण ने लखनऊ की गर्मी की समस्या को और विकराल बना दिया है. वायुमंडल में जमा प्रदूषक कण सूरज की गर्मी को रोककर रखते हैं, जबकि धूल और स्मॉग की मोटी परत शहर को एक गर्म कंबल की तरह ढंक लेती है. यह प्रभाव रात के तापमान को भी असामान्य रूप से बढ़ा देता है.
मौसम पैटर्न में बदलाव
पिछले कुछ वर्षों में मौसम के पैटर्न में आए बदलाव ने भी गर्मी को बढ़ाया है. पश्चिमी विक्षोभ की कमी, मानसून पूर्व बारिश में कमी और लंबे समय तक चलने वाली शुष्क हवाओं ने गर्मी की अवधि को बढ़ा दिया है.
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
वैश्विक जलवायु परिवर्तन ने दिल्ली के तापमान को भी प्रभावित किया है. बढ़ता वैश्विक तापमान, अप्रत्याशित मौसम चक्र और गर्मी के मौसम की अवधि में वृद्धि ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है.
तत्काल प्रभाव और समाधान
इस भीषण गर्मी के कारण लू की घटनाएं बढ़ी हैं, बिजली की मांग आसमान छू रही है और जल संकट गहराता जा रहा है. इस स्थिति से निपटने के लिए शहर में हरियाली बढ़ाने, जल संरक्षण के उपाय अपनाने और सतत विकास की नीतियों को लागू करने की तत्काल आवश्यकता है.