नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ बवाल; संसद में घुसे प्रदर्शनकारी, पुलिस फायरिंग में 15 की मौत
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Monday, September 8, 2025
Last Updated On: Monday, September 8, 2025
नेपाल सरकार द्वारा फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और व्हाट्सऐप समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाने के फैसले के बाद राजधानी काठमांडू और अन्य शहरों में युवाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया. सोमवार को संसद में घुसे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने गोलीबारी की, जिसमें कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Monday, September 8, 2025
नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ गुस्सा उबाल बनकर सड़कों पर उतर आया है. (Nepal Social Media Ban Protest) प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार ने 4 सितंबर को फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और व्हाट्सऐप जैसे पॉपुलर प्लेटफॉर्म्स पर पाबंदी लगा दी थी. इसके विरोध में 8 सितंबर को हजारों युवाओं ने काठमांडू की सड़कों पर उतरकर संसद तक मार्च किया. स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें 15 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों की मौत और सैकड़ों घायल हो गए. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री केपी ओली की सरकार ने चार सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, वॉट्सऐप, रेडिट और X जैसे 26 सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन लगा दिया था.
भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों का विरोध
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में कई लोग घायल हो गए हैं. हालात ऐसे हैं कि नजदीकी अस्पतालों में घायलों के इलाज के लिए बेड तक कम पड़ रहे हैं. सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध का विरोध करने के लिए युवाओं ने इस आंदोलन की शुरुआत की थी. काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट बताती है कि सोमवार, 8 सितंबर की सुबह 9 बजे से बड़ी संख्या में लोग मैतीघर में इकट्ठा होने लगे. जिला प्रशासन कार्यालय के मुताबिक, यह रैली ‘हामी नेपाल’ नामक संगठन ने आयोजित की थी और इसके लिए प्रशासन से पहले से अनुमति भी ली गई थी. संगठन के अध्यक्ष सुधन गुरुंग ने साफ कहा कि यह विरोध सिर्फ सोशल मीडिया बैन नहीं, बल्कि सरकार के कामकाज में बढ़ते भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता की नाराजगी है.
युवाओं की नारेबाजी और विरोध
नेपाल में इंस्टाग्राम जैसे पॉपुलर प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल लाखों लोग मनोरंजन, खबरों और व्यापार के लिए करते हैं. ऐसे में जब सरकार ने सोशल मीडिया पर रोक लगाई तो युवाओं में नाराजगी बढ़ गई. सोमवार को प्रदर्शन राष्ट्रगान के साथ शुरू हुआ. इसके बाद जनरेशन Z के प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय झंडे लहराते हुए जोरदार नारेबाजी की. वे सोशल मीडिया बैन हटाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे.
सरकार के फैसले से भड़का गुस्सा
गौरतलब है कि यह आंदोलन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा गुरुवार, 4 सितंबर को लिए गए फैसले के बाद शुरू हुआ. इस फैसले में फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रोक लगा दी गई थी. सरकार का कहना था कि इन प्लेटफॉर्म्स ने तय समय सीमा में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया, इसलिए उन पर कार्रवाई की गई. लेकिन इस बैन के पीछे सिर्फ तकनीकी वजह ही नहीं, बल्कि ओली सरकार में फैलते भ्रष्टाचार को भी बड़ी वजह बताया जा रहा है. यही कारण है कि युवाओं में गुस्सा और भी बढ़ गया है.
नेपाल की हस्तियों ने दिया समर्थन
नेपाल के कला और फिल्म जगत की बड़ी हस्तियों ने भी युवाओं के इस आंदोलन का समर्थन किया है. इनमें दिग्गज अभिनेता मदन कृष्ण श्रेष्ठ और हरिबंशा आचार्य, गायक प्रकाश सपूत, अभिनेता-निर्देशक निश्चल बसनेत, अभिनेत्री केकी अधिकारी और वर्षा राउत शामिल हैं. इन सभी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए प्रदर्शनकारियों के साथ अपनी एकजुटता दिखाई और सरकार से फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की.
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