बांग्लादेश की अवामी लीग ने यूनुस सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, भविष्य को लेकर जताई चिंता
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Friday, September 5, 2025
Last Updated On: Friday, September 5, 2025
बांग्लादेश की सत्ताधारी पार्टी अवामी लीग ने अंतरिम प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पार्टी का कहना है कि सरकार राजनीतिक अस्थिरता दूर करने में विफल रही है और अर्थव्यवस्था को 20 साल के न्यूनतम विकास दर तक धकेल दिया है.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Friday, September 5, 2025
Awami League Yunus Government: बांग्लादेश में राजनीतिक और आर्थिक हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं. खासकर आर्थिक तौर पर बांग्लादेश की स्थिति पहले के मुकाबले ज्यादा गंभीर बन चुकी है. अवामी लीग ने अंतरिम प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार पर आरोप लगाया है कि वह न केवल राजनीतिक स्थिरता कायम करने में नाकाम रही है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी अभूतपूर्व संकट में डाल दिया है.
पार्टी का कहना है कि यूनुस सरकार के एक साल पूरे होने के बावजूद देश में अशांति, निवेशकों का भरोसा टूटना, बेरोजगारी और विकास दर में भारी गिरावट ने आम नागरिकों की परेशानियां बढ़ा दी हैं.
राजनीतिक स्थिरता लाने में नाकाम यूनुस सरकार
- अवामी लीग ने यूनुस सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि मौजूदा हालात की पूरी जिम्मेदारी अंतरिम नेतृत्व पर है. पार्टी का कहना है कि सत्ता में आए एक साल से ज्यादा हो चुका है, लेकिन सरकार राजनीतिक स्थिरता लाने में नाकाम रही है. इसके उलट, हर कुछ समय बाद नया संकट सामने खड़ा हो जाता है. जिस प्रशासन ने खुद को “सुधारक” कहा था, वही बीते 20 सालों में सबसे कम आर्थिक विकास दर दर्ज करा रहा है.
- पार्टी ने कहा कि हाल के महीनों में विश्वविद्यालय परिसरों में फैली अशांति, छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों के बीच हुई झड़पें इस बात का सबूत हैं कि राजनीतिक स्थिरता अभी भी बेहद दूर है.
अर्थव्ययवस्था को भुगतना पड़ रहा है खामियाजा
अवामी लीग का आरोप है कि इस अस्थिर माहौल का सबसे बड़ा खामियाजा देश की अर्थव्यवस्था को भुगतना पड़ रहा है. इसका सीधा असर आम बांग्लादेशियों की जिंदगी पर दिखाई दे रहा है. पार्टी के मुताबिक, अर्थशास्त्री भी बार-बार यह चेतावनी देते आए हैं कि राजनीतिक स्थिरता के बिना आर्थिक प्रगति टिकाऊ नहीं हो सकती. सवाल उठाते हुए अवामी लीग ने कहा– “जब राजनीतिक नेताओं पर हमले हो रहे हैं और विश्वविद्यालयों में धारा 144 लगानी पड़ रही है, तो ऐसे माहौल में कोई निवेशक भरोसा कैसे करेगा?”
निवेशकों ने अब रुको और देखो की नीति अपनाई
पार्टी ने कहा कि निवेशकों ने अब “रुको और देखो” की नीति अपना ली है. वे इंतजार कर रहे हैं कि देश की राजनीति किस दिशा में जाती है. इस अनिश्चित माहौल की वजह से नई परियोजनाएं शुरू नहीं हो रही हैं और पुरानी परियोजनाएं अधर में लटकी हुई हैं. इससे रोजगार के मौके घट रहे हैं और बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है.
बांग्लादेश ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों का हवाला देते हुए पार्टी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर गिरकर 3.97 प्रतिशत रह गई है. यह बीते दो दशकों में सबसे निचला स्तर है. यह आंकड़ा सिर्फ एक संख्या नहीं है, बल्कि लाखों परिवारों की गिरती आय, नौकरी के कम होते अवसर और बढ़ती गरीबी की हकीकत को दिखाता है.
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