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Imran Khan: पाकिस्तान के दो बड़े जिलों में क्यों लगा धारा 144
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Tuesday, December 2, 2025
Last Updated On: Tuesday, December 2, 2025
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और रावलपिंडी के स्थानीय प्रशासन ने दोनों जिलों में धारा 144 लगा दी है. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की स्वास्थ्य को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच उनके समर्थक इन दोनों शहरों में विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं.
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Last Updated On: Tuesday, December 2, 2025
पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की सेहत को लेकर कई हफ़्तों से अफवाहें उड़ रही हैं. वहां के सोशल मीडिया पर तो पूर्व प्रधानमंत्री की मौत होने की खबरें भी खूब वायरल हो रही है. हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री खान रावलपिंडी के जिस जेल में बंद हैं, उस जेल प्रशासन ने अफवाह को खारिज करते हुए कहा है कि इमरान खान पूरी तरह स्वस्थ हैं.
लेकिन इमरान खान के समर्थक यह मानने को तैयार नहीं हैं. वे जेल प्रशासन से पूर्व प्रधानमंत्री की स्वास्थ्य रिपोर्ट मांग रहे हैं. जेल प्रशासन अभी तक इमरान खान का हेल्थ बुलेटिन जारी नहीं किया है.
इमरान खान के समर्थकों का प्रदर्शन
हेल्थ बुलेटिन नहीं मिलने के बाद उनके समर्थकों ने राजधानी इस्लामाबाद और रावलपिंडी (Islamabad and Rawalpindi) में विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं. इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर ये प्रोटेस्ट करने का फैसला किया है.
विरोध प्रदर्शन रावलपिंडी की अदियाला जेल के अलावा इस्लामाबाद में भी होंगे। समर्थक राजधानी इस्लामाबाद में हाई कोर्ट के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे. कोर्ट से वे इमरान खान से मुलाकात की मांग करेंगे.
परिवार वालों से मुलाकात नहीं
जेल में बंद इमरान खान का लगभग एक महीने से किसी से कोई मुलाकात नहीं हुई है. तीन हफ़्ते से ज़्यादा समय से खान का परिवार, जिसमें उनके दो बेटे भी शामिल हैं और पार्टी नेता उनसे मिलने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन जेल प्रशासन उनके अनुरोध पर कोई जवाब नहीं दिया है। इसी से अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि शायद उनकी मौत हो गई है.
खान के परिवार का कहना है कि उनसे एक महीने से कोई बातचीत नहीं होने के कारण डर और बढ़ा गया है. यहां तक कि वहां के न्यूज चैनलों से कहा गया है कि वे खान का नाम या इमेज इस्तेमाल न करें.
इस्लामाबाद-रावलपिंडी में धारा 144 (Section 144)
खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) Tehreek-E-Insaf (PTI)के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए अधिकारियों ने दोनों शहरों में धारा 144 लगा दी है. रावलपिंडी में, संवेदनशील इलाकों और मुख्य सड़कों के आसपास खतरों के कारण धारा 144 लगाई गई है.
बड़ी सभाओं पर रोक
विरोध प्रदर्शनों के कारण इस्लामाबाद में अधिकारियों ने दो महीने का बैन लगा दिया है. जबकि रावलपिंडी ज़िला प्रशासन ने यह बैन अगले हफ्ते तक के लिए बढ़ा दिया है. इस्लामाबाद के आदेश में ज़िला इस्लामाबाद की रेवेन्यू बिल्डिंग के आसपास, रेड ज़ोन सहित, किसी भी पब्लिक प्लेस पर पांच या उससे ज़्यादा लोगों के इकट्ठा होने, जुलूस या रैली और प्रदर्शनों पर रोक है.
नोटिफिकेशन के मुताबिक, इंटेलिजेंस रिपोर्ट (Intelligence Report) से पता चलता है कि कुछ ग्रुप बड़ी सभाओं और विरोध प्रदर्शनों की प्लानिंग कर रहे हैं। इससे लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ सकती है. ये समूह कमज़ोर जगहों को भी निशाना बना सकते हैं. कई स्थानों पर हिंसक कार्रवाई करने की कोशिश कर सकते हैं. इससे लोगों की सुरक्षा और शांति को खतरा हो सकता है.
इसलिए गैर-कानूनी गतिविधियों को कंट्रोल करने, शहर में शांति, अमन और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए, यह जरूरी है. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यह बैन 18 जनवरी, 2026 को हटा लिया जाएगा.
इमरान खान (Imran Khan) 2023 से जेल में बंद
वर्ष 2022 में इमरान खान को आम चुनाव के बाद प्रधानमंत्री पद हटा दिया गया था. एक साल बाद खान को कई मामलों में दोषी पाया गया. उसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. वे अगस्त 2023 से रावलपिंडी की अदियाला जेल बंद हैं. खान भ्रष्टाचार के आरोपों में 14 साल की सज़ा काट रहे हैं. उनके समर्थकों का दावा है कि उन्हें राजनीति से दूर रखने के लिए सभी केस बनाए गए हैं.
क्या कहते हैं पार्टी नेता (PTI)
इमरान खान के पार्टी नेता असद कैसर (Asad Qaiser) का कहना है कि हमारे लोग पहले इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर इकट्ठा होंगे. उसके बाद वे अदियाला जेल तक मार्च करेंगे. ये विरोध प्रदर्शन इसलिए प्लान किए गए हैं, क्योंकि इस्लामाबाद हाई कोर्ट अपना आदेश लागू करने में नाकाम रहा है. अदियाला जेल प्रशासन कोर्ट के निर्देशों को लागू करने को तैयार नहीं है.
वहीं पार्टी के प्रवक्ता ज़ुल्फ़िकार बुखारी (Spokesperson Zulfiqar Bukhari) ने बताया, ‘4 नवंबर के बाद से किसी ने खान को नहीं देखा है. उनसे मिलने की इजाज़त न देने का कोई कारण नहीं बताया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री होने के बावजूद उन्हें मिलने और मेडिकल सपोर्ट देने से मना किया जा रहा है.
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