पाकिस्तान की गिरती अर्थव्यवस्था के बीच नेता विदेश में भेज रहे धन – जानिए पूरा मामला!

पाकिस्तान की गिरती अर्थव्यवस्था के बीच नेता विदेश में भेज रहे धन – जानिए पूरा मामला!

Authored By: Nishant Singh

Published On: Tuesday, May 13, 2025

Last Updated On: Wednesday, May 14, 2025

Pakistan economic crisis
Pakistan economic crisis

एक तरफ जब भारत पाकिस्तान में ठिकाना बनाए आतंकियों के अड्डों के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत सर्जिकल स्ट्राइक करके उन्हें नेस्तनाबूद कर रहा था, उसी बीच पाकिस्तान से एक चौंकाने वाली खबर आई. इसका खुलासा खुद स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने किया. दरअसल, एसबीपी ने सात मई के बाद जब फॉरेन ट्रांजैक्शन की इन्वेंटरी चेक की, तो उसमें तीन दिनों के दौरान दुबई के कई बैंकों के एकाउंट्स में पैसे ट्रांसफर करने की बात सामने आई. इससे सकते में आए एसबीपी ने पाकिस्तान के सभी सरकारी और प्राइवेट बैंकों को विदेश में पैसे भेजने की फ्रीक्वेंसी की जांच करने के निर्देश दिए. एसबीपी की अब तक की जांच में सामने आया है कि पाकिस्तान के कुछ एकाउंट्स से बड़ी रकम दुबई के अलावा अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन भी ट्रांसफर की गई है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में है जबकि नेता अपना धन विदेश में भेज रहे हैं. जानिए कैसे महंगाई, बेरोजगारी और कर्ज के बोझ से जूझ रहे आम नागरिकों पर पड़ रहा है इसका असर और क्यों IMF की शर्तें बन रही हैं चुनौती. पाकिस्तान के आर्थिक संकट का विस्तृत विश्लेषण.

Authored By: Nishant Singh

Last Updated On: Wednesday, May 14, 2025

पाकिस्तान इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. आंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) से 1.4 अरब डॉलर का नया ऋण मिलने के बावजूद, देश की वित्तीय स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. इस बीच, पाकिस्तान के शीर्ष नेता और सैन्य अधिकारी अपनी संपत्ति विदेशों में स्थानांतरित कर रहे हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि जब देश के पास पैसा नहीं है, तो ये अधिकारी और नेता धन कहां से प्राप्त कर रहे हैं?

IMF से ऋण और पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति

IMF ने पाकिस्तान को जलवायु लचीलापन निधि के तहत 1.4 अरब डॉलर का नया ऋण मंजूर किया है. इसके अतिरिक्त, पहले से चल रहे 7 अरब डॉलर के आर्थिक स्थिरीकरण कार्यक्रम की पहली समीक्षा पूरी होने पर 1 अरब डॉलर की अतिरिक्त राशि जारी की गई है. इससे पाकिस्तान को कुल 2.3 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है. हालांकि, भारत ने इस ऋण पर आपत्ति जताई है, यह आरोप लगाते हुए कि यह धन आतंकवाद के वित्तपोषण में उपयोग हो सकता है. भारत ने IMF की वोटिंग प्रक्रिया में भाग नहीं लिया, यह कहते हुए कि पाकिस्तान के पास ऋण का सही उपयोग करने की क्षमता नहीं है.

पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है. पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के पास 21 मार्च 2025 तक विदेशी मुद्रा भंडार $10.61 अरब था, जो कि पिछले सप्ताह में $540 मिलियन की गिरावट दर्शाता है. यह गिरावट मुख्य रूप से बाहरी ऋण चुकौती के कारण हुई है.

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का मॉडल – “कर्ज लेकर घी पीना”

  • पाकिस्तान की आर्थिक नीतियां लोन आधारित हो गई हैं – IMF, वर्ल्ड बैंक, चीन, सऊदी अरब, UAE से लगातार कर्ज लिया गया.
  • लेकिन इन फंड्स का पारदर्शी उपयोग नहीं हुआ – बजाय इंफ्रास्ट्रक्चर या शिक्षा में निवेश के, धन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया.

नेताओं और सैन्य अधिकारियों का धन विदेशों में हस्तांतरण

पाकिस्तान के शीर्ष नेता और सैन्य अधिकारी अपनी संपत्ति विदेशों में स्थानांतरित कर रहे हैं. पाकिस्तान के कराची बंदरगाह से ओमान की राजधानी मस्कट जाने वाली नावों में नोटों से भरी बोट्स भेजी जा रही हैं. यह पैसा पाकिस्तान के गोल्ड स्मगलरों के पास भेजा जा रहा है. इसके अलावा, दुबई में कई अकाउंट्स में बड़ी रकम भेजी जा रही है, क्योंकि दुबई में मनी ट्रांसफर पर सख्ती नहीं है. इसके अलावा, कुछ अकाउंट्स से बड़ी रकम अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में भी भेजी गई है.

यहां तक कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और उनके पति आसिफ अली जरदारी पर भी स्विट्जरलैंड में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे थे. स्विस न्यायाधीशों ने उन्हें 6 महीने की निलंबित सजा और $50,000 का जुर्माना लगाया था. उन पर आरोप था कि उन्होंने स्विस कंपनियों से प्राप्त $10 मिलियन को स्विस खातों में जमा किया था.

विदेशी मुद्रा की कमी और डॉलर की किल्लत

पाकिस्तान में डॉलर की किल्लत बढ़ रही है. ओपन एक्सचेंज मार्केट से डॉलर मिलना मुश्किल हो गया है. पासपोर्ट दिखाने पर एक हजार डॉलर मिल जाते हैं, लेकिन ये भी नहीं मिल पा रहे हैं. एक्सचेंज कंपनी एसोसिएशन के महासचिव जाफर पराचा ने आशंका जताई है कि युद्ध के और तेज होने से डॉलर की किल्लत आने वाले दिनों में बढ़ने वाली है.

इस बीच, SBP के अनुसार पाकिस्तान के पास अब केवल 12 दिन का आयात बिल चुकाने के लायक विदेशी मुद्रा का भंडार बचा हुआ है. वर्ल्ड बैंक के अनुसार पाकिस्तान को 25 दिन के आयात बिल चुकाने का भंडार रखना जरूरी है. विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी मुद्रा भंडार के अभाव में पेट्रोलियम और अन्य जरूरी सामान के आयात पर असर पड़ सकता है.

दुबई क्यों बन गया है पाकिस्तानी धन का ठिकाना?

  • दुबई में बैंकिंग प्रणाली और रियल एस्टेट मार्केट में पारदर्शिता की कमी है.
  • वहां मनी ट्रांसफर पर बहुत कम पाबंदी है, जिससे यह भ्रष्ट अधिकारियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है.
  • पाकिस्तानी नेताओं की संपत्ति दुबई में आलीशान विला, होटल्स, और शॉपिंग मॉल्स में देखी जा सकती है.

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति गंभीर है. IMF से ऋण मिलने के बावजूद, देश की वित्तीय स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. इस बीच, पाकिस्तान के नेता और सैन्य अधिकारी अपनी संपत्ति विदेशों में स्थानांतरित कर रहे हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि जब देश के पास पैसा नहीं है, तो ये अधिकारी और नेता धन कहां से प्राप्त कर रहे हैं?

यह स्थिति पाकिस्तान के लिए गंभीर चिंता का विषय है. देश की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए आवश्यक है कि सरकार भ्रष्टाचार पर काबू पाए और आर्थिक सुधारों को लागू करे. सिर्फ अंतरराष्ट्रीय ऋण पर निर्भर रहने से समस्या का समाधान नहीं होगा. पाकिस्तान को अपने आंतरिक संसाधनों का सही उपयोग करना होगा और आर्थिक सुधारों को प्राथमिकता देनी होगी.

About the Author: Nishant Singh
निशांत कुमार सिंह एक पैसनेट कंटेंट राइटर और डिजिटल मार्केटर हैं, जिन्हें पत्रकारिता और जनसंचार का गहरा अनुभव है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए आकर्षक आर्टिकल लिखने और कंटेंट को ऑप्टिमाइज़ करने में माहिर, निशांत हर लेख में क्रिएटिविटीऔर स्ट्रेटेजी लाते हैं। उनकी विशेषज्ञता SEO-फ्रेंडली और प्रभावशाली कंटेंट बनाने में है, जो दर्शकों से जुड़ता है।
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