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यूक्रेन की समुद्री जीवनरेखा पर रूसी हमले क्यों हुए तेज?
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Tuesday, December 23, 2025
Last Updated On: Tuesday, December 23, 2025
यूक्रेन की समुद्री जीवनरेखा (ओडेसा) पर रूसी हमले तेज़ हो गए हैं. यह हमले संकेत देते हैं कि युद्ध एक नए और अधिक आक्रमक चरण में प्रवेश कर गया है. इससे एक ओर यूक्रेन की समुद्री जीवनरेखा पर रूसी दबाव बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर कूटनीतिक मोर्चे पर भी अनिश्चितता बनी हुई है. आने वाले हफ्ते तय करेंगे कि ओडेसा सिर्फ एक रणनीतिक लक्ष्य बनकर रहेगा या इस युद्ध का निर्णायक केंद्र बन जाएगा.
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Last Updated On: Tuesday, December 23, 2025
Russia Ukraine Attacks: कल 22 दिसंबर को रूस के एक जनरल की कार ब्लास्ट में हुई मौत ने रूसी सुरक्षा व्यवस्था को हिलाकर रख दिया. कार ब्लास्ट की जांच हो रही है, लेकिन संदेह व्यक्त किया जा रहा है कि ब्लास्ट के पीछे यूक्रेनी खुफिया विभाग का हाथ हो सकता है. दूसरी ओर, मियामी शांति वार्ता से भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकला. इन सभी संदेहों और अनिश्चितताओं के बीच रूस ने यूक्रेन के तीसरे सबसे बड़े शहर और प्रमुख बंदरगाह ओडेसा पर हमले तेज़ कर दिए हैं.
लगातार हो रहे मिसाइल और ड्रोन हमलों से शहर की बिजली आपूर्ति को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है. साथ ही यूक्रेन की समुद्री लॉजिस्टिक्स और निर्यात क्षमता पर भी गंभीर खतरा पैदा कर दिया है. क्योंकि ओडेसा, यूक्रेन का सबसे बड़ा बंदरगाह है. यूक्रेनी नेतृत्व इसे युद्ध के फोकस में एक अहम बदलाव के तौर पर देख रहा है.
ओडेसा पर ‘सिस्टमैटिक’ हमले
यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री ओलेक्सी कुलेबा ने रूसी हमले पर बताया कि रूस ओडेसा क्षेत्र पर ‘सिस्टमैटिक’ यानी योजनाबद्ध तरीके से हमले कर रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में हमलों की तीव्रता और आवृत्ति दोनों बढ़ी हैं. कुलेबा ने पहले ही चेतावनी दी थी कि युद्ध का फोकस धीरे-धीरे ओडेसा की ओर शिफ्ट हो सकता है, और मौजूदा हालात इस आशंका को सही साबित करते दिख रहे हैं.
हमले से बिजली गुल
ओडेसा क्षेत्र में लगातार हो रहे हमलों का सीधा असर आम नागरिकों पर पड़ा है. हमले के बाद से ओडेसा शहर और उसके आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर बिजली कटौती हो रही है. 22 दिसंबर को देर रात हुए हमलों के बाद करीब 1.2 लाख लोग अंधेरे में डूब गए. इससे आम लोगों को रोजमर्रा के कामों में भी परेशानी हो रही है.
बंदरगाह पर हुए हमले
22 दिसंबर की शाम ओडेसा के बंदरगाह और वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर पर रूसी हमला हुआ. इस हमले में एक नागरिक जहाज को नुकसान पहुंचने की खबर है. ओडेसा के स्थानीय गवर्नर की मानें तो, ये हमले उस श्रृंखला का हिस्सा हैं जिसने कई दिनों तक बिजली आपूर्ति को बाधित किया और कई लोगों की जान ली. इस हमले से बंदरगाह परिसर के एक बड़े हिस्से में आग लग गई. जिसमें आटे और वनस्पति तेल के दर्जनों कंटेनर जलकर नष्ट हो गए हैं.
जानमाल का भारी नुकसान
ओडेसा क्षेत्र के पूर्व में स्थित पिवडेनी बंदरगाह पर पिछले हफ्ते हुए एक बैलिस्टिक मिसाइल हमले में आठ लोगों की मौत और कम से कम 30 लोग घायल हो गए थे. एक अन्य हमले में एक महिला की मौत हो गई थी. इसी हमले में ओडेसा क्षेत्र में स्थित वह एकमात्र पुल भी अस्थायी रूप से कट गया, जो यूक्रेन को मोल्दोवा से जोड़ता है.
यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने क्या कहा?
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि बार-बार हो रहे हमलों का मकसद यूक्रेन की समुद्री लॉजिस्टिक्स तक पहुंच को रोकना है. उन्होंने रूस पर आरोप लगाया कि मॉस्को ओडेसा के लोगों के बीच अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा है और देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करना चाहता है.
राष्ट्रपति ने संकेत दिया है कि क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा. इसके तहत हाल ही में दिमित्रो कार्पेंको को बर्खास्त किए जाने के बाद ओडेसा क्षेत्र के लिए जल्द ही वायु सेना के एक नए कमांडर की नियुक्ति की जाएगी.
यूक्रेन का रूसी ‘शैडो फ्लीट’ पर हमला
इस महीने की शुरुआत में यूक्रेन ने काला सागर में चल रहे रूसी ‘शैडो फ्लीट’ पर हमला कर दिया था. तभी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी थी कि यूक्रेन को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. उन्होंने कहा था कि काला सागर में हमारे ‘शैडो फ्लीट’ के टैंकरों पर ड्रोन हमलों के बदले यूक्रेन की समुद्र तक पहुंचने की क्षमता को खत्म किया जाएगा.
क्या होता है, ‘शैडो फ्लीट’
‘शैडो फ्लीट’ उन सैकड़ों टैंकरों को कहा जाता है, जिनका इस्तेमाल रूस पश्चिमी प्रतिबंधों से बचने के लिए करता है. एक तरह से यह विरोधी पक्ष को गुमराह करने या फिर उसके हमले और प्रतिबंधों से बचने के लिए उपयोग किया जाता है. यूक्रेन मानता है कि ओडेसा पर बढ़ते हमले इसी रणनीति का हिस्सा हैं.
क्यों है, ओडेसा का रणनीतिक और आर्थिक महत्व
ओडेसा यूक्रेन की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है. यह यूक्रेन की राजधानी कीव और खार्किव के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है. ज़ापोरिज़्ज़िया, खेरसॉन और मायकोलाइव क्षेत्रों के कई बंदरगाह रूसी कब्जे या युद्ध के कारण यूक्रेन के पहुंच से बाहर हो चुके हैं. इस स्थिति में ओडेसा का महत्व और बढ़ गया है.
चार साल से चल रहे युद्ध के बाद भी यूक्रेन दुनिया के शीर्ष गेहूं और मक्का निर्यातकों में बना हुआ है. अगस्त 2023 से ओडेसा एक अहम समुद्री कॉरिडोर का शुरुआती बिंदु रहा है. यूक्रेन यहां से रोमानिया और बुल्गारिया के तटों से होते हुए तुर्की तक अनाज का निर्यात करता है.
कूटनीतिक प्रयास पर ठोस प्रगति नहीं
इन हमलों से इतर कूटनीतिक स्तर पर भी हलचल तेज़ है. मियामी में अमेरिका के नेतृत्व में हुए ताज़ा डिप्लोमेटिक प्रयासों में यूक्रेनी और रूसी प्रतिनिधिमंडलों से अलग-अलग मुलाकातें हुईं. इन बैठकों के बाद आशावादी बयान जरूर आए, लेकिन लगभग चार साल से चल रहे इस युद्ध को खत्म करने की दिशा में कोई ठोस प्रगति नहीं दिखी.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने कहा कि उन्होंने यूक्रेनी समकक्ष रुस्तम उमेरोव के साथ यूक्रेन द्वारा पेश किए गए 20-पॉइंट के ड्राफ्ट शांति प्लान पर काम किया है. यह ड्राफ्ट नवंबर में अमेरिका द्वारा पेश किए गए एक प्रस्ताव का विकल्प है. ट्रंप द्वारा तैयार ड्राफ्ट को मॉस्को के लिए ज्यादा अनुकूल माना गया था.
रूस का यूरोप पर आरोप
शांति वार्ता पर रूस की ओर से भी तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं. क्रेमलिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि यूरोपीय और यूक्रेनी बदलावों से शांति की संभावना बेहतर नहीं होगी. वहीं, रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रियाबकोव ने EU देशों पर रूस-अमेरिका संभावित समझौतों को पटरी से उतारने का आरोप लगाया है.
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