SCO समिट के बयान में रूस-यूक्रेन युद्ध का नहीं हुआ जिक्र, कीव ने जताई नाराजगी
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Tuesday, September 2, 2025
Last Updated On: Wednesday, September 3, 2025
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समिट के तियानजिन घोषणा पत्र में रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र न होने पर यूक्रेन ने गहरी नाराजगी जाहिर की है. कीव का कहना है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह सबसे बड़ी आक्रामकता है और इतने अहम दस्तावेज में इसका उल्लेख न होना हैरान करने वाला है.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Wednesday, September 3, 2025
SCO Summit Russia Ukraine War Statement: तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट के 20 पन्नों वाले घोषणा पत्र ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. इस दस्तावेज़ में रूस-यूक्रेन युद्ध का कोई उल्लेख नहीं किया गया, जबकि अन्य वैश्विक संघर्षों और आतंकी घटनाओं पर विस्तार से चर्चा दर्ज है. यूक्रेन ने इसे अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करने वाला कदम बताते हुए कड़ी नाराजगी जताई है.
कीव का मानना है कि इस चुप्पी ने न केवल रूस की कूटनीतिक कोशिशों को उजागर किया है, बल्कि शांति और वैश्विक स्थिरता की दिशा में बड़ी बाधा भी पैदा की है.
यूक्रेन ने जताई हैरानी
यूक्रेन ने कहा कि यूरोप में यह अब तक की सबसे बड़ी सैन्य आक्रामकता है, जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की सबसे गंभीर घटना माना जाता है. ऐसे में इतने अहम दस्तावेज़ में इसका ज़िक्र न होना बेहद चौंकाने वाला है. यूक्रेन का कहना है कि जब घोषणा पत्र में अन्य युद्धों, आतंकवादी घटनाओं और वैश्विक मुद्दों का जिक्र है, तो रूस-यूक्रेन युद्ध को अनदेखा करना एक बड़ी कमी है.
यूक्रेन ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक रूस की आक्रामकता का न्यायसंगत और स्थायी समाधान नहीं निकलता, तब तक न तो वैश्विक विकास संभव है और न ही अंतरराष्ट्रीय शांति-सुरक्षा, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का पालन और दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों के बीच स्थिर व्यापारिक संबंध संभव हो पाएंगे.
युद्ध को लेकर दो हिस्सों में बांटने की कोशिश
यूक्रेन ने इस बात पर जोर दिया कि एससीओ समिट में रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र न होना मास्को की कूटनीतिक हार है. रूस चाहता था कि दुनिया को इस युद्ध के मुद्दे पर दो हिस्सों में बांटा जाए और यह छवि बनाई जाए कि यूरोप और उत्तरी अमेरिका के बाहर के देश उसकी कार्रवाई को सही मानते हैं. लेकिन इस बार रूस की यह रणनीति सफल नहीं हो सकी.
यूक्रेन का मानना है कि तमाम कोशिशों के बावजूद मास्को एससीओ के सदस्य देशों की राय को अपने पक्ष में मोड़ने में नाकाम रहा.
यूक्रेन का सभी शांतिप्रिय देशों से अपील
यूक्रेन ने एक बार फिर सभी शांति-प्रिय देशों से अपील की है कि वे रूस की आक्रामकता का मूल्यांकन करते समय अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का पालन करें.
साथ ही, यूक्रेन ने चीन की अहम भूराजनीतिक भूमिका को ध्यान में रखते हुए बीजिंग से आग्रह किया है कि वह शांति प्रक्रिया में और सक्रिय भूमिका निभाए. यूक्रेन का कहना है कि असली शांति तभी संभव होगी जब सभी पक्ष संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का सम्मान करें.
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