जब चाचा-भतीजा आ जाएं साथ, तो क्या होगा आगे का सियासी गुणा-भाग

जब चाचा-भतीजा आ जाएं साथ, तो क्या होगा आगे का सियासी गुणा-भाग

Authored By: सतीश झा

Published On: Monday, September 23, 2024

Sharad Pawar and Ajit Pawar

शरद पवार और अजित पवार के बीच राजनीतिक संबंधों को लेकर चर्चाएं एक बार फिर से गर्म हो गई हैं। हाल ही में शरद पवार ने अजित पवार के बारे में बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि "परिवार के रूप में हम साथ-साथ हैं।" इस बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है, क्योंकि अजित पवार ने कुछ समय पहले एनसीपी के एक धड़े के साथ भाजपा का समर्थन करते हुए सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया था।

शरद पवार (Sharad Pawar) के इस बयान को कई राजनीतिक विशेषज्ञ परिवार की एकता और संभावित राजनीतिक पुनर्मिलन के संकेत के रूप में देख रहे हैं। हालांकि, पवार ने इस बयान में केवल पारिवारिक संबंधों पर जोर दिया है, जिससे राजनीतिक दृष्टिकोण से स्पष्टता की कमी बनी हुई है। इसके बावजूद, यह बयान चाचा-भतीजे के बीच संबंधों को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह पारिवारिक मेल-मिलाप राजनीतिक एकता की ओर भी बढ़ेगा, या फिर दोनों के रास्ते अलग-अलग रहेंगे।

परिवार के स्तर पर कही थी ये बात

शरद पवार (Sharad Pawar) ने साफ तौर पर कहा है कि एक परिवार के रूप में अजित पवार और मैं साथ-साथ है। हालांकि, शरद पवार के इस बयान को सियासत से भी जोड़ने की कोशिश होगी। हाल के दिनों में अजित पवार ने भी कहा था कि बहन शुक्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतरना उनकी भूल थी।

शरद पवार के हालिया बयान, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि “अजित पवार (Ajit Pawar) और मैं एक परिवार के रूप में साथ-साथ हैं,” ने राजनीतिक हलकों में एक बार फिर से चर्चाओं को जन्म दे दिया है। यह बयान खासकर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि महाराष्ट्र की राजनीति में एनसीपी (NCP) के भीतर विभाजन और अजित पवार के भाजपा समर्थन से जुड़ी घटनाओं के बाद पारिवारिक संबंधों में तनाव की बातें उठी थीं।

शरद पवार के इस बयान को सियासी नजरिए से भी देखा जा रहा है, क्योंकि पवार परिवार की एकता महाराष्ट्र की राजनीति में अहम भूमिका निभा सकती है। इसके साथ ही, अजित पवार ने भी हाल ही में स्वीकार किया था कि उन्होंने अपनी पत्नी को बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारना एक भूल माना था। यह आत्मस्वीकृति भी संकेत देती है कि परिवार के भीतर पुराने मतभेदों को सुलझाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।

बयानों से यह अटकलें लगाई जा रही

इस तरह के बयानों से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि पवार परिवार (Pawar Family) एक बार फिर एकजुट होकर राजनीतिक रणनीतियों पर काम कर सकता है। हालांकि, इन पारिवारिक बयानों को सियासी संकेतों से जोड़ना अभी समय से पहले हो सकता है, लेकिन महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति में इसका असर जरूर देखने को मिल सकता है। विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) के मुख्यमंत्री पद के चेहरे से जुड़े सवाल पर शरद पवार ने कहा, मुझे नहीं लगता कि फिलहाल यह कोई जरूरी मुद्दा है। एमवीए में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद चंद्र पवार (राकांपा-एसपी), कांग्रेस और शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) शामिल हैं।

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है

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