महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: महायुति के जीतने पर क्या फडणवीस होंगे मुख्यमंत्री, शाह ने किया इशारा

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: महायुति के जीतने पर क्या फडणवीस होंगे मुख्यमंत्री, शाह ने किया इशारा

maharastra deputy cm devendra fadnavis
maharastra deputy cm devendra fadnavis

अभी दोनों मुख्य गठबंधन ने मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं की है। लेकिन कल एक चुनावी सभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने महायुति के मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर इशारा किया है। उन्होंने सभा में देवेंद्र फडणवीस को फिर से जीताने का वादा लिया है।

महाराष्ट्र में मुख्य मुकाबला दो गठबंधनों (महायुति और महाविकास अघाड़ी) के बीच है। लेकिन दोनों में से किसी भी गठबंधन ने मुख्यमंत्री घोषित नहीं किया है। यानी गठबंधन के दल चुनाव बाद मुख्यमंत्री के नाम तय करेंगे। भाजपा ने औपचारिक घोषणा तो नहीं लेकिन इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया है। यह ऐलान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने किया है। कल उन्होंने एक जनसभा में मुख्यमंत्री को लेकर इशारा किया।

फडणवीस हो सकते हैं मुख्यमंत्री

महायुति सरकार का नेतृत्व वर्तमान समय में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) कर रहे हैं। यदि महायुति गठबंधन चुनाव जीतती है तो जरूरी नहीं है कि वे ही मुख्यमंत्री बने। इस बार भाजपा गठबंधन दल को यह कुर्सी नहीं देने वाली है। कल 8 नवंबर को सांगली जिले के शिराला में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस ओर इशारा कर दिया है। उन्होंने कहा कि आप महायुति को जिताएं और देवेंद्र फडणवीस को जिताएं।

क्या कहा अमित शाह ने

सांगली की जनसभा में अमित शाह ने कहा, ‘मैं कई महीनों से पूरे महाराष्ट्र में घूम रहा हूं। मैं विदर्भ, उत्तर महाराष्ट्र, कोल्हापुर, मुंबई, कोंकण घूम चुका हूं। जहां-जहां गया, वहां सभी ने एक स्वर में कहा कि फिर से महायुति सरकार बनाना है। देवेंद्र फडणवीस को फिर से जीताना है।’

यहां उन्होंने देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) को जीतने की बात कर इशारा कर दिया कि यदि महायुति गठबंधन चुनाव जीतती है तो एकनाथ शिंदे नहीं देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री हो सकते हैं। इसका एक सबसे बड़ा कारण यह भी है कि यदि एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाना होता तो महायुति गठबंधन उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर चुनावी मैदान में उतरती।

चुनाव बाद होगा फैसला

चुनाव की घोषणा के बाद कई बार महायुति के तीनों बड़े नेता से सवाल किया गया कि मुख्यमंत्री कौन होगा? सभी नेताओं ने यही कहा कि चुनाव के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कई मौकों पर कह चुके हैं कि चुनाव के बाद जो हालात बनेंगे, उसको ध्यान में रखकर गठबंधन के बड़े नेता और भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व फैसला लेंगे। यही बार दूसरे उपमुख्यमंत्री एवं एनसीपी प्रमुख अजित पवार (Ajit Pawar) ने भी कहा है। उन्होंने कहा है कि चुनाव के बाद महायुति के सभी दल एक साथ बैठेंगे और इस पर फैसला कर लेंगे। अभी महायुति का पूरा ध्यान चुनाव पर है।

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इतना भी आसान नहीं डगर

देवेंद्र फडणवीस के लिए मुख्यमंत्री बनना इतना भी आसान नहीं है। 2019 का विधानसभा चुनाव भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था। गठबंधन चुनाव जीत भी गई। लेकिन शिवसेना ने ढाई-ढाई साल की शर्त लगा दी। इससे बात नहीं बनी। शिवसेना के उद्धव ठाकरे कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के साथ हो लिये।

लेकिन एक नाटकीय घटनाक्रम में देवेंद्र फडणवीस तब एनसीपी के अजित पवार के सहयोग से मुख्यमंत्री की शपथ भी ले ली और अजीत पवार उपमुख्यमंत्री भी बन गए लेकिन फडणवीस बहुमत नहीं जुटा पाए। उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। यह इस बार भी हो सकता है। मुख्यमंत्री नहीं बनने पर शिवसेना और एनसीपी में से कोई भी महाविकास आघाडी के खेमे में जा सकता है। महाविकास आघाडी 2019 का इतिहास फिर से दोहरा सकता है।

सबसे अधिक सीटों पर लड़ रही है भाजपा

महायुति में भाजपा सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वह पिछले चुनाव जितना ही 152 सीटों पर लड़ रही है। भाजपा ने शिवसेना और एनसीपी के चुनाव चिन्ह पर भी अपने दो-दो उम्मीदवार उतारे हैं। जबकि शिवसेना (एकनाथ शिंदे) 80 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और एनसीपी (अजीत पवार) 52 सीटों पर मैदान में है। इस तरह देखा जाए तो भाजपा शिवसेना से करीब दोगुना सीटों पर और एनसीपी से करीब तीनगुना सीटों पर चुनाव लड़ रही है। ऐसे में स्वाभाविक है कि वह गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी बनेगी। ऐसे में चुनाव बाद सबसे बड़ी पार्टी के मुख्यमंत्री बनाने की बात आएगी तो देवेंद्र फडणवीस सत्ता का कमान संभाल सकते हैं।

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।

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