कहां और कब लगेगा अगला कुंभ? नोट करें 2033 तक लगने वाले सभी Kumbh Mela की जानकारी

कहां और कब लगेगा अगला कुंभ? नोट करें 2033 तक लगने वाले सभी Kumbh Mela की जानकारी

Authored By: JP Yadav

Published On: Wednesday, February 26, 2025

Updated On: Thursday, February 27, 2025

Nashik Kumbh Mela 2027: कहां और कब लगेगा अगला कुंभ? नोट करें 2033 तक लगने वाले सभी Kumbh Mela की जानकारी

Nashik Kumbh Mela 2027: प्रत्येक 12 साल में लगने वाले कुंभ मेले को पूर्ण कुंभ (Kumbh Mela) कहा जाता है. इसका आयोजन प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में होता है. ज्योतिषीय गणना के आधार पर पूर्ण कुंभ में स्थान का निर्णय किया जाता है.

Authored By: JP Yadav

Updated On: Thursday, February 27, 2025

 Nashik Kumbh Mela 2027 Agla Kumbh Mela Kahan Lagega: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 45 दिन तक चलने वाला महाकुंभ 2025 का बुधवार (26 फरवरी, 2025) को समापन हो गया. 45 दिनों के दौरान 65 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया. इसमें विदेश से आए श्रद्धालु भी शामिल रहे. उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बुधवार को महाकुंभ मेला 2025 के संपन्न होने पर कहा कि अंतिम स्नान सुबह शुभ मुहूर्त में प्रारंभ हुआ. प्रयागराज की बात करें तो 45 दिनों में 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने यहां श्रद्धा की डुबकी लगाई. यहां यह जानकारी दे दें कि 2027 में नासिक में कुंभ (Nashik Kumbh Mela 2027), 2027 में हरिद्वार में अर्धकुंभ और 2028 में उज्जैन का सिंहस्थ कुंभ होना है.

कहां लगेगा कुंभ मेला (2027 Where will Kumbh Mela 2027 be held)

अगला कुंभ मेला महाराष्ट्र के नासिक (Nashik Kumbh Mela 2027) में आयोजित किया जाएगा. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Maharashtra Chief Minister Devendra Fadnavis) की अध्यक्षता में बुधवार को ही सिंहस्थ कुंभ मेला 2027 की तैयारियों को लेकर एक हाईलेवल मीटिंग की गई. इसमें अलग-अलग विभागों के मंत्री और अधिकारी शामिल रहे.

चौड़ी होंगी नासिक की सड़कें

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गिरीश महाजन का कहना है कि प्रयागराज महाकुंभ से सबक लेते हुए हमने नासिक कुंभ की योजना बनानी शुरू कर दी है. इसके तहत नासिक की सड़कों को चौड़ा करने के साथ नासिक रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्मों की संख्या बढ़ाने का काम किया जाएगा. इस अहम बैठक में नासिक हवाई अड्डे पर निजी विमानों की पार्किंग पर चर्चा की गई, क्योंकि इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु विमान सेवाओं का इस्तेमाल करके नासिक पहुंचेंगे.

नासिक में 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान

गिरीश महाजन की मानें तो प्रयागराज महाकुंभ का जायजा लेने के लिए हमारे 25 अधिकारी मौजूद थे, जिनका अनुभव हमारे बहुत काम आएगा. नासिक कुंभ के सफल आयोजन के लिए पर्याप्त बजट आवंटित किया जाएगा. उन्होंने उम्मीद जताई है कि नासिक कुंभ में लगभग 15 करोड़ श्रद्धालु स्नान के लिए आएंगे. इसी संख्या के मद्देनजर राज्य सरकार तैयारी करेगी और उचित कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि प्रयागराज कुंभ की तर्ज पर एक अलग कानून बनाया जाएगा, जिससे लोगों को असुविधा नहीं हो.

कब से शुरू हुआ नासिक में महाकुंभ ?

यहां पर बता दें कि नासिक कुंभ मेला गोदावरी नदी के तट पर लगता है. इसे देश की सबसे पवित्र नदियों में से एक माना जाता है. नासिक कुंभ मेले का पहला रिकॉर्ड 17वीं शताब्दी में प्राप्त होता है. इसके बाद से इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है. प्रत्येक 12 साल में होने वाले नासिक कुंभ में लाखों लोग इस आयोजन में शामिल होते हैं, लेकिन इस बार करोड़ों लोगों के शामिल होने की संभावना है.

अगले कुंभ मेले की तारीखें

  • 2027 में नासिक (महाराष्ट्र) में कुंभ मेला लगेगा
  • 2027 में हरिद्वार (उत्तराखंड) में अर्धकुंभ लगेगा
  • 2028 में उज्जैन (मध्य प्रदेश) में पूर्ण कुंभ लगेगा
  • 2030 में प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में अर्द्ध कुंभ लगेगा
  • 2033 में हरिद्वार (उत्तराखंड) में पूर्ण कुंभ लगेगा

कब और किस तारीख को होगा नासिक कुंभ का आयोजन

नासिक में अगला कुंभ मेला 17 जुलाई, 2027 से 17 अगस्त, 2027 के बीच लगेगा. इस मेले की तैयारी के लिए नासिक नगर निगम ने कई योजनाएं बनाई हैं. इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है. नासिक-त्र्यंबकेश्वर में कुंभ मेला प्रत्येक 12 साल में लगता है. इससे पहले साल 2015 में नासिक में कुंभ मेला लगा था. इस दौरान लाखों श्रद्धालु यहां स्नान के लिए आए थे. जानकारी के लिए बता दें कि कुंभ मेले की तारीखें, सूर्य, चंद्रमा, और बृहस्पति की राशियों के आधार पर तय की जाती हैं.

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About the Author: JP Yadav
जेपी यादव डेढ़ दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। वह प्रिंट और डिजिटल मीडिया, दोनों में समान रूप से पकड़ रखते हैं। अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान, लाइव टाइम्स, ज़ी न्यूज और भारत 24 जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी सेवाएं दी हैं। कई बाल कहानियां भी विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं. मनोरंजन, साहित्य और राजनीति से संबंधित मुद्दों पर कलम अधिक चलती है। टीवी और थिएटर के प्रति गहरी रुचि रखते हुए जेपी यादव ने दूरदर्शन पर प्रसारित धारावाहिक 'गागर में सागर' और 'जज्बा' में सहायक लेखक के तौर पर योगदान दिया है. इसके अलावा, उन्होंने शॉर्ट फिल्म 'चिराग' में अभिनय भी किया है।
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