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हाजी इकबाल(Haji Iqbal): योगी सरकार में ध्वस्त हुआ दुर्ग

हाजी इकबाल(Haji Iqbal): योगी सरकार में ध्वस्त हुआ दुर्ग

Authored By: रमेश यादव

Published On: Monday, June 17, 2024

Updated On: Wednesday, June 26, 2024

घर, जमीन, दुकान की कुर्की जब्ती होने की कार्रवाई तो देखी, सुनी जाती है लेकिन एक पूरी की पूरी यूनिवर्सिटी की जब्ती की कार्रवाई इससे पहले कभी नहीं हुई। यह यूनिवर्सिटी है माफिया से राजनेता बने हाजी इकबाल का।

Authored By: रमेश यादव

Updated On: Wednesday, June 26, 2024

इस लेख में:

हाइलाइट्स:

  • पहली बार ED ने जब्त की माफिया का पूरा विश्वविद्यालय।
  • 121 एकड़ में फैले यूनिवर्सिटी की वर्तमान कीमत 4,440 करोड़ रुपये बताई जाती है।
  • यूपी से लेकर उत्तराखंड तक CBI और ED ने जब्त की अरबों की संपत्ति।
  • योगी सरकार की सख्ती के बाद हाजी मो. इकबाल हो गया था फरार।
  • जब्त ग्लोकल यूनिवर्सिटी में छात्रों की संख्या है चार हजार से भी अधिक।

हाजी इकबाल की ग्लोकल यूनिवर्सिटी जब्त

हाजी इकबाल इन दिनों चर्चा में है। चर्चा इसलिए कि ईडी (ED) ने उस पर सख्त कार्रवाई की ऐसी नजीर पेश की है जो अपराधियों में खौफ पैदा करने वाली है। घर, जमीन, दुकान की कुर्की जब्ती करने की कार्रवाई तो देखी सुनी जाती है लेकिन एक पूरी की पूरी यूनिवर्सिटी की जब्ती की कार्रवाई इससे पहले कभी नहीं हुई। जिस यूनिवर्सिटी को जब्त किया गया है उसका नाम है ग्लोकल यूनिवर्सिटी और यह उसी हाजी इकबाल का है। हाजी इकबाल उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का रहने वाला है।

माफिया से नेता बने हाजी इकबाल पर गंभीर आरोप

माफिया से राजनेता बना हाजी इकबाल बसपा का एमएलसी भी रह चुका है। उस पर मनीलॉन्ड्रिंग (Money Laundering) से लेकर गैंगेस्टर तक और अवैध खनन से लेकर जमीन कब्जाने तक तमाम सारे गंभीर आरोप हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जब्त ग्लोकल यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग एवं जमीन की कीमत लगभग 4,440 करोड़ रुपये है। जब्त यूनिवर्सिटी का संचालन उसके भाई और चार बेटे कर रहे थे। सपा-बसपा सरकारों के दौरान जिस हाजी इकबाल की सहारनपुर और आसपास में तूती बोलती थी, वह आज भागा-भागा फिर रहा है।

योगी सरकार ने कसा शिकंजा

माफिया राज खत्म करने के लिए दृढ़संकल्पित योगी सरकार (Yogi Government) के सत्ता संभालने के बाद से उसके बुरे दिन शुरू हो गये। कानून का शिकंजा कसने के बाद वह फरार हो गया। उस पर अवैध खनन से लेकर भू माफिया तक और मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर गैंगेस्टर एक्ट व रेप केस तक के सारे मामले दर्ज हैं। हाजी इकबाल ने अवैध खनन के कारोबार से हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति इकट्ठा की है। राज्य की हर सरकार में उसकी पैठ रही है। हाजी इकबाल ने मिर्जापुर इलाके में लोगों को डरा धमकाकर औने-पौने दामों में करीब 121 एकड़ जमीन खरीदी और उस पर एक आलीशान यूनिवर्सिटी बनाई थी। यह यूनिवर्सिटी शुरू से विवादों में रही है, क्योंकि इसे बरसाती नदियों को पाट करके अवैध तरीके से बनाया गया है।

फरार हाजी इकबाल भगोड़ा घोषित

उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की नजर उसके काले कारनामों पर पड़ी। इसके बाद हाजी इकबाल, उसके छोटे भाई महमूद अली तथा हाजी इकबाल के चारों बेटों, रिश्तेदारों और सहयोगियों पर कानूनी शिकंजा कसना शुरू हो गया। हाजी इकबाल, उसके सहयोगियों और परिजनों पर अवैध खनन, मनी लॉन्ड्रिंग, डरा-धमकाकर जमीन कब्जाने के साथ-साथ दुष्कर्म के आरोप भी हैं। हाजी इकबाल को पुलिस ने गैंग लीडर बताया है। कार्रवाई शुरू होने के दौरान हाजी इकबाल देश छोड़कर फरार हो गया।

ED ने कुर्क की संपत्ति, अवैध घर गिराए

यूपी पुलिस ने हाजी इकबाल के छोटे भाई महमूद अली और हाजी इकबाल के बेटों एवं रिश्तेदारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उधर, लंबे समय तक हाजी इकबाल कोर्ट में पेश नहीं हुआ तो कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया। उस पर पुलिस ने लाखों रुपए का इनाम भी घोषित किया है। CBI और ED ने हाजी इकबाल और उसके सहयोगियों की यूपी से लेकर उत्तराखंड तक अरबों रुपए की संपत्ति कुर्क की है। उसके अवैध घरों को बुलडोजर से गिरा दिया गया है। इसके बावजदू वह कोर्ट में पेश नहीं हुआ। माना जाता है कि वह दुबई या किसी अन्य अरब मुल्क में छिपा बैठा हुआ है।

ग्लोकल यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले 4 हजार छात्रों का भविष्य अधर में

कुछ महीने पहले हाजी इकबाल की एक फोटो मिडिल ईस्ट के एक बड़े उद्योगपति के साथ वायरल हुई थी। बाद में हाजी इकबाल ने अपने वकील द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी की गुहार लगाई। हाजी इकबाल विदेश में बैठकर ही कोर्ट में पेश होता है। बहरहाल, प्रवर्तन निदेशालय ने 121 एकड़ में फैले उसकी जिस ग्लोकल यूनिवर्सिटी को जब्त किया है उसमें 4 हजार छात्र पढ़ते हैं। यूनिवर्सिटी को जब्त किये जाने के बाद इन छात्रों को कहां समायोजित किया जाएगा फिलहाल इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है।

About the Author: रमेश यादव
रमेश यादव ने राष्ट्रीय और राजनीतिक समाचारों के क्षेत्र में व्यापक लेखन और विश्लेषण किया है। उनके लेख राजनीति के जटिल पहलुओं को सरलता और गहराई से समझाते हैं, जो पाठकों को वर्तमान राजनीतिक घटनाओं और नीतियों की बेहतर समझ प्रदान करते हैं। उनकी विशेषज्ञता सिर्फ सूचनाओं तक सीमित नहीं है; वे अपने अनुभव के आधार पर मार्गदर्शन और प्रासंगिक दृष्टिकोण भी प्रस्तुत करते हैं। रमेश यादव की लेखनी तथ्यों पर आधारित और निष्पक्ष होती है, जिससे उन्होंने पत्रकारिता और विश्लेषण के क्षेत्र में अपनी एक मजबूत पहचान बनाई है।

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