रेखा सरकार कर रही है यमुना किनारे रिवर फ्रंट और नए पर्यटन स्थलों पर सरकार का फोकस

Authored By: सतीश झा

Published On: Sunday, August 10, 2025

Last Updated On: Sunday, August 10, 2025

Yamuna Riverfront Tourism के तहत सरकार यमुना किनारे रिवर फ्रंट और नए पर्यटन स्थलों का विकास कर रही है, जिससे पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा/
Yamuna Riverfront Tourism के तहत सरकार यमुना किनारे रिवर फ्रंट और नए पर्यटन स्थलों का विकास कर रही है, जिससे पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा/

दिल्ली सरकार की प्राथमिकताओं में यमुना की सफाई सबसे ऊपर है, और इसी के साथ “असिता” परियोजना के विस्तार पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. सरकार गठन के बाद से ही मंत्री प्रवेश वर्मा यमुना के संरक्षण और किनारों के सौंदर्यीकरण पर लगातार निगरानी रख रहे हैं.

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Sunday, August 10, 2025

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) के नेतृत्व में विकास के कामों को तेजी से करती हुई दिखाई दे रही है. उपराज्यपाल विनय सक्सेना (Vinay Saxena) ने, केजरीवाल सरकार के कार्यकाल के दौरान भी, यमुना की सफाई और असिता विकास को लेकर सक्रियता दिखाई थी. उन्होंने आईटीओ से लक्ष्मी नगर के बीच पुराने पुल पर “असिता ईस्ट” (Asita East) का विकास कराया, जो आज सुबह की सैर और व्यायाम के लिए हजारों लोगों की पसंदीदा जगह बन चुका है.

क्या है ‘असिता’?

प्राचीन साहित्य में यमुना (Yamuna) को “असिता” (Asita) कहा गया है. इसका उद्देश्य दिल्लीवासियों को प्रकृति के और करीब लाना है. 197 हेक्टेयर में फैले इस पार्क में घने पेड़-पौधे, साफ-सुथरे नदी तट और खुला वातावरण इसे खास बनाते हैं. यहां 4,000 से अधिक पेड़ और करीब 33.5 लाख नदी घास लगाई गई है. अब यहां “ईट ऑन व्हील” जैसी आधुनिक सुविधाएं भी जोड़ी जा रही हैं. उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने 7 सितंबर 2022 को इस परियोजना का उद्घाटन किया था.

योजना में रुकावट और पुनः शुरुआत

औद्योगिक क्षेत्रों में फैले कचरे की सफाई और यमुना किनारों के विकास का कार्य उपराज्यपाल की पहल पर शुरू हुआ था. इसमें स्कूली बच्चों और सरकारी कर्मचारियों ने भी योगदान दिया. लेकिन बाद में केजरीवाल सरकार ने कोर्ट में यह कहते हुए परियोजना रुकवा दी कि यह दिल्ली सरकार का अधिकार क्षेत्र है और इसका खर्च उनके फंड से होना चाहिए. इसके बाद सफाई और असिता विकास का काम ठप हो गया.

अब “चार इंजन” वाली सरकार के आने के बाद यमुना किनारे रिवर फ्रंट और असिता जैसे नए पर्यटन स्थलों के विकास की रफ्तार फिर तेज हो गई है. योजना के तहत अगले 2–3 साल में 6 नए टूरिस्ट स्पॉट विकसित किए जाएंगे, ताकि नदी पर्यटन और हरित क्षेत्रों को बढ़ावा मिल सके.

असिता ईस्ट की विशेषताएं

  • पाँच एकड़ का जलाशय
  • 60,000 क्यूबिक मीटर पानी की क्षमता
  • “मेरी यमुना” नामक सेल्फी प्वाइंट
  • मल्टीपर्पज एरिया
  • बच्चों के लिए पार्क
  • जैव शौचालय

बाढ़ के बाद फिर लौटी रौनक

पिछले साल खादर क्षेत्र में आई बाढ़ से असिता ईस्ट की सुंदरता प्रभावित हुई थी. लेकिन पानी उतरते ही डीडीए (DDA) ने इसे नए सिरे से सजाया. डहेलिया, बबूने, नीलकूपी, कैलेंडुला और हालिहाक जैसे फूलों से बागवानी की गई, जिससे यह इलाका फिर से पर्यटकों का पसंदीदा स्थान बन गया. लोग यहां जलाशय के किनारे बैठकर प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हैं और यादगार लम्हों को कैमरे में कैद करते हैं.

भगवान बुद्ध और सूर्य के भव्य प्रतिरूप

डीडीए ने असिता ईस्ट में भगवान बुद्ध और भगवान सूर्य की मूर्तियां स्थापित की हैं. खास बात यह है कि सूर्य की प्रतिमा ओडिशा के कोणार्क मंदिर के सूर्य देवता की हू-ब-हू प्रतिकृति है. इन प्रतिरूपों को पद्म विभूषण विजेता मूर्तिकार सुदर्शन साहू ने बनाया है. जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान दिल्ली में प्रदर्शित हुई कई पत्थर की कलाकृतियां भी उनकी ही रचनाएं थीं.

जल्द मिलेगी ‘ईट ऑन व्हील’ सुविधा

पर्यटकों के लिए जल्द ही असिता ईस्ट में ‘ईट ऑन व्हील’ का अनुभव शुरू होने जा रहा है. इसमें भारतीय रेलवे द्वारा उपलब्ध कराए गए ट्रेन के कोच को भोजनालय में बदला जाएगा, जहां लोग स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद ले सकेंगे. चूंकि यहां स्थायी ढांचा नहीं बनेगा, इसलिए पर्यावरण पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा. यह पहल न सिर्फ खाने का नया अनुभव देगी, बल्कि लोगों को जल और प्रकृति से भी जोड़ने का काम करेगी.

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About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है


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