जम्मू में बढ़ती आतंकी घटनाएं, कहीं पाकिस्तान की नई रणनीति तो नहीं !

जम्मू में बढ़ती आतंकी घटनाएं, कहीं पाकिस्तान की नई रणनीति तो नहीं !

Authored By: सतीश झा

Published On: Wednesday, July 10, 2024

increasing terrorist incidents in jammu

2019 के बाद से कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों ने आतंकवादी नेटवर्क को काफी हद तक निष्क्रिय कर दिया है। कश्मीर में बढ़ते सुरक्षा बलों के दबाव के कारण आतंकवादियों के लिए यहां सक्रिय रहना कठिन हो गया है। पाकिस्तान की रणनीति में बदलाव के चलते आतंकवादी गतिविधियों का केंद्र कश्मीर से जम्मू की ओर स्थानांतरित हो रहा है। पाकिस्तान जम्मू में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देकर भारतीय सुरक्षा बलों को नई चुनौतियों में उलझाना चाहता है।

“जम्मू नया आतंकी कश्मीर है” जम्मू और कश्मीर के जम्मू क्षेत्र में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों के बारे में चिंताओं को दर्शाता है। हाल के वर्षों में, जम्मू में आतंकवादी घटनाओं (Terrorist Incidents) में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो पारंपरिक रूप से कश्मीर घाटी की तुलना में कम प्रभावित थी। इन घटनाओं में सुरक्षा बलों पर हमले, लक्षित हत्याएं और घुसपैठ के प्रयास शामिल हैं। भारतीय सुरक्षा बल और खुफिया एजेंसियां इस नई चुनौती का मुकाबला करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं और जम्मू में सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ कर रही हैं।

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों के संदर्भ में, 8 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के एक गांव से गुजर रहे सेना के ट्रक पर हुए हमले में पांच सैनिकों की मौत और कई अन्य के घायल होने की घटना अत्यंत चिंता का विषय है। यह हमला जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी हमलों की बढ़ती संख्या को दर्शाता है, और यह हाल के महीनों में हुए अन्य हमलों की कड़ी में एक और दुखद घटना है।

पहले भी हो चुकी है कई आतंकी घटनाएं (Terrorist Incidents)

जून में जम्मू-कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में हुए हमलों की श्रृंखला ने क्षेत्र में सुरक्षा के दृष्टिकोण से गंभीर चुनौतियों को उजागर किया है। इन हमलों में नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की मौत और घायल होने की घटनाएं बताती हैं कि आतंकवादी गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 26 जून को डोडा जिले के गंदोह क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के दौरान तीन आतंकवादी मारे गए। यह मुठभेड़ इस बात का संकेत है कि आतंकवादी संगठन इस क्षेत्र में सक्रिय हैं और सुरक्षा बलों को निरंतर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी प्रकार
9 जून यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के दिन, अज्ञात आतंकवादियों ने तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर गोलीबारी की। इस हमले में जम्मू क्षेत्र के रियासी जिले में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और 33 अन्य घायल हो गए।

रियासी हमले के तीन दिनों के भीतर, जम्मू के रियासी, डोडा और कठुआ जिलों में एक के बाद एक तीन हमले हुए। इन हमलों में नौ नागरिकों और एक सीआरपीएफ (CRPF) कर्मी की मौत हो गई, जबकि सात सुरक्षाकर्मियों सहित 49 अन्य घायल हो गए। कठुआ हमले में दो आतंकी भी मारे गए।

क्यों जम्मू (Jammu) बन रहा है नया ठिकाना

विशेषज्ञों के अनुसार, कश्मीर क्षेत्र में भारतीय सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों ने 2019 के बाद से आतंकी नेटवर्क (Terrorist Network) को प्रभावी ढंग से बेअसर कर दिया है, जिससे आतंकवादियों के लिए कश्मीर में गतिविधियां संचालित करना कठिन हो गया है। इसके परिणामस्वरूप, आतंकवादी समूह जम्मू की ओर रुख कर रहे हैं, जहां उन्हें अपेक्षाकृत कम प्रतिरोध मिल सकता है।जम्मू में सुरक्षा व्यवस्थाएं कश्मीर की तुलना में पहले कमजोर थीं, जिससे आतंकवादियों के लिए वहां गतिविधियां संचालित करना आसान हो गया। हाल के वर्षों में जम्मू में आतंकवादी हमलों की वृद्धि इस तथ्य को रेखांकित करती है।

क्या पाकिस्तान (Pakistan) की भी है रणनीति

जानकारों के अनुसार, पाकिस्तान लगातार अपनी रणनीति बदलता रहता है ताकि वह भारतीय सुरक्षा बलों को चकमा दे सके। कश्मीर में दबाव बढ़ने के बाद, पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूहों ने जम्मू को नए लक्ष्य के रूप में चुना है ताकि वे भारत में अस्थिरता और अशांति फैला सकें। जम्मू क्षेत्र में स्थितियाँ और सीमाएँ आतंकवादियों के लिए नए प्रवेश मार्ग के रूप में कार्य कर रही हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों से घुसपैठ और आतंकवादी गतिविधियों के लिए यह क्षेत्र उपयोगी हो सकता है।

भारतीय सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों (Security Forces and Intelligence Agencies) को इस नई चुनौती के प्रति सतर्क रहना होगा और आवश्यक कदम उठाने होंगे ताकि जम्मू में शांति और सुरक्षा बनी रहे।

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है

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