कौन हैं चेस की ‘ग्लैमर गर्ल’ तानिया सचदेव, जिन्होंने जीता विमेंस ग्रैंड मास्टर्स का खिताब

Authored By: Ranjan Gupta

Published On: Wednesday, August 20, 2025

Last Updated On: Wednesday, August 20, 2025

Tania Sachdev Grandmaster – तानिया सचदेव का विमेंस ग्रैंड मास्टर्स खिताब जीतने का जश्न.
Tania Sachdev Grandmaster – तानिया सचदेव का विमेंस ग्रैंड मास्टर्स खिताब जीतने का जश्न.

महिला ग्रैंडमास्टर तानिया सचदेव न सिर्फ शतरंज की बिसात पर अपनी चालों से विरोधियों को मात देती हैं, बल्कि अपने करिश्माई व्यक्तित्व के लिए भी मशहूर हैं. दिल्ली में जन्मी तानिया ने बचपन से ही शतरंज खेलना शुरू किया और आज वह भारत की सबसे सफल महिला खिलाड़ियों में से एक हैं.

Authored By: Ranjan Gupta

Last Updated On: Wednesday, August 20, 2025

Tania Sachdev Grandmaster: शतरंज की दुनिया में भारत ने कई दिग्गज खिलाड़ियों को जन्म दिया है और उनमें से एक नाम है तानिया सचदेव, जिन्हें चेस की ‘ग्लैमर गर्ल’ कहा जाता है. इंटरनेशनल मास्टर (IM) और विमेंस ग्रैंडमास्टर (WGM) का खिताब अपने नाम करने वाली तानिया ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई उपलब्धियां हासिल की हैं. महज छह साल की उम्र से खेल की बारीकियां सीखने वाली तानिया आठ साल की उम्र में ही पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीत चुकी थीं. 

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार शानदार प्रदर्शन करने के साथ उन्होंने भारत को कई गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल दिलाए. शतरंज की बिसात पर उनकी समझ और आत्मविश्वास ने उन्हें महिला खिलाड़ियों के बीच एक अलग मुकाम दिलाया है.

6 साल की उम्र में खेलना कर दिया था शुरू

तानिया को चेस की ‘ग्लैमर गर्ल’ कहा जाता है, जो शतरंज की बिसात पर विरोधी की हर चाल का मुंहतोड़ जवाब देती हैं. 20 अगस्त 1986 को दिल्ली में जन्मीं तानिया जब महज छह साल की थीं, तब उन्होंने इस खेल के दांव-पेंच सीखने शुरू कर दिए थे. महज आठ साल की उम्र में पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाली तानिया ने शुरुआती वर्षों में केसी जोशी से कोचिंग ली.

दिल्ली सरकार से लिया लोहा

वो कई मौकों पर मुखर भी रही हैं. एक समय उन्होंने दिल्ली सरकार पर सवाल भी खड़े किए थे. तानिया सचदेव ने अपने आधिकारिक एक्‍स हैंडल पर बताया कि 2008 से भारत के लिए शतरंज खेलने के बावजूद दिल्‍ली सरकार से उन्‍हें किसी तरह की पहचान नहीं मिली. उन्होंने लिखा, भारत के लिए 2008 से खेलने के बावजूद यह देखना निराशाजनक है कि शतरंज में उपलब्धियां हासिल करने के बाद भी दिल्‍ली सरकार से कोई पहचान नहीं मिली. जो राज्य अपने चैंपियनों का समर्थन करते हैं और उनका जश्न मनाते हैं, वे सीधे तौर पर उत्कृष्टता को प्रेरित करते हैं और प्रतिभा को प्रेरित करते हैं. दुखद है कि दिल्‍ली ने इस ओर अब तक कोई कदम नहीं उठाया. हालांकि, 45वें शतरंज ओलंपियाड 2024 में गोल्ड मेडल जीतने वाली सचदेव को दिल्ली सरकार ने सम्मानित किया. 

बेहद कम उम्र में बनाई अंतरराष्ट्रीय पहचान

  • बेहद कम उम्र में ही तानिया कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपना लोहा मनवा चुकी थीं. अंडर 12 डिवीजन में उन्होंने विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया.
  • साल 2002 में एशियन जूनियर गर्ल्स चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाली तानिया साल 2005 में विमेंस ग्रैंडमास्टर का खिताब जीतने वाली आठवीं भारतीय थीं. इसके बाद साल 2006 और 2007 में तानिया ने नेशनल महिला प्रीमियर शतरंज चैंपियनशिप जीती. साल 2007 में ही उन्होंने महिला एशियाई शतरंज चैंपियनशिप भी अपने नाम की.

मॉडलिंग का भी शौक रखती हैं तानिया

साल 2015 में तानिया ने रेक्जाविक ओपन में सर्वश्रेष्ठ महिला का पुरस्कार जीता था. इसी साल एशियन कॉन्टिनेंटल विमेंस रैपिड चेस चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल अपने नाम किया. साल 2016, 2018 और 2019 में तानिया ने तीन बार कॉमनवेल्थ विमेंस चेस चैंपियनशिप जीती. सितंबर 2024 में तानिया उस भारतीय टीम का हिस्सा थीं, जिसने 45वीं शतरंज ओलंपियाड की महिला श्रेणी में गोल्ड जीता. यह भारत का पहला ओलंपियाड गोल्ड था.

तानिया मॉडलिंग का भी शौक रखती हैं. उन्हें रैंप वॉक के अलावा फोटोशूट का भी शौक है. तानिया शतरंज खेलने के अलावा प्रेजेंटेटर-कमेंटेटर के तौर पर भी काफी मशहूर हैं.

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(आईएएनएस इनपुट के साथ)



About the Author: Ranjan Gupta
रंजन कुमार गुप्ता डिजिटल कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें डिजिटल न्यूज चैनल में तीन वर्ष से अधिक का अनुभव प्राप्त है. वे कंटेंट राइटिंग, गहन रिसर्च और SEO ऑप्टिमाइजेशन में माहिर हैं. शब्दों से असर डालना उनकी कला है और कंटेंट को गूगल पर रैंक कराना उनका जुनून! वो न केवल पाठकों के लिए उपयोगी और रोचक लेख तैयार करते हैं, बल्कि गूगल के एल्गोरिदम को भी ध्यान में रखते हुए SEO-बेस्ड कंटेंट तैयार करते हैं. रंजन का मानना है कि "हर जानकारी अगर सही रूप में दी जाए, तो वह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है." यही सोच उन्हें हर लेख में निखरने का अवसर देती है.


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