इमरजेंसी फंड बनाने के 5 आसान तरीके

Authored By: Ranjan Gupta

Published On: Wednesday, August 20, 2025

Last Updated On: Wednesday, August 20, 2025

How Can 5 easy ways to create an emergency fund
How Can 5 easy ways to create an emergency fund

Emergency Fund Making 5 Easy Tips in Hindi: जीवन में परेशानियां कभी भी हमारा पीछा नहीं छोड़ती. कब क्या हो जाए, किसी को नहीं पता. अचानक नौकरी जाना, मेडिकल इमरजेंसी या किसी बड़े खर्च का बोझ, ऐसी स्थितियों में आर्थिक स्थिरता बनाए रखने का सबसे कारगर उपाय है Emergency Fund. यह न सिर्फ संकट के समय राहत देता है, बल्कि मानसिक सुकून भी देता है. जानिए इमरजेंसी फंड क्या होता है, इसे क्यों बनाना चाहिए. इमरजेंसी फंड कैसे बनाएं.

Authored By: Ranjan Gupta

Last Updated On: Wednesday, August 20, 2025

इस लेख में:

जीवन में अनिश्चितताएं कभी बताकर नहीं आतीं. एक छोटी सी बीमारी हो या नौकरी का अचानक जाना, इन सबका असर सबसे पहले आपकी जेब पर पड़ता है. ऐसे समय में अगर आपके पास एक तय राशि इमरजेंसी फंड के रूप में सुरक्षित है, तो आप बिना कर्ज लिए इन मुश्किलों से आसानी से बाहर निकल सकते हैं. यही वजह है कि आज के समय में इमरजेंसी फंड हर व्यक्ति की वित्तीय योजना का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए. इस लेख में हम जानेंगे कि इमरजेंसी फंड क्या होता है, यह क्यों जरूरी है, कितना होना चाहिए और इसे कैसे और कहां रखें ताकि आप हर हाल में आर्थिक रूप से तैयार रहें.

इमरजेंसी फंड क्या होता है

What is an emergency fund

जीवन अस्थिरता से भरा होता है. कभी नौकरी अचानक छूट सकती है, कभी कोई गंभीर बीमारी घर आ सकती है या फिर वाहन की मरम्मत, घर में कोई बड़ा खर्च या पारिवारिक आपात स्थिति सामने आ सकती है. ऐसे समय में अगर आपके पास एक सुरक्षित राशि जमा है, जिसे आप तुरंत इस्तेमाल कर सकें, तो आप बिना किसी उधारी, लोन या तनाव के उस स्थिति से निकल सकते हैं. इसी राशि को हम इमरजेंसी फंड कहते हैं.

इमरजेंसी फंड क्यों बनाना चाहिए

Why should you create an emergency fund

इमरजेंसी फंड के बहुत से फायदे हैं. यह न सिर्फ आर्थिक रूप से बल्कि मानसिक तौर पर भी आपको सुरक्षित और सशक्त बनाता है. इमरजेंसी फंड इसलिए ज़रूरी है क्योंकि यह आपको ऐसे वक्त में सहारा देता है जब बाकी सारे विकल्प बंद हो जाते हैं. अगर आपको अचानक से पैसों की जरूरत पड़ती है, तो किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा. आप पर कर्ज का कोई बोझ नहीं पड़ेगा.

इमरजेंसी फंड में कितनी राशी होनी चाहिए

How Can 5 easy ways to create an emergency fund

इसका जवाब आपकी मासिक जरूरतों पर निर्भर करता है. आमतौर पर विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि कम से कम 3 से 6 महीने के जरूरी खर्चों के बराबर राशि आपके पास इमरजेंसी फंड के रूप में होनी चाहिए.

उदाहरण के लिए, यदि आपके महीने के जरूरी खर्च ₹30,000 हैं, तो आपके पास ₹90,000 से ₹1.8 लाख तक का फंड होना चाहिए. यदि आप अकेले रहते हैं और आपकी नौकरी स्थिर है, तो 3 महीने का फंड पर्याप्त हो सकता है.

वहीं यदि आप किसी परिवार के कमाने वाले सदस्य हैं, या आपकी आमदनी नियमित नहीं है (जैसे फ्रीलांसर, सेल्फ-एम्प्लॉयड आदि), तो कम से कम 6 महीने या उससे अधिक का फंड जरूरी हो जाता है.

इमरजेंसी फंड कैसे बनाएं

How to create an emergency fund

इमरजेंसी फंड एक बार में नहीं बनता, बल्कि इसे धीरे-धीरे नियमित बचत के जरिए तैयार किया जाता है.

  • इसके लिए पहले अपने मासिक खर्चों की सूची बनाएं ताकि यह पता चल सके कि कुल कितने खर्चों को आपको कवर करना है.
  • इसके बाद उस खर्च के आधार पर एक लक्ष्य तय करें कि कितने महीने का फंड बनाना है.
  • फिर हर महीने एक तय राशि बचत के रूप में अलग रखनी शुरू करें. यह राशि छोटी भी हो सकती है, जैसे ₹2000-₹5000 प्रतिमाह.
  • आप अपने सैलरी बोनस, टैक्स रिफंड, या अन्य अतिरिक्त आय को भी सीधे इस फंड में जोड़ सकते हैं. यदि आप थोड़े गैर-जरूरी खर्चों पर नियंत्रण कर लें, तो आप इस फंड को जल्दी बना सकते हैं.

नोट: आपको अपनी कमाई का 30 फीसदी बचाना चाहिए. इसमें से 15 फीसदी हिस्सा निवेश करें, बाकी 15 फीसदी हिस्सा इमरजेंसी फंड के लिए रखें. याद रखें, इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल सिर्फ आपातकालीन परिस्थितियों में ही करें. जैसे कि आपकी नौकरी छूट गई या फिर मेडिकल खर्च बहुत अधिक हो गया हो.

इमरजेंसी फंड को कहां रखना चाहिए

Where should you keep your emergency fund

इमरजेंसी फंड ऐसी जगह होना चाहिए जहां से आप तुरंत पैसा निकाल सकें और साथ ही आपकी पूंजी भी सुरक्षित रहे. सबसे सुरक्षित विकल्प है – बचत खाता (Savings Account), जहां से पैसा तुरंत निकाला जा सकता है, हालांकि इस पर ब्याज कम मिलता है. दूसरा विकल्प है – फिक्स्ड डिपॉजिट, जिसमें स्विप-इन सुविधा हो तो और बेहतर है क्योंकि यह अच्छा ब्याज भी देता है और आपात स्थिति में तुरंत टूट भी सकता है.

इसके अलावा, लिक्विड म्यूचुअल फंड भी एक बढ़िया विकल्प है, जहां आपको 5-7% तक रिटर्न मिल सकता है और 24 घंटे के भीतर पैसा भी मिल जाता है. ध्यान रखें कि इस फंड को कभी शेयर मार्केट या किसी जोखिम वाले निवेश साधन में न रखें क्योंकि वहां पूंजी की गारंटी नहीं होती.

निष्कर्ष

यह आपके आर्थिक जीवन का वह आधार है जो अचानक आने वाले संकट में आपको सहारा देता है. अगर आप आज से ही थोड़ी-थोड़ी बचत करके इसकी शुरुआत करें, तो कुछ ही महीनों में आप एक मजबूत आर्थिक सुरक्षा कवच तैयार कर सकते हैं. यह न सिर्फ आपको आत्मनिर्भर बनाता है बल्कि आगे बढ़ने में भी आत्मविश्वास देता है. इसलिए, अगर आप वित्तीय योजना की शुरुआत करना चाहते हैं, तो सबसे पहले एक मजबूत और पर्याप्त इमरजेंसी फंड बनाना शुरू करें.

FAQ

इमरजेंसी फंड एक ऐसी राशि होती है जो केवल आपातकालीन परिस्थितियों के लिए रखी जाती है, जैसे नौकरी छूटना, बीमारी या कोई बड़ा खर्च. यह आर्थिक सुरक्षा और मानसिक शांति देता है.

आमतौर पर सलाह दी जाती है कि आपके 3 से 6 महीने के जरूरी खर्च जितनी राशि इमरजेंसी फंड में होनी चाहिए.

आप हर महीने एक तय राशि बचाकर इसकी शुरुआत कर सकते हैं. बोनस, टैक्स रिफंड या अतिरिक्त आमदनी को भी इसमें जोड़ सकते हैं.

इसे सेविंग अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट (स्विप-इन सुविधा के साथ), या लिक्विड म्यूचुअल फंड में रखा जा सकता है, जहां से आप तुरंत पैसा निकाल सकें.

नहीं, इमरजेंसी फंड को शेयर मार्केट जैसे जोखिम भरे साधनों में न लगाएं. इसका उद्देश्य पूंजी की सुरक्षा और त्वरित उपलब्धता है, न कि अधिक रिटर्न पाना.



About the Author: Ranjan Gupta
रंजन कुमार गुप्ता डिजिटल कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें डिजिटल न्यूज चैनल में तीन वर्ष से अधिक का अनुभव प्राप्त है. वे कंटेंट राइटिंग, गहन रिसर्च और SEO ऑप्टिमाइजेशन में माहिर हैं. शब्दों से असर डालना उनकी कला है और कंटेंट को गूगल पर रैंक कराना उनका जुनून! वो न केवल पाठकों के लिए उपयोगी और रोचक लेख तैयार करते हैं, बल्कि गूगल के एल्गोरिदम को भी ध्यान में रखते हुए SEO-बेस्ड कंटेंट तैयार करते हैं. रंजन का मानना है कि "हर जानकारी अगर सही रूप में दी जाए, तो वह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है." यही सोच उन्हें हर लेख में निखरने का अवसर देती है.


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