नेपाल की सियासत में भूचाल: स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल का इस्तीफा, इससे पहले गृह मंत्री भी दे चुके हैं पद

Authored By: सतीश झा

Published On: Tuesday, September 9, 2025

Last Updated On: Tuesday, September 9, 2025

Nepal Political Resignations 2025 – प्रदीप पौडेल का इस्तीफा.
Nepal Political Resignations 2025 – प्रदीप पौडेल का इस्तीफा.

नेपाल की राजनीति में संकट गहराता जा रहा है. नेपाल सरकार के स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल (Pradeep Paudel) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. यह इस्तीफा तब आया है, जब इससे पहले गृह मंत्री रमेश लेखक (Ramesh Lekhak) ने भी पद छोड़ दिया था. लगातार हो रहे इस्तीफों से प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Shamra Oly) की सरकार पर दबाव और बढ़ गया है.

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Tuesday, September 9, 2025

Nepal Political Resignations 2025: नेपाल में बढ़ते राजनीतिक संकट के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Shamra Oly) ने आज शाम 6 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है. प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि वे स्थिति का आकलन करने और एक सार्थक निष्कर्ष निकालने के लिए सभी संबंधित पक्षों से बातचीत करेंगे.

कठिन परिस्थिति में धैर्य बनाए रखें

  • ओली ने ट्वीट कर कहा, “मैं स्थिति का आकलन करने और एक सार्थक निष्कर्ष निकालने के लिए संबंधित पक्षों के साथ बातचीत कर रहा हूं. इसके लिए, मैंने आज शाम 6 बजे एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है. मैं सभी भाइयों और बहनों से विनम्र अनुरोध करता हूं कि इस कठिन परिस्थिति में धैर्य बनाए रखें.”
  • मंत्रियों के इस्तीफे और जनता में बढ़ते असंतोष के बीच पीएम ओली की यह पहल नेपाल की सियासत में अहम मानी जा रही है.
  • सूत्रों के मुताबिक, इस्तीफों के इस दौर के बीच प्रधानमंत्री ओली (KP Shamra Oly) भी दुबई जाने की तैयारी में हैं. बताया जा रहा है कि उनका यह दौरा निजी कार्यक्रम को लेकर है, लेकिन सियासी हलकों में इसे लेकर कई तरह की अटकलें तेज हो गई हैं.

सरकार से अलग होने के दबाव में कांग्रेस अध्यक्ष शेरबहादुर देउवा

  • नेपाल में सत्ता साझेदार दल नेपाली कांग्रेस के भीतर सरकार से अलग होने का दबाव तेज हो गया है. पार्टी अध्यक्ष शेरबहादुर देउवा पर नेताओं ने सरकार से बाहर निकलने के लिए जोर डाला है.
  • मंगलवार सुबह देउवा ने अपने निवास बुढानिलकण्ठ में केंद्रीय कार्यसम्पादन समिति की बैठक बुलाई थी. हालांकि बैठक में सभी नेता शामिल नहीं हो पाए, लेकिन जो नेता उपस्थित रहे, उन्होंने सरकार से अलग होने की सिफारिश की. इसमें पार्टी के महामंत्री गगनकुमार थापा और विश्वप्रकाश शर्मा भी शामिल थे.
  • बैठक में बने माहौल के बाद देउवा कठिनाई में फंस गए हैं. पार्टी के भीतर से दबाव बढ़ने के बावजूद देउवा ने सरकार से अलग होने से इंकार कर दिया, जिसके बाद कई मंत्री खुद इस्तीफा देने लगे हैं. एक मंत्री ने कहा कि चूंकि अध्यक्ष ने सरकार छोड़ने से इनकार कर दिया है, इसलिए उन्होंने व्यक्तिगत रूप से इस्तीफा दिया.
  • सूत्रों के अनुसार, बैठक में अपेक्षित संख्या में नेता नहीं पहुंचे, जिसके चलते उसे स्थगित करना पड़ा. अब सरकार से जुड़े रहने या अलग होने का अंतिम फैसला खुद देउवा को लेना होगा. वहीं, थापा और शेखर कोइराला गुट के मंत्री लगातार यह स्पष्ट कर रहे हैं कि वे सरकार में नहीं रहेंगे और इस्तीफों का दौर जारी है.

हेपाहा शैली और गैरजिम्मेदार रणनीति से सरकार असफल, प्रदर्शन में 19 की मौत

नेपाल में भ्रष्टाचार और नेताओं के परिवारों की विलासिता के खिलाफ उठी जेन-जी पीढ़ी की आवाज सरकार की नाकामी की वजह से त्रासदी में बदल गई. सोमवार को हुए बड़े प्रदर्शन में सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गई, जिसके चलते 19 लोगों की मौत हो गई. पिछले कई हफ्तों से जेन-जी पीढ़ी सोशल मीडिया पर भ्रष्टाचार और नेताओं के बेटा-बेटियों के ऐशोआराम के खिलाफ मुखर थी. इस दौरान ‘नेपो किड’ और ‘नेपो बेबीज’ जैसे ट्रेंड भी चल पड़े. लेकिन सरकार ने असंतोष दूर करने के बजाय कुछ अपंजीकृत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगाने का फैसला कर लिया, जिससे युवाओं का गुस्सा और भड़क गया.

सोमवार को इसी गुस्से का इजहार सड़कों पर हुआ। लेकिन प्रदर्शन को संभालने में सरकार पूरी तरह नाकाम रही. न तो सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता थी और न ही सरकार ने संवाद की कोशिश की. इसके उलट प्रधानमंत्री ओली और अधिकारियों ने युवाओं के आंदोलन पर खिल्ली उड़ाने वाले बयान दिए.

सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के नेताओं ने स्वीकार किया कि सरकार की हेपाहा शैली और दमनकारी नीति ही इस दुखद घटना की जिम्मेदार है. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर युवाओं की आवाज को गंभीरता से सुना जाता तो इस तरह की जानलेवा स्थिति टाली जा सकती थी.

सरकार पर संकट गहराता

लगातार दो मंत्रियों के इस्तीफे के बाद विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. विपक्षी दलों का कहना है कि ओली सरकार में आंतरिक मतभेद गहराते जा रहे हैं, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है.

जनता में असंतोष

नेपाल में हाल के दिनों में महंगाई, बेरोजगारी और सोशल मीडिया प्रतिबंध जैसे मुद्दों पर जनता का गुस्सा पहले से ही उभरकर सामने आ रहा है. ऐसे में मंत्रियों के इस्तीफे और प्रधानमंत्री के विदेश दौरे की खबरों ने राजनीतिक अस्थिरता को और बढ़ा दिया है. अब देखना होगा कि प्रधानमंत्री ओली (KP Shamra Oly) इस संकट से अपनी सरकार को कैसे बाहर निकालते हैं और क्या कैबिनेट में जल्द नए चेहरों को शामिल किया जाता है.

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About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है


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