सुशीला कार्की बनीं नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री, पीएम मोदी का आया पहला रिेएक्शन
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Saturday, September 13, 2025
Last Updated On: Saturday, September 13, 2025
नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को देश की अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया है. उन्होंने 12 सितंबर 2025 को शपथ ली. पीएम नरेन्द्र मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए नेपाल की शांति और समृद्धि के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Saturday, September 13, 2025
Sushila Karki Nepal Interim PM: नेपाल की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. नेपाल में पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का मुखिया बनाया गया है. उन्होंने शुक्रवार (12 सितंबर, 2025) को देश के अंतरिम प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली. राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने 73 वर्षीय सुशीला कार्की को राष्ट्रपति भवन में पद की शपथ दिलाई. इस मौके पर उपराष्ट्रपति राम सहाय यादव और मुख्य न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह रावत भी मौजूद रहे.
खास बात यह रही कि GenZ प्रदर्शनकारियों का बड़ा समर्थन भी कार्की को मिला, जिसके चलते उन्हें अंतरिम सरकार की बागडोर सौंपी गई. पड़ोसी देश में नई सरकार के गठन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उन्हें शुभकामनाएं दीं और भारत-नेपाल संबंधों को और मजबूत करने का संकल्प दोहराया.
पीएम मोदी की आई पहली प्रतिक्रिया
दरअसल, पड़ोसी देश में नई सरकार का गठन होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहली प्रतिक्रिया आई है. पीएम मोदी ने सुशीला कार्की को बधाई देते हुए कहा कि नेपाल की प्रगति और समृद्धि के लिए भारत पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर कहा, ‘नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री के रूप में पद ग्रहण करने पर माननीय सुशीला कार्की जी को हार्दिक शुभकामनाएं. नेपाल के भाई-बहनों की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए भारत पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.’ प्रधानमंत्री मोदी ने नेपाली भाषा में भी ट्वीट कर बधाई दी है.
GenZ प्रदर्शनकारियों की पसंद बनीं सुशीला कार्की
नेपाल की राजनीति में लंबे समय से जारी अनिश्चितता आखिरकार खत्म हुई. केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद सत्ता की कमान 73 वर्षीय सुशीला कार्की को सौंपी गई है. दिलचस्प बात यह रही कि उनके नाम की सिफारिश खुद GenZ प्रदर्शनकारियों ने की थी और यह प्रस्ताव सीधे आर्मी चीफ तक पहुंचा. इस दौरान राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल बार-बार यह कहते रहे कि किसी भी निर्णय में संविधान की मर्यादा का पालन होना जरूरी है. उनका साफ संदेश था कि समाधान केवल संवैधानिक दायरे में रहकर ही निकाला जाएगा.
भारत से गहरा जुड़ाव
सुशीला कार्की का भारत से भी खास रिश्ता रहा है. यही वजह है कि जानकार मानते हैं कि उनके कार्यकाल में भारत-नेपाल संबंध और भी मजबूत हो सकते हैं. उनकी पढ़ाई वाराणसी में हुई और यहीं पर उन्हें अपना जीवनसाथी भी मिला. इस कनेक्शन को दोनों देशों के रिश्तों में सकारात्मक पहलू माना जा रहा है.
मालूम हो कि 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध के खिलाफ नेपाल के युवाओं ने अपना विरोध शुरू किया था, लेकिन यह विरोध हिंसक प्रदर्शन में बदल गया था. केपी शर्मा ओली की सरकार के कई मंत्रियों के घर फूंक दिए गए थे. यहां तक कि, इस आंदोलन के दबाव में केपी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा.
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