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डोडा के बाद अब कुपवाड़ा में आतंकी मुठभेड़, सुरक्षा बलों ने संभाला है मोर्चा
डोडा के बाद अब कुपवाड़ा में आतंकी मुठभेड़, सुरक्षा बलों ने संभाला है मोर्चा
Authored By: सतीश झा
Published On: Thursday, July 18, 2024
Updated On: Thursday, July 18, 2024
हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं। सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के कारण मुठभेड़ होती हैं और आतंकी को मौत के घाट उतार दिया जा रहा है।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Thursday, July 18, 2024
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादियों को मार गिराया गया है, जो उत्तरी कश्मीर जिले के केरन सेक्टर के पास नियंत्रण रेखा में घटित हुई। इसमें गोलीबारी की घटना के बाद अभी भी अधिक जानकारी का इंतजार है। पिछले दिन में भी जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना का एक जवान घायल हो गया था। यह घटनाएं सुरक्षा बलों और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों को दर्शाती हैं, जो नियंत्रण रेखा के करीबी क्षेत्रों में सुरक्षा बनाए रखने में लगे हैं। डोडा के कास्तीगढ़ इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया गया, जहां आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना के 2 जवान घायल हो गए थे।
रात में शुरू हुई थी मुठभेड़
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुठभेड़ की घटना रात करीब 2 बजे कस्तीगढ़ इलाके के जद्दन बाटा गांव में शुरू हुई, जो डोडा जिले में हुई। इस मुठभेड़ में चार सैन्यकर्मी शहीद हो गए हैं, जिनमें कैप्टन ब्रिजेश थापा, नायक डी. राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय शामिल हैं। उन्होंने अपने कर्तव्यों को निभाते हुए बहादुरी से अपनी प्राणों की आहुति दी। घटना के तुरंत बाद, सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में आतंकी नेटवर्क के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की है। इसके जवाब में सुरक्षा बलों की मौजूदगी में आगे की रणनीतिक कार्रवाई की जा रही है।
भारतीय सेना ने किया ये ट्वीट
चिनार कॉर्प्स- भारतीय सेना ने ट्वीट किया, “ऑपरेशन राजबीर। केरन सेक्टर, कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा पर आज दो आतंकवादियों को मार गिराने के साथ घुसपैठ की कोशिश को सफलतापूर्वक रोक दिया गया है। घुसपैठ रोधी अभियान जारी है।”
जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर
पिछले कुछ हफ्तों में जम्मू क्षेत्र में आतंकी हमलों में हालिया वृद्धि के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं। 16 जुलाई के हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के एक छाया समूह कश्मीर टाइगर्स ने ली थी। 14 जुलाई को भारतीय सेना ने कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया, जिसमें तीन आतंकवादी मारे गए। 6 जुलाई को कुलगाम जिले में दो मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने छह आतंकवादियों को मार गिराया था, मुठभेड़ के दौरान दो सैनिकों की भी जान चली गई थी। 26 जून को डोडा में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए थे।
भाजपा (BJP) नेता कर रहे हैं विकास की बात
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरूण चुघ ने कहा, “जम्मू-कश्मीर को मुफ्ती, अब्दुल्ला और गांधी-नेहरू परिवार की गिद्ध दृष्टी से हम बचाएंगे… ये तीनों परिवार जम्मू-कश्मीर को वापस 370 की जंजीरों में बांधना चाहते हैं, वापस कुषाण युग लाना चाहते हैं। भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता मेहनत करेगा और किसी भी सूरत में इन तीन परिवारों का षड्यंत्र पूरा नहीं होने दिया जाएगा…अब जम्मू-कश्मीर आगे बढ़ चुका है। इन तीन परिवारों ने 1990 में जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के साथ छल किया था…”