पेट से जुड़े इन 4 लक्षणों को ना करें नजरअंदाज, फोर्टिस हॉस्पिटल के सर्जन ने किया आगाह
Authored By: स्मिता
Published On: Sunday, November 30, 2025
Updated On: Sunday, November 30, 2025
कई सर्जिकल समस्याएँ शुरू में हल्के लक्षण देकर चेतावनी देती हैं, जिन्हें लोग अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं. डॉ. शर्मा के अनुसार, ऐसे संकेतों को अनदेखा करने से मामूली समस्या भी गंभीर या जानलेवा स्थिति में बदल सकती है. समय पर जांच, सही इलाज और तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना बेहद ज़रूरी है.
Authored By: स्मिता
Updated On: Sunday, November 30, 2025
Stomach Warning Signs 2025: क्या आप हल्के पेट दर्द, हल्का बुखार या छोटे-छोटे दर्द को अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं क्योंकि यह अपने आप ठीक हो जाता है? यह आदत खतरनाक हो सकती है. ऐसे लगातार या बार-बार होने वाले लक्षण कभी-कभी किसी गंभीर बीमारी का संकेत होते हैं. इन्हें नजरअंदाज करने से इलाज में देरी हो सकती है और मामूली समस्या भी गंभीर स्थिति में बदल सकती है. इसलिए अपने शरीर के शुरुआती संकेतों पर ध्यान देना जरूरी है. समय पर डॉक्टर से सलाह लेने से बड़ी बीमारियों को रोका जा सकता है और स्वास्थ्य सुरक्षित रखा जा सकता है.
फोर्टिस अस्पताल और शल्या क्लिनिक के डॉ. पंकज शर्मा ने पेट से जुड़े लक्षणों को जल्दी पहचानने और सही समय पर इलाज कराने का महत्व बताया. उन्होंने कहा कि अपने शरीर के संकेतों को नजरअंदाज न करें और घरेलू उपाय या दर्द निवारक दवाओं से लक्षण दबाएँ नहीं. समय पर डॉक्टर से सलाह लेने से गंभीर बीमारियों को रोका जा सकता है, सर्जरी सुरक्षित और रिकवरी आसान होती है. मुख्य बात यह है कि लगातार या अस्पष्ट पेट दर्द, ऐंठन या अन्य लक्षणों को अनदेखा न करें. जल्दी चिकित्सा सहायता लेने से आपका स्वास्थ्य और भविष्य सुरक्षित रहता है.
प्रारंभिक लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है
सर्जिकल आपात स्थितियाँ अक्सर धीरे-धीरे शुरू होती हैं. हल्की पेट की ऐंठन, हल्का दर्द या हल्का बुखार कई लोग अनदेखा कर देते हैं, सोचकर कि ये अपने आप ठीक हो जाएंगे. लेकिन डॉ. पंकज शर्मा के अनुसार, ये छोटे संकेत कभी-कभी गंभीर जटिलताओं से पहले की चेतावनी हो सकते हैं. कई लोग व्यस्तता, अस्पताल जाने का डर या घरेलू उपचारों पर भरोसा करके इन लक्षणों को नजरअंदाज़ कर देते हैं. अगर इलाज में देरी होती है, तो मामूली परेशानी भी जानलेवा स्थिति में बदल सकती है.
डॉ. शर्मा कहते हैं, ‘मरीज़ों की सबसे बड़ी गलती यह मान लेना है कि दर्द अपने आप ठीक हो जाएगा. सर्जरी में देरी ही असली खतरा होती है. ‘ आम नज़रअंदाज़ की जाने वाली सर्जिकल आपात स्थितियों में अपेंडिसाइटिस, आंतों में रुकावट, पित्ताशय का संक्रमण, हर्निया और छिद्रित अल्सर शामिल हैं. शुरुआती लक्षण अक्सर हानिरहित लगते हैं, लेकिन समय पर ध्यान देना ज़रूरी है.
लगातार पेट दर्द हो सकता है अपेंडिसाइटिस का संकेत
अपेंडिसाइटिस आमतौर पर नाभि के आसपास हल्के और सुस्त दर्द से शुरू होता है, जो धीरे-धीरे पेट के निचले दाहिने हिस्से तक पहुँचता है. कई लोग इसे हल्का समझकर या दर्द निवारक दवाओं से दबा देते हैं. लेकिन अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो अपेंडिक्स सूज सकता है या फट भी सकता है.
डॉ. पंकज शर्मा कहते हैं, ‘कई मरीज जब मेरे पास आते हैं, तब तक स्थिति जटिल हो चुकी होती है – या तो छिद्र बन चुका होता है या फोड़ा हो गया होता है. शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देने से इसे आसानी से रोका जा सकता है. ‘
उल्टी और पेट फूलना हो सकता है आंतों में रुकावट का संकेत
अगर आपको लगातार उल्टी, पेट फूलना या कब्ज की समस्या हो रही है, तो यह आंतों में रुकावट का संकेत हो सकता है. खासकर उन लोगों में जिन्हें पहले पेट की सर्जरी, हर्निया या पाचन संबंधी समस्या रही हो. कई लोग इसे हल्की परेशानी समझकर या एसिडिटी और फ़ूड पॉइज़निंग मानकर नजरअंदाज कर देते हैं.
डॉ. पंकज शर्मा कहते हैं, ‘अगर आप मल त्याग नहीं कर पा रहे हैं, पेट में गैस या सूजन बनी हुई है, तो इंतज़ार न करें. ये सामान्य समस्या नहीं, बल्कि खतरे के संकेत हैं. समय पर इलाज जरूरी है ताकि गंभीर जटिलताओं से बचा जा सके. ‘
ऊपरी पेट में दर्द और बुखार हो सकता है पित्ताशय संक्रमण का संकेत
पित्ताशय का संक्रमण, जिसे एक्यूट कोलेसिस्टिटिस कहते हैं, आमतौर पर पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द और बुखार के साथ शुरू होता है. कई लोग इसे हल्का समझकर एसिडिटी या गैस्ट्राइटिस मान लेते हैं और एंटासिड दवाएं लेने लगते हैं, जिससे संक्रमण बढ़ सकता है. डॉ. पंकज शर्मा कहते हैं, ‘ऐसे लक्षणों को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. समय पर डॉक्टर से इलाज कराने से संक्रमण को रोका जा सकता है और गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है. ‘
ज्ञात हर्निया में अचानक दर्द हो सकता है स्ट्रैंगुलेटेड हर्निया का संकेत
अगर पहले दर्द रहित हर्निया अचानक तेज दर्द देने लगे, तो यह स्ट्रैंगुलेटेड हर्निया हो सकता है. यह एक गंभीर स्थिति है और तुरंत इलाज की जरूरत होती है. डॉ. पंकज शर्मा बताते हैं, ‘दर्द रहित हर्निया कभी भी स्ट्रैंगुलेटेड हो सकता है, जिससे आंत में खून की आपूर्ति रुक सकती है. अगर इलाज में देरी हुई, तो आंत गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो सकती है. ‘ इसलिए ऐसे लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
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