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गोली, आग और हिंसा: हादी की मौत से क्यों उबला बांग्लादेश
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Friday, December 19, 2025
Last Updated On: Friday, December 19, 2025
बांग्लादेश के नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश एक बार फिर हिंसा की चपेट में है. इस हिंसा ने आने वाले चुनावों से पहले बांग्लादेश को पुनः राजनीतिक संकट की ओर धकेल दिया है. हालांकि अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर रहे मुहम्मद यूनुस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Last Updated On: Friday, December 19, 2025
Hadi Death: गुरुवार (18 दिसंबर) देर रात बांग्लादेशी नेता शरीफ उस्मान हादी की सिंगापुर में हुई मौत की खबर सामने आते ही बांग्लादेश के कई शहरों में हिंसा भड़क उठी. राजधानी ढाका से लेकर चटगांव, राजशाही और की अन्य प्रमुख शहरों की सड़कों पर आगजनी, तोड़फोड़ और झड़पों की घटनाएं हुईं. चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे एक नेता की मौत और उसके बाद भड़की हिंसा ने देश में होने वाले राष्ट्रीय चुनावों पर कई तरह के सवाल खड़े किए हैं. इस हिंसा से बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ने की आशंका को गहरा कर दिया है.
कौन था हादी
बांग्लादेशी नेता हादी का पूरा नाम शरीफ उस्मान हादी था. वह 32 वर्ष के थे. वे आगामी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे. पिछले साल बांग्लादेश में हुए हिंसक आंदोलन का वह प्रमुख चेहरा थे. उस आंदोलन ने ही बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था. सत्ता गंवाने के बाद शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था.
‘इंकलाब मंच’ और हादी
शरीफ उस्मान हादी ‘इंकलाब मंच’ नामक प्लेटफॉर्म के प्रवक्ता थे. यह मंच खुद को अपनी वेबसाइट पर ‘विद्रोह की भावना से प्रेरित एक क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच’ बताता है. हादी भारत के खिलाफ था. वह हमेशा भारत-बांग्लादेश संबंधों पर तीखे बयान देता रहता था. साथ ही बांग्लादेश के युवाओं को भारत के खिलाफ भड़काता रहता था.
छात्र राजनीति से उभरे हादी को हाल के महीनों में युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रियता मिल रही थी. खासकर शेख हसीना सरकार के पतन के बाद, उनकी पार्टी (आवामी लीग) का वह सबसे मुखर होकर विरोध कर रहा था.
सिंगापुर में हादी की मौत
हादी पर हमला पिछले शुक्रवार (12 दिसंबर) को ढाका में हुआ था. तब वे चुनाव प्रचार शुरू कर रहे थे. नकाबपोश हमलावरों ने उनके सिर में गोली मार दी थी. गंभीर रूप से घायल हादी को पहले एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. बाद में उन्हें बेहतर इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया.
सिंगापुर में छह दिनों तक लाइफ सपोर्ट पर रहने के बाद कल देर रात उनकी मौत हो गई. जैसे ही मौत की खबर बांग्लादेश पहुंची, समर्थकों और कट्टर छात्र संगठनों में आक्रोश फैल गया.
मीडिया दफ्तरों पर हमला
हादी की मौत के बाद ढाका में हालात उस वक्त और बिगड़ गए जब गुस्साई भीड़ ने देश के दो प्रमुख अखबारों, ‘प्रोथोम आलो’ और ‘डेली स्टार’ के दफ्तरों में तोड़फोड़ की. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में प्रदर्शनकारी खिड़कियां तोड़ते, फर्नीचर जलाते और नारेबाजी करते दिखते हैं.
‘डेली स्टार’ के दफ्तर में आग तब लगा दी गई, जब वहां की 9 वीं मंजिल पर कई पत्रकार काम कर रहे थे. बाद में अग्निशमन सेवा ने आग पर काबू किया. अग्निशमन कर्मियों ने ही इमारत के अंदर फंसे पत्रकारों को सुरक्षित बाहर निकाला. विभिन्न शहरों में हालात को देखते हुए, सेना को तैनात किया गया है.
- बांग्लादेशी नेता हादी की मौत से चुनाव पूर्व देश भर में अशांति फैली.
- प्रदर्शनकारियों ने मीडिया दफ्तरों, राजनीतिक स्थानों और सांस्कृतिक इमारतों में आग लगाई.
- यूसुफ सरकार ने शोक की घोषणा की, बढ़ते तनाव के बीच शांति बनाए रखने की अपील की.
देशभर में आगजनी और तोड़फोड़
यह हिंसा सिर्फ ढाका तक सीमित नहीं रही. उत्तर-पश्चिमी जिले राजशाही में प्रदर्शनकारियों ने बुलडोजर से अवामी लीग पार्टी के कार्यालय को ध्वस्त कर दिया. कई जिलों में प्रमुख राजमार्गों को भी जाम कर दिया है.
चटगांव में प्रदर्शनकारियों ने भारतीय सहायक उच्चायोग पर हमला किया और अवामी लीग के एक पूर्व शिक्षा मंत्री के घर में भी आग लगा दी. इसके अलावा देश के पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान (शेख हसीना के पिता) के घर में एक बार फिर तोड़फोड़ और आगजनी की गई. इस इमारत पर इससे पहले भी दो बार हमले हो चुके हैं.
अंतरिम सरकार पर बढ़ता दबाव
अगस्त 2024 से बांग्लादेश में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार शासन कर रही है. शेख हसीना छात्र-नेतृत्व वाले विद्रोह के बाद भारत चली गई थीं. यह सरकार पहले ही सुधारों में देरी, विपक्षी दलों के असंतोष और अवामी लीग को आगामी 12 फरवरी के चुनावों में भाग लेने से रोके जाने को लेकर दबाव में है. इसके बाद हादी की हत्या ने हालात को और बिगाड़ दिया है.
यूनुस ने क्या कहा?
हादी की मौत के बाद मुहम्मद यूनुस ने राष्ट्र को संबोधित किया. मुहम्मद यूनुस ने कहा, ‘शरीफ उस्मान हादी का निधन देश के राजनीतिक और लोकतांत्रिक भविष्य के लिए एक अपूरणीय क्षति है.’ उन्होंने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की और भरोसा दिलाया कि सरकार इस हत्या की पारदर्शी जांच कराएगी. यूनुस ने चेतावनी दी कि हिंसा देश को एक निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव की ओर ले जाने के रास्ते को कमजोर कर सकती है.
बांग्लादेश की अंतरिम प्रशासन ने शनिवार (20 दिसंबर) को हादी के सम्मान में राजकीय शोक दिवस घोषित किया है. इस दिन राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे और देशभर में विशेष प्रार्थनाएं आयोजित की जाएंगी.
मुश्किल में बांग्लादेश
सड़कों पर फैली हिंसा और भारत विरोधी नारों ने यह साफ कर दिया है कि बांग्लादेश आने वाले हफ्तों में एक कठिन राजनीतिक दौर से गुजरने वाला है. बांग्लादेश एक समय एशियाई देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं मे से एक बन गया था. विदेशी निवेश तेजी से बढ़ रहा था. लेकिन पिछले करीब एक साल से वहां हिंसा और आगजनी ने सब कुछ तबाह कर दिया है.
चुनाव से पहले शांति बहाल करना और भरोसेमंद लोकतांत्रिक प्रक्रिया सुनिश्चित करना अंतरिम सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है.
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