About Author: अनुराग श्रीवास्तव ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों को कवर करते हुए अपने करियर में उल्लेखनीय योगदान दिया है। क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, और अन्य खेलों पर उनके लेख और रिपोर्ट्स न केवल तथ्यपूर्ण होती हैं, बल्कि पाठकों को खेल की दुनिया में गहराई तक ले जाती हैं। उनकी विश्लेषणात्मक क्षमता और घटनाओं को रोचक अंदाज में प्रस्तुत करने का कौशल उन्हें खेल पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट बनाता है। उनकी लेखनी खेलप्रेमियों को सूचनात्मक और प्रेरक अनुभव प्रदान करती है।
Posts By: अनुराग श्रीवास्तव
कुछ ही दिनों में पेरिस ओलंपिक शुरू होने जा रहा है। इस ओलंपिक के बीच बात हॉकी भारत के उस गुमनाम हीरो की, जिसके नेतृत्व में पहला गोल्ड भारत की झोली में आया।
मोटिवेशनल कहानियां हमारे इर्द-गिर्द बहुत हैं, इनसे हमें सीखना भी चाहिए, लेकिन सूर्या की कहानी सिखाती ही नहीं है, जीवन में कठिनाइयों को काटने की कला से भी परिचित कराती है।
रियल मैड्रिड...फुटबाल की दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित और ताकतवर टीम। शायद हर पेशेवर फुटबालर का सपना इस टीम का हिस्सा बनने का होता है, जाहिर है कि एमबापे का भी यही स्वप्न रहा होगा।
ओलंपिक यानी खेल की दुनिया का महामेला। सैकड़ों खिलाड़ी, दसियों देश और दांव पर हजारों मेडल। यूं तो हर खिलाड़ी की अभिलाषा मेडल जीतना ही होता है, लेकिन ओलंपिक में तो भाग लेना ही अपने आप में एचीवमेंट माना जाता है। कम से कम भारत के संदर्भ में बीते कुछ वर्षों तक तो यही कहा जाता रहा है, लेकिन अब तस्वीर तेजी से बदल रही है। सुनहरी भी हो रही है और सुखद भी।
डी गुकेश। महज एक पखवाड़े पहले इस नाम से शतरंज जगत के कुछ लोग ही परिचित हुआ करते थे। आज पूरा देश इस 17 वर्षीय बालक को सलाम कर रहा है, प्रेरणास्रोत बता रहा है, उनकी बुद्धि, प्रतिभा और साहसिक खेल का कायल हो चुका है।