8th Pay Commission India Salary Hike: सरकारी कर्मचारियों की कितनी बढ़ेगी सैलरी? किसे-कितना होगा फायदा? जानें पूरी डिटेल

8th Pay Commission India Salary Hike: सरकारी कर्मचारियों की कितनी बढ़ेगी सैलरी? किसे-कितना होगा फायदा? जानें पूरी डिटेल

Authored By: JP Yadav

Published On: Monday, March 3, 2025

Updated On: Monday, March 3, 2025

8th Pay Commission India Salary Hike: सरकारी कर्मचारियों की कितनी बढ़ेगी सैलरी? किसे-कितना होगा फायदा? जानें पूरी डिटेल
8th Pay Commission India Salary Hike: सरकारी कर्मचारियों की कितनी बढ़ेगी सैलरी? किसे-कितना होगा फायदा? जानें पूरी डिटेल

8th Pay Commission India Salary Hike: केंद्र सरकार के 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा के बाद से ही केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ोतरी को लेकर चर्चाएं तेज हैं.

Authored By: JP Yadav

Updated On: Monday, March 3, 2025

8th Pay Commission India Salary Hike: केंद्र सरकार ने 16 जनवरी, 2025 को 8वें वेतन आयोग के गठन का एलान किया था. ऐसे में जानकारों की मानें तो 8वां वेतन आयोग जनवरी 2026 से लागू हो सकता है. नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM-NC) ने सरकार से फिटमेंट फैक्टर को कम से कम 2.57 या उससे अधिक करने की मांग की है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में 1.92 से 2.86 की रेंज में फिटमेंट फैक्टर को आधार बनाएगा. जानकारों का कहना है कि अगर 2.86 फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश को हरी झंडी मिल जाती है तो 50 लाख से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारी का न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये प्रति माह से बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगा. इसी फैक्टर के आधार पर न्यूनतम पेंशन मौजूदा 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये हो जाएगी. इससे देशभर में 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को फायदा होगा.

16 जनवरी को मिली थी 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी

यहां पर बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 जनवरी, 2025 को करीब 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन और 65 लाख पेंशनभोगियों के भत्तों में संशोधन के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी.

मूल वेतन में 40-50 % की हो सकती है वृद्धि

बता दें कि फिटमेंट फैक्टर एक गुणक (Multiplier) है, जिसका इस्तेमाल केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के संशोधित मूल वेतन की गणना करने के लिए किया जाता है. 7वें वेतन आयोग के तहत सभी कर्मचारियों के लिए समान रूप से 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू करने का प्रस्ताव दिया था. वहीं, 6वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर लगभग 1.86 था. ऐसे में विशेषज्ञों का मानना ​​है कि 8वां वेतन आयोग 2.28 और 2.86 की सीमा में फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश कर सकता है, जिससे संभावित रूप से मूल वेतन में 40-50 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है.

प्रदर्शन वेतन (performance pay) में भी होगा इजाफा

8वां वेतन आयोग वेतन कैलकुलेटर टीमलीज डिजिटल की सीईओ नीति शर्मा की मानें तो सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन में संभावित रूप से 25-30 प्रतिशत और पेंशन में आनुपातिक रूप से वृद्धि हो सकती है. ऐसे में मूल न्यूनतम वेतन 40,000 से अधिक होने की उम्मीद है. इसके साथ ही भत्ते और प्रदर्शन वेतन (performance pay) भी बढ़ सकते हैं. 8वें वेतन आयोग से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में महत्वपूर्ण बदलाव आने की उम्मीद है, जिसमें फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच रहने का अनुमान है. जाहिर है कि इससे कर्मचारियों के मूल वेतन में 40-50 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है.

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किसकी  और कितनी होगी सैलरी ?

उदाहरण के लिए वर्तमान में 20,000 रुपये का मूल वेतन पाने वाले कर्मचारी का वेतन 46,600 रुपये से 57,200 रुपये के बीच कहीं भी बढ़ सकता है. 8वां वेतन आयोग फिटमेंट फैक्टर कैलकुलेटर अगर आयोग 2.86 के फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश करता है, तो इससे सरकारी कर्मचारियों का मूल वेतन 18,000 से बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगा. अगर 2.86 वर्तमान मूल वेतन का उपयोग करेगा तो न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 36,000 रुपये हो जाएगी.

फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच रहने का अनुमान है

फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच रहने का अनुमान है

8वें वेतन आयोग मेन प्वाइंट्स

वेतन और भत्तों का पुनर्गठन: सभी केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन ढांचे की व्यापक समीक्षा की जाएगी, जिसमें अखिल भारतीय सेवाओं, रक्षा बलों, अर्धसैनिक बलों, डाक विभाग (ग्रामीण डाक सेवक) और केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारी शामिल होंगे.

बेहतर अवसर की सिफारिश: गैर-पेशेवर वेतनमानों को मिलाकर बेहतर करियर प्रगति के अवसर प्रदान करने की सिफारिश की गई है. इसके अलावा संशोधित सुनिश्चित कैरियर प्रगति (एमएसीपी) योजना में सुधार की मांग की गई है, ताकि कर्मचारियों को कम से कम पांच पदोन्नति मिल सके.

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न्यूनतम वेतन और राष्ट्रीय वेतन नीति

वेतन आयोग को एक्रोयड फार्मूले और 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के आधार पर उचित न्यूनतम वेतन तय करने की जिम्मेदारी दी जाएगी. वेतन संरचना बनाते समय मुद्रास्फीति, जीवन यापन की लागत और उपभोक्ता खर्च पैटर्न को ध्यान में रखने की सिफारिश की गई है.

महंगाई भत्ता (डीए) और अंतरिम राहत

कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मूल वेतन में महंगाई भत्ता (डीए) शामिल करने की सिफारिश की गई है. नए वेतन आयोग के लागू होने तक केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अंतरिम राहत की मांग की गई है.

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सेवानिवृत्ति लाभ और पेंशन सुधार

पेंशन, ग्रेच्युटी और पारिवारिक पेंशन में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है. 1 जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (सीसीएस पेंशन नियम 1972) को बहाल करने की जोरदार मांग उठाई गई है. पेंशन समायोजन की अवधि को 15 वर्ष से घटाकर 12 वर्ष करने तथा हर 5 वर्ष पर पेंशन वृद्धि लागू करने की सिफारिश की गई है.

चिकित्सा एवं कल्याण लाभ

केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) में सुधार की मांग की गई है, ताकि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को कैशलेस और अधिक कुशल चिकित्सा सेवाएं मिल सकें. बच्चों की शिक्षा भत्ता और स्नातकोत्तर (पीजी) स्तर तक छात्रावास सब्सिडी बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है.

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About the Author: JP Yadav
जेपी यादव डेढ़ दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। वह प्रिंट और डिजिटल मीडिया, दोनों में समान रूप से पकड़ रखते हैं। अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान, लाइव टाइम्स, ज़ी न्यूज और भारत 24 जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी सेवाएं दी हैं। कई बाल कहानियां भी विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं. मनोरंजन, साहित्य और राजनीति से संबंधित मुद्दों पर कलम अधिक चलती है। टीवी और थिएटर के प्रति गहरी रुचि रखते हुए जेपी यादव ने दूरदर्शन पर प्रसारित धारावाहिक 'गागर में सागर' और 'जज्बा' में सहायक लेखक के तौर पर योगदान दिया है. इसके अलावा, उन्होंने शॉर्ट फिल्म 'चिराग' में अभिनय भी किया है।
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