ट्रंप की टैरिफ धमकियों के बीच मॉस्को में डोभाल, द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने पर जोर

Authored By: Ranjan Gupta

Published On: Wednesday, August 6, 2025

Last Updated On: Wednesday, August 6, 2025

Doval Moscow Visit के दौरान अजीत डोभाल रूस में द्विपक्षीय रक्षा बैठक करते हुए.
Doval Moscow Visit के दौरान अजीत डोभाल रूस में द्विपक्षीय रक्षा बैठक करते हुए.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों के बीच भारत के एनएसए अजीत डोभाल मॉस्को पहुंचे हैं. यहां वे रूस के शीर्ष रक्षा अधिकारियों से मुलाकात कर द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने पर चर्चा कर रहे हैं. भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी अब संयुक्त उत्पादन और अनुसंधान के दौर में प्रवेश कर चुकी है.

Authored By: Ranjan Gupta

Last Updated On: Wednesday, August 6, 2025

 Doval Moscow Visit: अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक तनाव के बीच भारत-रूस के बीच रक्षा सहयोग को लेकर हलचल तेज हो गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत को सस्ते रूसी तेल की खरीद पर चेतावनी दिए जाने और टैरिफ बढ़ाने की धमकी के बीच भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की मॉस्को यात्रा को बेहद अहम माना जा रहा है. 

इस दौरे में डोभाल ने वरिष्ठ रूसी अधिकारियों से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच रक्षा एवं सैन्य तकनीकी सहयोग को और मजबूती देने के प्रयासों पर जोर दिया. 

भारत-रूस की यह विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी एस-400, ब्रह्मोस, एके-203 जैसी कई प्रमुख रक्षा परियोजनाओं में साझा दृष्टिकोण पर आधारित है, जो अब पारंपरिक हथियार खरीद से आगे बढ़कर संयुक्त अनुसंधान और उत्पादन की दिशा में बढ़ रही है.

रूसी रक्षा मंत्रालय का बयान 

रूसी रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, “बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग से जुड़े समसामयिक मुद्दों पर चर्चा की और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के रूप में इस सहयोग को और मजबूत करने के प्रति प्रतिबद्धता जताई.”

बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि बैठक एक “गर्मजोशी और मित्रता पूर्ण वातावरण में” हुई, जो कि भारत-रूस संबंधों की पारंपरिक विशेषता रही है.

भारत-रूस के बीच रक्षा क्षेत्र में व्यापक सहयोग 

भारत और रूस के बीच रक्षा क्षेत्र में लंबे समय से गहरा और व्यापक सहयोग रहा है, जिसे दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की अध्यक्षता वाले भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग द्वारा मार्गदर्शित किया जाता है.

दोनों देशों के बीच एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति, टी-90 टैंकों और सुखोई-30 एमकेआई की लाइसेंस प्राप्त उत्पादन, मिग-29 और कामोव हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति, आईएनएस विक्रमादित्य (पूर्व में एडमिरल गोर्शकोव), भारत में एके-203 राइफल्स और ब्रह्मोस मिसाइलों के उत्पादन सहित कई द्विपक्षीय परियोजनाएं जारी हैं. 

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान S-400 की भूमिका

  • मई में पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने सफलतापूर्वक जवाबी कार्रवाई की थी और कई मिसाइल हमलों को विफल करते हुए दुश्मन को भारी क्षति पहुंचाई थी. इस दौरान एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की भूमिका को काफी सराहा गया.
  • नई दिल्ली और मॉस्को इस बात को स्वीकार करते हैं कि अब सैन्य-तकनीकी सहयोग पारंपरिक खरीद-बिक्री मॉडल से आगे बढ़कर संयुक्त अनुसंधान, सह-विकास और उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी एवं प्रणालियों के संयुक्त उत्पादन तक पहुंच चुका है.
  • गौरतलब है कि यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह घोषणा की है कि वे भारत से आयातित वस्तुओं पर वर्तमान 25 प्रतिशत शुल्क को “काफी बढ़ाने” जा रहे हैं. उन्होंने यह आरोप लगाया है कि भारत, रूस से सस्ता तेल खरीदकर “युद्ध मशीन को ईंधन” दे रहा है और उसे बड़े मुनाफे पर बेच रहा है.


About the Author: Ranjan Gupta
रंजन कुमार गुप्ता डिजिटल कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें डिजिटल न्यूज चैनल में तीन वर्ष से अधिक का अनुभव प्राप्त है. वे कंटेंट राइटिंग, गहन रिसर्च और SEO ऑप्टिमाइजेशन में माहिर हैं. शब्दों से असर डालना उनकी कला है और कंटेंट को गूगल पर रैंक कराना उनका जुनून! वो न केवल पाठकों के लिए उपयोगी और रोचक लेख तैयार करते हैं, बल्कि गूगल के एल्गोरिदम को भी ध्यान में रखते हुए SEO-बेस्ड कंटेंट तैयार करते हैं. रंजन का मानना है कि "हर जानकारी अगर सही रूप में दी जाए, तो वह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है." यही सोच उन्हें हर लेख में निखरने का अवसर देती है.


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