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ट्रंप के नए ऐलान से IT शेयरों में गिरावट जारी, अब क्या करें निवेशक
Authored By: Suman
Published On: Wednesday, September 24, 2025
Last Updated On: Wednesday, September 24, 2025
एच1बी वीजा की फीस (H1B VISA Fees) में भारी बढ़ोतरी के ऐलान के बाद भारतीय आईटी शेयरों में लगातार गिरावट (IT Share down) देखी जा रही है.
Authored By: Suman
Last Updated On: Wednesday, September 24, 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के एच1बी वीजा की फीस (H1B VISA Fees) में भारी बढ़ोतरी के ऐलान के बाद भारतीय आईटी शेयरों में लगातार गिरावट (IT Share down) देखी जा रही है. बुधवार को लगातार तीसरे दिन आईटी शेयरों में बिकवाली का माहौल रहा. वैसे बुधवार को शेयर बाजार भी लाल निशान में रहा. बीएसई सेंसेक्स 381.51 अंकों की गिरावट के साथ 81,720.59 पर बंद हुआ.
इन शेयरों में आई गिरावट
आज जिन आईटी शेयरों में गिरावट देखी गई उनमें कोफोर्ज (Coforge), टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) , एमफैसिस (Mphasis), पर्सिटेंट सिस्टम आदि प्रमुख रहे जिनमें 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई. विप्रो, एलटीआई माइंडट्री (LTI Mindtree), इन्फोसिस HCL Tech (एचसीएल टेक) और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के शेयरों में आधा से एक फीसदी की गिरावट आई है. निफ्टी आईटी इंडेक्स आधा फीसदी से ज्यादा गिरकर 34,997.70 के आसपास पहुंच गया है. यह पिछले दो हफ्ते का सबसे निचला स्तर है.
वैसे भी इस साल आईटी इंडेक्स सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले सूचकांक में शामिल रहा है. इसमें इस साल अब तक करीब 19 फीसदी की गिरावट आ चुकी है, जबकि इस दौरान बेंचमार्क निफ्टी में करीब 6 फीसदी की तेजी आ चुकी है.
क्या है मामला
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने गत 19 सितंबर को अमेरिका के एच1बी वीजा के लिए फीसद बढ़ाकर 1 लाख डॉलर (यानी करीब 89 लाख रुपये) कर दिया. पहले यह फीस 215 से 5,000 डॉलर के बीच ही था. यह भारतीय लोगों और भारतीय आईटी कंपनियों के लिए बड़ा झटका है क्योंकि अमेरिका में एच1बी वीजा का करीब तीन-चौथाई हिस्सा भारतीय लोग और खासकर आईटी कंपनियों के कर्मचारी हासिल करते हैं. एच1बी वीजा हासिल करने वालों में टीसीएस, विप्रो, एचसीएल जैसी कंपनियां आगे हैं जो अपने जूनियर लेवल के इंजीनियरों को अमेरिका में भेजती हैं.
यही नहीं ट्रंप प्रशासन अब यह भी कह रहा है कि वह एच1 बी वीजा के लिए लॉटरी सिस्टम खत्म कर सकता है. इन सबसे भारतीय आईटी कंपनियों को भारी नुकसान का डर है.
क्या करना चाहिए
जानकारों का कहना है कि आईटी कंपनियों पर इन सबका असर जरूर होगा, लेकिन इन कंपनियों ने हाल के वर्षों में एच1 बी वीजा पर निर्भरता घटाई है. भारतीय आईटी कंपनियां ऑफशोर हायरिंग और लोकल हायरिंग बढ़ाकर इससे निपटने की कोशिश करेंगी. हालांकि इसके बावजूद आईटी कंपनियों के अर्निंग पर 6 से 8 फीसदी तक असर पड़ सकता है. अब अगर भारत और अमेरिका के बीच कोई व्यापार समझौता हुआ तो ही ट्रंप प्रशासन इन सभी नकारात्मक कदमों को वापस ले सकता है. इसलिए आईटी शेयरों में फिलहाल वेट और वॉच की ही नजरिया अपनाना होगा.
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