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नीट-यूजी के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षा की संभावना: धर्मेंद्र प्रधान
नीट-यूजी के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षा की संभावना: धर्मेंद्र प्रधान
Authored By: अरुण श्रीवास्तव
Published On: Thursday, November 28, 2024
Updated On: Thursday, November 28, 2024
नीट-यूजी पेपर लीक से जुड़ी चिंताओं के जवाब में गठित राधाकृष्णन समिति ने कई बदलावों की सिफारिश की है। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है ऑनलाइन परीक्षा की ओर चरणबद्ध बदलाव ताकि पेपर आधारित परीक्षाओं की शुचित को बनाए रखते हुए इससे जुड़ी सुरक्षा चिंताओं को दूर किया जा सके। समिति ने एक हाइब्रिड मॉडल का भी सुझाव दिया है। आइए जानते हैं इन सुझावों के बारे में...
Authored By: अरुण श्रीवास्तव
Updated On: Thursday, November 28, 2024
हाइलाइट्स
- नीट के पेपर लीक से जुड़ी चिंताओं के जवाब में गठित राधाकृष्णन समिति ने कई बदलावों की सिफारिश की है।
- एनटीए को सलाह देने के उद्देश्य से एक निगरानी समूह भी बनाया गया है, जो हर चरण पर नजर रखेगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने संकेत दिया है कि नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET-UG) को कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) में बदलने की तैयारी हो रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) और पूर्व भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में गठित नई निगरानी समिति के साथ परामर्श कर एक आम सहमति बनाई जा रही है। यह समिति एनटीए को पारदर्शी और मजबूत परीक्षा प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सलाह और निगरानी करेगी।
नीट के पेपर लीक से जुड़ी चिंताओं के जवाब में गठित राधाकृष्णन समिति ने कई बदलावों की सिफारिश की है। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है ऑनलाइन परीक्षा की ओर चरणबद्ध बदलाव ताकि पेपर आधारित परीक्षाओं से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं को दूर किया जा सके। समिति ने एक हाइब्रिड मॉडल का भी सुझाव दिया है, जिसमें प्रश्नपत्र डिजिटल रूप से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाए जाएंगे और उत्तर पत्रक पर दर्ज किए जाएंगे। इससे प्रश्नपत्रों की छपाई, भंडारण और परिवहन के दौरान होने वाली समस्याओं को कम किया जा सकेगा।
धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि हमने समिति की रिपोर्ट को लागू करना शुरू कर दिया है। एक निगरानी समूह बनाया गया है, जो एनटीए को सलाह और निगरानी प्रदान करेगा। यह एक तृतीय पक्ष सतर्कता प्रणाली के रूप में काम करेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय इस परीक्षा का प्राथमिक ग्राहक है और उससे सुझाव लिए जा रहे हैं। एनटीए ही परीक्षा का संचालन करेगा। हमारे पास दो विकल्प हैं- पेपर आधारित और कंप्यूटर आधारित। मंत्रालय, समिति और एनटीए के साथ परामर्श और विचार-विमर्श के बाद, हम कंप्यूटर आधारित परीक्षा की दिशा में बढ़ रहे हैं।