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अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट के लिए यूजीसी ने जारी की गाइडलाइन

अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट के लिए यूजीसी ने जारी की गाइडलाइन

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Thursday, December 5, 2024

UGC guidelines for ug and pg Students
UGC guidelines for ug and pg Students

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में डिग्री प्रदान करने के लिए नया दिशा-निर्देश जारी किया है। इसमें शिक्षण संस्थान साल में दो बार एडमिशन ले सकेंगे वहीं छात्र प्रवेश परीक्षा पास कर किसी भी विषय में ले सकेंगे एडमिशन।

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Updated On: Thursday, December 5, 2024

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में डिग्री प्रदान करने के लिए नया दिशा-निर्देश जारी किया है। यूजीसी रेगुलेशन 2024 का मूल उद्देश्य उच्च शिक्षा को छात्रों के लिए अधिक लचीलापन बनाना है। यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने इसकी घोषणा करते हुए कहा है कि समावेशिता और एक से अधिक विषयों को सीखने के अवसरों को शामिल करके भारत में उच्च शिक्षा को बदलना है।

द्विवार्षिक प्रवेश की सुविधा

यूजीसी की ओर से जारी विनियम-2024 में कहा गया है कि उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) छात्रों को द्विवार्षिक प्रवेश की सुविधा प्रदान कर सकते हैं। इस सुविधा के तहत उच्च शिक्षण संस्थान छात्रों का साल में दो बार एडमिशन ले सकते हैं। यदि शिक्षण संस्थान इसे शुरू करते हैं तो साल में दो शैक्षणिक सत्र चलेंगे। छात्रों को कई तरह की सुविधा इसमें मिलेगा।
इस विनियमों में छात्रों को कई प्रवेश और निकास, पूर्व शिक्षा की मान्यता और एक साथ दो अंडर ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में अध्ययन करने जैसा लचीलेपन के प्रावधान को शामिल किया गया है।

किसी भी विषय में ले सकते हैं एडमिशन

इस नियम के लागू होने के बाद छात्र अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट के किसी भी विषय में एडमिशन ले सकेंगे। विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एडमिशन में अब कठोर अनुशासन हटा दिया गया है। इन विनियमों के तहत छात्र अपनी पिछली विषय की योग्यता के बावजूद किसी भी अन्य पाठ्यक्रम में एडमिशन ले सकते हैं। बस, इसके लिए छात्र को जरूरी प्रवेश परीक्षाओं को पास करना होगा।
ये सभी दिशा-निर्देश नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप बनाया गया है। इसके अलावा यूजीसी के नए दिशा-निर्देश में उच्च शिक्षण संस्थानों को छात्रों की उपस्थिति आवश्यकताओं को निर्धारित करने के लिए स्वायत्तता दिया गया है।

प्रमुख विषय के साथ अन्य विषय में भी अंक

इस दिशा-निर्देश के मुताबिक छात्रों के पास अब अपने प्रमुख विषय में अपने क्रेडिट का 50 प्रतिशत अंक अर्जित करने का विकल्प होगा। शेष क्रेडिट अंक कौशल विकास, प्रशिक्षुता या बहु-विषयक विषयों को आवंटित किए जा सकते हैं। यूजीसी प्रमुख एम जगदीश कुमार ने बताया कि इससे समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा। इन सुधारों के साथ हम यह सुनिश्चित करते हैं कि भारतीय उच्च शिक्षा विविध शिक्षार्थियों की आवश्यकताओं पर केंद्रित हुए वैश्विक मानकों के अनुरूप हो।

यूजीसी रेगुलेशन-2024 के प्रमुख बिंदु

  • द्विवार्षिक प्रवेश को के लिए तैयार उच्च शिक्षा संस्थानों को द्विवार्षिक प्रवेश की सुविधा दी गई है। इसमें संस्थान साल में दो बार जुलाई/अगस्त और जनवरी/फरवरी में छात्रों को प्रवेश दे सकते हैं।
  • इसमें बहु-प्रवेश और निकास, निरंतर रचनात्मक मूल्यांकन, पूर्व शिक्षा की मान्यता, दो यूजी या पीजी पाठ्यक्रम करने का प्रावधान दिया गया है।
  • कक्षा 12 या यूजी में छात्र द्वारा लिए गए किसी भी विषय के बावजूद, छात्र यूजी कार्यक्रम या पीजी कार्यक्रम के किसी अन्य विषय में भी प्रवेश के लिए पात्र है। बशर्ते छात्र को यूजी या पीजी पाठ्यक्रम के विषय में राष्ट्रीय या विश्वविद्यालय स्तर की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करता है।
  • एनईपी 2020 द्वारा सुझाए गए विविध शिक्षण मोड और समग्र और बहु-विषयक सीखने के अवसरों पर विचार करते हुए, उच्च शिक्षा संस्थान अपने वैधानिक निकायों की स्वीकृति के साथ विभिन्न कार्यक्रमों में छात्रों की न्यूनतम उपस्थिति आवश्यकता पर निर्णय ले सकेंगे।
  • स्नातक की डिग्री की अवधि 3 या 4 वर्ष होगी और स्नातकोत्तर डिग्री सामान्यतः 1 वर्ष या 2 वर्ष होगी। हालांकि स्नातक की डिग्री की अवधि कम या अधिक हो सकती है। त्वरित डिग्री कार्यक्रम (ADP) और विस्तारित डिग्री कार्यक्रम (EDP) के मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं:
  • ADP और EDP केवल स्नातक स्तर पर लागू होते हैं।
  • उच्च शिक्षा संस्थान स्वीकृत प्रवेश का 10% तक ADP के लिए निर्धारित कर सकते हैं। इसमें EDP के लिए कोई सीमा नहीं है।
  • उच्च शिक्षा संस्थान द्वारा गठित समिति पहले या दूसरे सेमेस्टर में उनके प्रदर्शन के आधार पर छात्र की क्रेडिट-पूरा करने की क्षमता का मूल्यांकन करेगी और अपनी सिफारिशें देगी।
  • छात्रों के पास पहले सेमेस्टर या दूसरे सेमेस्टर के अंत में ADP या EDP चुनने का विकल्प होगा। उसके बाद नहीं।
गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।

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