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ना रोड शो, ना प्रचार में… आखिर क्यों एक मंच पर साथ नहीं दिखे मोदी-नीतीश?
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Monday, November 10, 2025
Last Updated On: Monday, November 10, 2025
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण से पहले सबसे बड़ा सवाल यही रहा कि आखिर क्यों पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक मंच पर नहीं दिखे? विपक्ष ने इसे ‘राजनीतिक दूरी’ करार दिया, तो अब केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसका साफ जवाब दिया है. उन्होंने बताया कि एनडीए में सब कुछ सामान्य है और प्रचार रणनीति पहले से तय थी.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Monday, November 10, 2025
Modi Nitish Rift 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अब निर्णायक मोड़ पर है. दूसरे चरण की वोटिंग से ठीक पहले राजनीति में एक दिलचस्प चर्चा ने जोर पकड़ लिया है कि आखिर क्यों एनडीए के दो बड़े चेहरे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, एक भी मंच पर साथ नजर नहीं आए? न रोड शो, न साझा सभा, न कोई संयुक्त अपील… ऐसे में विपक्ष ने सवाल उठाया कि क्या एनडीए के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा? क्या बीजेपी नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनाना चाहती? इन सवालों के बीच अब केंद्रीय मंत्री और बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि यह सब ‘राजनीतिक रणनीति’ का हिस्सा था. उन्होंने बताया कि छठ पर्व, बारिश और सीमित समय के कारण नेताओं ने अलग-अलग इलाकों में प्रचार की जिम्मेदारी बांटी थी.
नीतिश के बिना ही प्रचार अभियान की शुरुआत
दरअसल, धर्मेंद्र प्रधान एएनआई से बात कर रहे थे. उनसे पूछा गया कि आखिर पीएम मोदी और नीतीश कुमार एक मंच, एक रैली या एक रोड शो में साथ क्यों नहीं दिखे? इस पर धर्मेंद्र प्रधान ने जवाब दिया कि चुनाव की घोषणा से पहले ही प्रधानमंत्री मोदी बिहार के कई बड़े सरकारी कार्यक्रमों में शामिल हो चुके थे. 24 अक्टूबर को एनडीए ने समस्तीपुर से औपचारिक रूप से प्रचार अभियान की शुरुआत की थी. उस समय एनडीए के सभी बड़े नेता मौजूद थे नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार, चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और बीजेपी-जेडीयू के तमाम वरिष्ठ नेता.
छठ और बारिश से बदली योजना
प्रधान ने आगे कहा, “हमने पहले से तय किया था कि सभी नेता अलग-अलग जगह प्रचार करेंगे. छठ पर्व और दो दिन की बारिश की वजह से प्रचार का समय थोड़ा घट गया. इस कारण हर नेता प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, पार्टी अध्यक्ष और बिहार एनडीए के बाकी नेताओं के लिए अलग-अलग कार्यक्रम तय किए गए. रविवार की रात 11-12 बजे तक भी एनडीए की सभाएं चलती रहीं.”
“कमल या तीर?” वाले सवाल पर जवाब
जब उनसे पूछा गया कि कुछ मतदाता भ्रमित हो गए थे. उन्हें समझ नहीं आया कि कमल ही तीर है या तीर ही कमल? कई जीविका दीदियों ने कहा कि उन्हें तीर का निशान नहीं दिखा, तो वे समझ नहीं पाईं कि एनडीए को वोट देने के लिए कमल दबाना है. इस पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 2005, 2010, 2020, 2009, 2019 और 2024 तीन-तीन विधानसभा और लोकसभा चुनाव एनडीए ने मिलकर लड़े हैं. एनडीए हमेशा एकजुट रहा है. उन्होंने कहा, “एनडीए की ताकत एक है, और पूरा समाज उसे पहचानता है.”
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